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म्युचुअल डायवोर्स: शादी के तत्काल बाद तलाक का बदलता ट्रेंड, महज 48 घंटे में तू अलग मैं अलग - Indore Mutual Divorce Cases

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 9, 2024, 1:00 PM IST

Updated : Apr 11, 2024, 5:15 PM IST

म्यूचुअल डायवोर्स के तेजी बढ़ते मामले चिंताजनक हैं, लोग जितनी तेजी से शादियां कर रहे हैं, उसी रफ्तार से अब तलाक हो रहो हैं. वहीं कानूनी लड़ाई के झंझट से बचने के लिए आपसी सहमति से रिश्ते को खत्म कर रहे हैं.

RISING MUTUAL DIVORCE CASES
तेजी से बढ़ रहे म्यूचुअल डायवोर्स के मामले

तेजी से बढ़ रहे म्यूचुअल डायवोर्स के मामले

इंदौर. शादी के सात फेरों के बाद साथ जीने-मरने के वादे अब बढ़ती महत्वाकांक्षा और साथ निभाने की बजाय साथ छोड़ने के कारण बेईमानी सिद्ध हो रहे हैं. इंदौर जैसे महानगर में आलम यह है कि यहां फैमिली कोर्ट में प्रतिदिन आने वाले 20 से 25 मामले में से आधे मामले सहमति से तलाक यानी म्यूचुअल डायवोर्स के हैं. इनमें कुछ मामले तो ऐसे हैं, जिनमें शादी को महज 48 घंटे ही हुए और रिश्ता टूट गया. अधिकांश मामलों में देखा गया कि पारिवारिक जिम्मेदारियों के प्रति झुकाव न होने, आपसी समझ की कमी, ससुराल में माता-पिता का दखल और शादी में रहते हुए किसी बाहरी व्यक्ति से करीबी तलाक की प्रमुख वजहें हैं. कई ऐसे दंपत्ति भी हैं, जिन्होंने 40 साल तक साथ रहने के बाद म्यूचुअल डायवोर्स ले लिया.

आपसी सहमति से अलग होने का ट्रेंड

देश में तेजी से बढ़ते मेट्रो कल्चर, शहरों में खत्म होते संयुक्त परिवार और सोशल मीडिया को देखकर बढ़ती महत्वाकांक्षाएं रिश्तों को कमजोर कर रही हैं. बात करें मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले शहर इंदौर की तो शहर में कोरोना काल के बाद फैमिली कोर्ट में डायवोर्स के लिए आने वाले मामलों की तादाद दोगुनी हो चुकी है. वहीं इनमें से अधिकांश मामलों ऐसे हैं जिसमें लड़का और लड़की पक्ष हर स्थिति में जल्द से जल्द अलग होना चाहते हैं. यही वजह है कि अब कोर्ट में म्यूचुअल अंडरस्टैंडिंग के चलते साल भर की खानापूर्ति के बाद तेजी से डायवोर्स हो रहे हैं.

लंबी कानूनी लड़ाई से बचना चाह रहे सभी पक्ष

यहां साल भर में हिंदू विवाह अधिनियम के तहत दर्ज होने वाले करीब आठ हजार तलाक के मामलों में एक हजार से ज्यादा मामले ऐसे हैं, जहां शादी के दो दिन बाद से लेकर एक साल के अंदर लोग आपसी सहमति से अलग हो गए. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि हर कोई तलाक के मामले में न केवल पत्नी और पति से जल्दी छुटकारा पाना चाह रहा है बल्कि आरोप प्रत्यारोप से बचकर लंबी कानूनी लड़ाई से बचना चाह रहा है.

म्यूचुअल डायवर्स लेने वालों में हर वर्ग के लोग

कानूनी लड़ाई से बचने के लिए जो पति-पत्नी म्यूचुअल डायवर्स ले रहे हैं उनमें न केवल हाई प्रोफाइल दंपति शामिल हैं बल्कि गरीब से गरीब परिवार के लोग भी हैं. सभी की कहानी एक जैसी है, इन अधिकांश मामलों में वधू पक्ष न तो अपना शादी में किया हुआ खर्च चाहता है और ना ही दिया गया दहेज या अन्य सामान. वर पक्ष भी बिना आरोप-प्रत्यारोप के तलाक लेकर अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना चाहता है. हालांकि, हिंदू विवाह अधिनियम के तहत सहमति पूर्ण तलाक में भी याचिका दायर होने के बाद न्यूनतम 1 वर्ष का समय लगता है.

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बढ़ते तलाक के मामलों पर क्या कहते हैं वकील

इंदौर में फैमिली कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता एडवोकेट प्रति मेहना कही हैं, ' वर्तमान दौर में लड़के और लड़की दोनों के द्वारा जॉब करने के कारण दोनों के बीच ही आर्थिक संपन्नता होती है. इसके अलावा दोनों की अधिक महत्वाकांक्षाएं होने के फल स्वरुप कोई भी पारिवारिक रिश्तों में और जिम्मेदारियां को लेकर झुकने तैयार नहीं होता. ऐसी स्थिति में घर की हर छोटी-बड़ी चीजें बड़े विवाद में बदलने लगती हैं. रही सही कसर सोशल मीडिया ने पूरी कर दी है क्योंकि शादी के बावजूद लड़के या लड़की किसी न किसी फ्रेंडशिप में रहते हैं, जिससे विवाह विच्छेद की स्थिति बन जाती है. वर्तमान स्थिति में लोग शादी के बाद इस पवित्र रिश्ते की डोर बांधे रखने और त्याग व समर्पण के साथ रहने को कोई तैयार नहीं है, जिससे परिवार और निजी जिंदगी में कलह होने लगती है. परिणाम स्वरूप स्थिति तलाक तक पहुंच जाती है.'

Last Updated :Apr 11, 2024, 5:15 PM IST
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