नई दिल्ली: यदि रेलवे की ओर से किसी कारणवश ट्रेन को गंतव्य से पहले रोक दिया जाता है तो यात्रियों को बचे हुए सफर का रिफंड दिया जाएगा. इसके लिए यात्री को स्टेशन मास्टर के पास जाकर टिकट कहां तक है इसके बारे में बताना होगा. इसके बाद बचे हुए सफर का किराया रिफंड करने के लिए आवेदन करना होगा. स्टेशन मास्टर की ओर से टिकट डिपॉजिट रसीद बनाकर कमर्शियल ऑफिस में भेजी जाती है. इसके बाद यात्री के बैंक खाते में पैसा आ जाता है.
रेलवे के काउंटर टिकट वालों के लिए ये है व्यवस्थाः यदि टिकट रेलवे की खिड़की से बुक किया गया है तो ट्रेन जिस रेलवे स्टेशन पर रुक जाती है. उसके स्टेशन मास्टर के पास यात्री को जाना पड़ता है. स्टेशन मास्टर को टिकट बैंक खाता नंबर, नाम, मोबाइल नंबर आदि देने पड़ता है. स्टेशन मास्टर की ओर से टिकट डिपॉजिट रसीद बनाता है. इसके बाद इस रसीद को कमर्शियल आफिस में भेजा जाता है. दो सप्ताह के भीतर पैसा यात्री के बैंक खाते में भेज दिया जाता है. पहले ग्रीन पे आर्डर बनाकर यात्री के पते पर डाक के जरिए भेज दिया जाता था, लेकिन अब सीधे यात्री के बैंक खाते में पैसा भेज दिया जाता है.
ऑनलाइन टिकट बुकिंग वालों के लिए ये व्यवस्था हैः आजकल ज्यादातर लोग आईआरसीटीसी की वेबसाइट से ऑनलाइन टिकट बुक करते हैं. ऐसे टिकट वाले यात्री यदि ट्रेन गंतव्य से पहले रुक जाती है तो जिस आईआरसीटीसी की लॉगइन आईडी से टिकट बुक की गई है. उससे टीडीआर (टिकट डिपॉजिट रसीद) के लिए आवेदन करें. ट्रेन कैंसिल होने का विवरण भरें. इसके बाद रेलवे की ओर से जांच की की जाती है. यदि ट्रेन रेलवे की तरफ से किसी कारणवश कैंसिल की गई है तो यात्री को टिकट का पैसा वापस उसके आईआरसीटीसी वॉलेट या बैंक खाते में दिया जाता है.
गंतव्य से पहले रोक दी जा रहीं 17 ट्रेनेः अंबाला डिवीजन के अंतर्गत शंभू रेलवे स्टेशन पर किसानों का आंदोलन चल रहा है. कई ट्रेनें कैंसिल हैं, कई को डायवर्ट कर दिया गया है. किसान आंदोलन के चलते 17 ट्रेनें शार्ट टर्मिनेट कर दी गई हैं. इन ट्रेनों के गंतव्य से पहले ही रोक दिया जाता है. वापसी में उसी स्टेशन से दोबारा चलाया जाता है. ऐसे में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यात्री ने जितना हिस्सा सफर नहीं किया है. उसका पैसा वापस ले सकता है.
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