फरीदाबाद: हरियाणा के फरीदाबाद में दुनियाभर के कलाकारों के लिए अपनी संस्कृति और प्रतिभा दिखाने का अद्भुत मंच सूरजकुंड मेला 2024 में एक बार फिर धूम मचाने के लिए तैयार है. अरावली पहाड़ों के बीचों-बीच बसे हुए सूरजकुंड मेला ग्राउंड में हर बार की तरह इस बार भी सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय क्राफ्ट मेला भव्य होने जा रहा है. मेले का उद्घाटन 2 फरवरी 2024 को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगीं. वहीं, इसका समापन 18 फरवरी को होगा. 37 वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय हस्तशील मेले की तैयारियां तेजी से चल रही है. हर बार की तरह इस बार भी अलग-अलग देश इस मेले में शामिल होंगे. बता दें कि करीब 40 देश इस मेले में शामिल होंगे.
इस बार पार्टनर कंट्री के रूप में तंजानिया देश शामिल हो रहा है. वहीं, थीम स्टेट गुजरात रहने वाला है. वह इस बार मेला सुबह 10 बजे से शुरू होकर रात को 8 बजे तक लगेगा. सुरक्षा की बात करें तो पूरे मेले ग्राउंड में और आसपास में 300 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे. रोज 3000 से ज्यादा पुलिस की तैनाती भी मेले के प्रांगण और आसपास में रहने वाली है.
![International Surajkund Fair](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/20-01-2024/20557706_ffff.jpg)
मेले के मद्देनजर सभी विभागों ने अपने स्तर पर कार्य शुरू कर दिया है. मेले में एंबुलेंस सहित मोबाइल एटीएम भी लगाए जा रहे हैं. इसके अलावा अस्थाई डाकघर भी मेले के प्रांगण में बनाया जा रहा है. विदेशी मुद्रा को भी विदेशी पर्यटक एक्सचेंज कर पाएंगे. इसके लिए भी एक स्टॉल तैयार किया जा रहा है. इसके अलावा पार्किंग की भी दुरुस्त व्यवस्था की गई है. मेले में एक हजार से ज्यादा स्टॉल भी तैयार किए गए हैं.
इस बार मेले में एक बड़ा चौपाल भी बनाया जा रहा है. जिसमें लगभग हजारों की तादाद में दर्शक कार्यक्रम देख सकेंगे. वहीं, छोटी चौपाल की बात करें तो रोज सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रोग्राम रहने वाला है. इसके अलावा, बड़ी चौपाल पर अलग-अलग दिन अलग-अलग तरह के देसी विदेशी परफॉर्मेंस भी देखने को मिलेगा. आपको बता दें इस मेले में अलग-अलग देश के राजदूत और वीवीआईपी मेहमान भी शिरकत करने वाले हैं. जिसकी सुरक्षा को लेकर पुलिस ने अभी से कमर कस ली है. सूरजकुंड मेले के आसपास अभी से पुलिस की तैनाती कर दी गई है.
जानकारी के लिए बता दें कि 37 वर्ष पहले जब मेले की शुरुआत हुई थी. उसी दौरान मात्र 25 स्टॉल लगाए गए थे. लेकिन समय के साथ-साथ जहां मेले प्रांगण को बढ़ाया गया. वहीं, स्टॉल की संख्या भी बढ़ाई गई और यही वजह है कि अब यह मेल किसी भी पहचान का मोहताज नहीं है. हर साल इस मेले में लाखों की तादाद में देश और दुनिया के कोने-कोने से पर्यटक शामिल होते हैं.
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