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चंपई सरकार बनते ही सतह पर आया भाजपा का अंतर्कलह, विधायक रणधीर के आरोपों से अनजान हैं सांसद निशिकांत, क्यों उठा विवाद?

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 7, 2024, 5:35 PM IST

Dispute in Jharkhand BJP
Dispute in Jharkhand BJP

Dispute in Jharkhand BJP. झारखंड में चंपई सोरेन की सरकार बनते ही भाजपा का अंतर्कलह सतह पर आ गया. विधायक रणधीर सिंह ने सांसद निशिकांत दूबे पर कई आरोप लगाए. हालांकि विधायक के आरोपों से सांसद अनजान हैं. आखिर विवाद क्यों उठा, जानिए इस रिपोर्ट में...

रांची: भाजपा खुद को अनुशासित पार्टी बताती है. इसको अनुशासित बनाए रखने के लिए एक लंबा चौड़ा सिस्टम काम करता है. पिछले दिनों तीन राज्यों में दिग्गज नेताओं की जगह नये चेहरों को सत्ता की कमान दिए जाने के बाद भी विरोध की हल्की आवाज तक नहीं उठी. लेकिन झारखंड में मामला बिगड़ता दिख रहा है. इसकी शुरुआत हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार के सदन में विश्वास मत जीतने के बाद हुई.

सारठ से भाजपा विधायक रणधीर सिंह ने गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दूबे के खिलाफ खुलकर बयान दिया है. यहां तक कह दिया कि सांसद निशिकांत दूबे के सोशल मीडिया पर पोस्ट से ऐसा परसेप्शन बन गया कि भाजपा, सरकार गिराने की कोशिश कर रही है. जबकि पार्टी की ऐसी कोई मंशा नहीं थी. रणधीर सिंह के इन आरोपों पर सांसद निशिकांत दूबे से फोन पर बात की गई तो उन्होंने दो टूक कहा- "मुझे कोई जानकारी नहीं कि मेरे बारे में क्या कहा गया है".

सांसद निशिकांत के खिलाफ क्या बोले रणधीर सिंह: भाजपा विधायक रणधीर सिंह ने कहा है कि निशिकांत दूबे सांसद हैं. केंद्र की राजनीति करें. राज्य में क्यों इंटरफेयर कर रहे हैं. भाजपा क्या सिर्फ निशिकांत जी की पार्टी है. हमलोगों की पार्टी नहीं है क्या. उनके ट्वीट से पार्टी असहज महसूस करती है. हमलोग उसपर कैसे जवाब देंगे. निशिकांत दूबे तोप है क्या. वह पार्टी का मालिक है क्या. वो जो बोलेगा, वही सही है क्या. बाबूलाल जी हमारे नेता है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. उनके ट्वीट पर हमलोग जवाब देंगे. निशिकांत जी गैरकानूनी ट्वीट करेंगे और पार्टी असहज होगी तो हमलोग इसका विरोध करेंगे. विशेष सत्र के अंतिम दिन उनसे प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा कि जो कह चुका हूं, उसे दोबारा दोहराने का कोई मतलब नहीं है. तब उनसे ईटीवी भारत की टीम ने पूछा कि क्या आपने किसी के कहने पर ऐसा बयान दिया है. इसपर कुछ नहीं बोले.

किसके बूते इतनी बातें बोल गये रणधीर सिंह: यह सवाल लाजमी है. अपनी पार्टी के सांसद के खिलाफ इस तरह का बयान देना विधायक रणधीर सिंह के लिए संभव नहीं है. इस बाबत दूसरे भाजपा विधायकों से बात की गई तो नाम नहीं लिखने की सूरत में बताया गया कि रणधीर सिंह ने जो भी कहा है, वह सही है. निशिकांत दूबे को ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए, जिससे पार्टी असहज महसूस करे. कई भाजपा विधायकों ने कहा कि निशिकांत दूबे के सोशल मीडिया पर पोस्ट से लग रहा था कि सबकुछ भाजपा करवा रही है.

निशिकांत के किस पोस्ट पर बिफरे रणधीर: रणधीर सिंह ने कहा कि निशिकांत दूबे ने कैसे कह दिया कि झामुमो के 18 विधायक संपर्क में हैं. यह उनका व्यक्तिगत बयान था. बसंत सोरेन के बारे में भी उन्होंने ट्वीट किया था. अगर प्रवक्ता की तरह बयान देंगे तो हमारे लिए दिक्कत होती है. ऐसा बयान ना दें, जिससे पार्टी को दिक्कत हो. अदना सा कार्यकर्ता भी मुझे सुझाव देगा तो मैं सुधार करूंगा. उन्होंने कहा कि निशिकांत दूबे के पोस्ट पर जब मीडिया ने सवाल पूछा तो मुझे उनके खिलाफ जवाब देना पड़ा. मुझे उम्मीद है कि निशिकांत जी इसमें सुधार करेंगे.

अपनी करनी से जाएगी चंपाई सरकार- रणधीर: निशिकांत दूबे पर सवाल और नसीहत की बौछार के बीच रणधीर सिंह ने कहा कि चंपई सोरेन सरकार अपनी करनी से जाएगी. यह बिहार वाले जीतन राम मांझी हो जाएंगे. जो ज्यादा चमचागिरी करता है वही खतरनाक होता है. निशिकांत दूबे पर मैंने जो टिप्पणी की है उसपर पार्टी कुछ पूछेगी तो मैं जवाब दूंगा.

निशिकांत दूबे के कुछ पोस्ट जो सुर्खियों में रहे: 31 जनवरी को सीएम पद से हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन के नेतृत्व में दावा पेश किया गया था. 1 फरवरी को राजभवन से दिनभर बुलावा नहीं आने पर सत्ताधारी दल के विधायकों ने एकजुटता का वीडियो जारी किया था. इसपर सवाल उठाते हुए निशिकांत दूबे में सोशल मीडिया में लिखा था कि झामुमो में टूट, परेड में राष्ट्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन जी नहीं, विधायक सीता सोरेन जी व बसंत सोरेन जी नहीं दिखाई दिए. विधायकों की बैठक बुलाने के लिए शिबू सोरेन जी ने किसको अधिकृत किया है.

इसके बाद उन्होंने हैदराबाद जा रहे विधायकों की लिस्ट जारी कर कहा था कि 10 पैसेंजर में सिर्फ 4 विधायक हैं. यानी बाकी हैदराबाद जाने का विरोध कर रहे हैं. चंपई सोरेन को शिबू सोरेन सीएम नहीं बनाना चाहते हैं. उन्होंने यह भी पोस्ट किया कि शिबू सोरेन जी बसंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. झामुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन की अनुपस्थिति में विधायक दल के नेता का निर्णय कौन लेगा.

पिछले दिनों उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि यदि ये लोग मेरी हत्या नहीं करवा देता है तो मैं इस सोरेन परिवार का वजूद सिर्फ दुमका नहीं पूरे झारखंड से समाप्त कर दूंगा. मैं इनकी गिदड़ भभकी से नहीं डरता. उन्होंने सोशल मीडिया पर यह भी लिखा था कि कल्पना सोरेन के नाम पर पार्टी में अंतर्कलह है. उन्होंने बयान जारी कर कहा था कि हेमंत सोरेन अपनी पत्नी को सीएम बनाना चाहते हैं लेकिन झामुमो के 18 एमएलए बसंत सोरेन को सीएम बनाना चाहते हैं. क्योंकि शिबू सोरेन और दिवंगत दुर्गा सोरेन ने पार्टी को खड़ा किया था.

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