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MP में करोड़ों की धान का घोटाला, गुजरात की गो ग्रीन कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ FIR

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 5, 2024, 9:57 PM IST

Updated : Feb 5, 2024, 10:18 PM IST

Jabalpur Paddy Scam
MP में करोड़ों की धान का घोटाला

Jabalpur Paddy Scam: जबलपुर में 2 करोड़ 57 लाख रुपए की धान चोरी के मामले में पुलिस ने गुजरात की गो ग्रीन कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की है.

MP में करोड़ों की धान का घोटाला

जबलपुर। जिला प्रशासन की ओर से गुजरात के अहमदाबाद की गो ग्रीन कंपनी के खिलाफ जबलपुर के गोहलपुर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया है. इसमें कंपनी के सीईओ और अन्य अधिकारियों के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया गया है. गौरतलब है कि इस कंपनी के खिलाफ बालाघाट में भी लगभग 17 करोड़ की धान बर्बाद करने के आरोप में थाने में मुकदमा दर्ज है. दरअसल गुजरात की गो ग्रीन कंपनी ने सरकारी भंडारण की ढाई करोड़ की धान गायब कर दी थी.

धान भंडारण का ठेका गो ग्रीन को

मध्य प्रदेश सरकार ने धन भंडारण के लिए निजी कंपनियों को ठेके दिए थे. जबलपुर में ठेका गो ग्रीन नाम की कंपनी को मिला था, जिसने जबलपुर के हृदय नगर गांव में एक पहाड़ी पर ओपन सेट बनाया था. इस सेट में करोड़ों रुपए की धान रखी थी. लेकिन जब सरकार ने स्थान को उठाना शुरू किया तो इसमें लगभग ढाई करोड़ की धान कम पाई गई.

पुलिस को जांच सौंपी

इस ओपन शेड में 7390.560 मीट्रिक टन धान रखी गई थी. धान को मध्य प्रदेश लॉजिस्टिक कार्पोरेशन और जबलपुर खाद्य आपूर्ति विभाग ने यहां रखवाया था. लेकिन जांच के बाद जब लॉजिस्टिक्स कॉरपोरेशन और खाद्य आपूर्ति विभाग को धान की मात्रा कम वापस मिली. लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के अधिकारी की ओर से जबलपुर पुलिस को इस बात की शिकायत की कि निजी कंपनी ने सरकारी खजाने की धान गायब कर दी है. पुलिस ने लगभग तीन माह तक इस पूरे मामले की जांच की, गो ग्रीन कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों से दस्तावेज खंगाले गए. पूरी आवक को जांचने के बाद लगभग 2 करोड़ 57 लाख रुपए की धान कम पाई गई.

गो ग्रीन के सीईओ के खिलाफ मामला दर्ज

अब इस मामले में गोसलपुर थाने में गो ग्रीन वेयर हाउस सीईओ संतोष साहू व अन्य के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया गया है. मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के जिला प्रबंधक एसआर निमोदा द्वारा थाने में दी गयी शिकायत में बताया गया ओपन कैप में कुल का भंडारण हुआ, जिसमें से 5916.424 मीट्रिक टन धान की निकासी हुई. बाकी की 1474.136 ओपन कैप में रखी गयी थी. मप्र वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के जिला प्रबंधक एसआर निमोदा के अनुसार, इसमें से दो प्रतिशत कि कमी को छोड़कर गोदाम में 2 करोड़ 57 लाख 30 हजार 705 रुपए कीमत की (1326.325 मीट्रिक टन) धान होनी थी. लेकिन ओपन कैप में धान नहीं मिली. इसकी जाँच किए जाने पर वेयर हाउस सीईओ व उनके साथियों द्वारा धान को खुर्द-बुर्द करने की बात सामने आई है.''

एसआर निमोदा ने बताया कि ''जिले में 7 ओपन कैप बनवाए हैं. इनमें हृदयपुर, बरखेड़ा, भरतपुर, बंदरकोला, तिलसनी, बीजापुरी और दर्शनी शामिल थे. हमने जबलपुर की हृदयपुर की साइट पर जाकर धान की बर्बादी होते हुए देखी. यहां कंपनी की ओर से सही ढंग से सेट का मैनेजमेंट नहीं किया गया, इस वजह से धान बर्बाद हो गई. इसमें कुछ धान तो खराब हुई है और बड़ी तादाद में अच्छी धन को बेच दिया गया. गो ग्रीन कंपनी गुजरात के अहमदाबाद की है.''

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करोड़ों की धान का घोटाला

गो ग्रीन कंपनी को जबलपुर के अलावा बालाघाट में भी धान के रखरखाव की जिम्मेदारी सौंप गई थी. लेकिन यहां पर भी कंपनी सही ढंग से सरकारी धान की हिफाजत नहीं कर पाई. यहां भी गो ग्रीन कंपनी के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. बालाघाट में लगभग 17 करोड़ की धान बर्बाद करने के आरोप में गो ग्रीन के खिलाफ थाने में शिकायत की गई है. पूरे मध्य प्रदेश में इस कंपनी ने सरकार के लगभग करोड़ों की धान का घोटाला किया है.

Last Updated :Feb 5, 2024, 10:18 PM IST
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