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जबलपुर में 66 साल की मां ने अपने जवान बेटे को किडनी देकर नया जीवन दिया - Jabalpur Kidney transplant

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 13, 2024, 9:56 AM IST

इस धरती पर मां के समान कोई नहीं. अपनी जान पर खेलकर मां बच्चों की रक्षा करती है. ऐसे ही जबलपुर में एक बुजुर्ग मां ने अपने जवान बेटे को किडनी देकर नया जीवन दिया. अब दोनों स्वस्थ हैं.

Jabalpur Kidney transplant
जबलपुर में 66 साल की मां ने अपने जवान बेटे को किडनी दी (ETV BHARAT)

इंदौर। कहा भी जाता है कि मां की ममता का कोई मोल नहीं होता. मां 9 महीने तक अपने कोख में बच्चे को पालती है और इसके बाद पालन पोषण से लेकर जब तक वह जिंदा रहती है, अपनी संतान के लिए समर्पित रहती है. ऐसी ही एक जबलपुर की मां ने अपने बेटे को बचाने के लिए अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी. 66 साल की बुजुर्ग मां ने अपने बेटे को दोबारा नया जीवन देकर यह साबित कर दिखाया है कि मां अपने बेटे को काल के मुंह से भी छुड़ाकर ला सकती है.

बेटे की दोनों किडनी खराब हो गई थीं

36 साल की उम्र में ही बेटे की दोनों किडनी खराब हो चुकी थीं. डॉक्टर ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए. लेकिन उस मां ने जिस बेटे को जन्म दिया, वह उसे काल के मुंह से भी छुड़ाकर ले आई. जबलपुर के कुंडा कला गांव की रहने बाली बुजुर्ग मां ने बताया "बेटे की हालत उससे देखी नहीं जा रही थी. बेटे को तड़पता हुआ देख उसके आंसू भी रुकने के नाम नहीं ले रहे थे. उसने ठान लिया कि वह अपनी किडनी दान कर बेटे को दोबारा जन्म देगी." किडनी ट्रांसप्लांट होने के बाद मां और बेटे को घर भेज दिया गया है, जहां दोनों अब खतरे से बाहर हैं.

Jabalpur Kidney transplant
जबलपुर मेडिकल कॉलेड में किडनी प्रत्यारोपण (ETV BHARAT)

जबलपुर मेडिकल कॉलेड में किडनी प्रत्यारोपण

यह ऑपरेशन जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में लेप्रोस्कोपिक पद्धति से किया गया. इस ऑपरेशन में लाखों रुपए का खर्च आता है लेकिन सरकार द्वारा चलाई जा रही आयुष्मान योजना के तहत किडनी ट्रांसप्लांट की गई. ये ऑपरेशन नेताजी सुभाषचंद्र बोस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों के अथक प्रयास और निगरानी में किया गया. यह सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में किडनी प्रत्यारोपण का 5वां मामला है. अब मां-बेटे दोनों स्वस्थ हैं. मां और बेटे ने डॉक्टरों का बहुत धन्यवाद किया है.

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आयुष्मान निरामयम भारत योजना का लाभ

सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल मेडिकल के डायरेक्टर डॉ.अविनाश प्रताप सिंह ने बताया "किडनी ट्रांसप्लांट के लिए पहले मरीज को लाखो रुपए खर्च करने पड़ते हैं. इसके साथ ही अन्य शहर की ओर भी रुख करना पड़ता था लेकिन अब सारी सुविधा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में मिलने लगी हैं. जहां गंभीर मरीजों का इलाज आयुष्मान निरामयम भारत योजना के तहत निःशुल्क किया जा रहा है." यह ऑपरेशन मेडिकल अस्पताल के डीन डॉ.नवनीत सक्सेना, डायरेक्टर डॉ. अवधेश कुशवाह, अधीक्षक ले. कर्नल डॉ. जितेन्द्र गुप्ता की विशेष निगरानी में नेफोलॉजी विभाग से डॉ. नीरज जैन, डॉ. तुषार घकाते, डॉ. रत्नेश रोकडे एवं यूरोलॉजी विभाग से डॉ. फणीन्द्र सिंह सोलंकी, डॉ. अविनाश प्रताप सिंह एवं अनुराग दुबे, निश्चेतना विभाग से डॉ. अमित जैन, मेडिसिन विभाग से विभागाध्यक्ष डॉ.एस नेल्सन के द्वारा किया गया.

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