जबलपुर। जबलपुर में एक बार फिर फर्जीवाड़ा सामने आया है. जिंदा महिला को मृत बताकर उसके नाम से श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा दी जाने वाली ₹2 लाख की राशि का आहरण कर लिया गया. पीड़ित महिला को इसकी जानकारी तब लगी, जब वह अपने दस्तावेज केवाईसी करवाने के लिए एमपी ऑनलाइन के केंद्र पर पहुंची. पीड़ित महिला को पता लगा कि दस्तावेजों वह मर चुकी है. उसके नाम से राहत राशि भी निकली गई है. राधा आहाके नाम की इस महिला ने कांग्रेस पार्षद दल के साथ जाकर अधारताल थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है.
केवाईसी कराने पहुंची तो पता चला पर्जीवाड़ा
जबलपुर के सुहागी में रहने वाली राधा आहाके अपनी समग्र आईडी का केवाईसी करवाने के लिए जब एमपी ऑनलाइन पहुंची तो ये जानकर हैरानी हुई कि दस्तावेजों में वह मृत हो चुकी है. दरअसल, श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा मजदूरों का पंजीयन करवाया जाता है. पंजीयन में हर मजदूर को आकस्मिक दुर्घटना में मृत्यु पर ₹2 लाख मिलते हैं. सामान्य लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती. इसी का फायदा उठाकर कुछ जलसाज आम लोगों की फर्जी आईडी तैयार करते हैं और इस आईडी के आधार पर श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का फायदा उठा लेते हैं.
जबलपुर के मजदूर परिवार के साथ ठगी
राधा का पूरा परिवार मजदूरी करता है. ये लोग मजदूरी के सिलसिले में जबलपुर छोड़कर भोपाल में रहने लगे हैं. लेकिन उनके दस्तावेज जबलपुर के थे. इसलिए वे इसके केवाईसी करवाने के लिए जबलपुर पहुंची थी. केवाईसी कराने पहुंची तो पता लगा कि वह तो दस्तावेजों में मर चुकी हैं. उन्होंने स्थानीय नेताओं की मदद ली और कांग्रेस पार्षद दल राधा के साथ खड़ा हो गया. कांग्रेस पार्षद दल के नेता अमरीश मिश्रा भी राधा के साथ जबलपुर के अधारताल थाने पहुंचे और उन्होंने जबलपुर पुलिस से कहा कि यह पहला मामला नहीं है जिसमें किसी जिंदा आदमी को मृत बताकर उसके नाम से राहत राशि ले ली हो. ऐसा ही एक मामला हनुमान ताल में भी आया है.
नगर निगम अधिकारी व कर्मचारी शक के घेरे में
मृत्यु प्रमाण पत्र नगर निगम द्वारा बनाया जाता है. इस फर्जी काम में केवल कुछ जालसाज ही शामिल नहीं है बल्कि इसमें नगर निगम के अधिकारियों की भी मिलीभगत है. इसीलिए जिनको जरूरत है, उन्हें राहत राशि नहीं मिल पा रही है और फर्जी तरीके से काम करने वाले लोग लाखों रुपया निकल ले रहे हैं. श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं के जरिए आम मजदूर को बहुत अधिक लाभ मिल सकते हैं. उन्हें स्वास्थ्य की सुविधा मिल सकती है. पढ़ाई की सुविधा मिल सकती है. बीमारी और मृत्यु पर भी पैसा मिलता है. इस मामले में थाना प्रभारी दिनेश विश्वकर्मा का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी.