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HP MLA Priority Meeting: 9990 करोड़ की वार्षिक योजना प्रस्तावित, इन जिलों के विधायकों ने CM के सामने रखी प्राथमिकताएं

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 29, 2024, 5:31 PM IST

Himachal Pradesh MLA Priority Meeting: आज शिमला में आयोजित विधायक प्राथमिकता की बैठक में पहले सत्र में जिला ऊना, हमीरपुर व सिरमौर के विधायकों की प्राधमिकताओं पर चर्चा की गई. इस दौरान विधायक प्राथमिकता की बैठक में साल 2024-25 के लिए 9989.49 करोड़ की वार्षिक योजना प्रस्तावित हुई है. पढ़ें पूरी खबर...

Himachal Pradesh MLA Priority Meeting
शिमला में विधायक प्राथमिकता की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम सुक्खू.

शिमला: सोमवार को शिमला में आयोजित हुई विधायक प्राथमिकता की बैठक में वर्ष 2024-25 के लिए 9989.49 करोड़ की वार्षिक योजना प्रस्तावित हुई है. यहां मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैठक की अध्यक्षता की. जिसमें प्रथम पहले सत्र में जिला ऊना, हमीरपुर व सिरमौर के विधायकों की प्राधमिकताओं पर चर्चा की गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार चार वर्षों में हिमाचल को आत्मनिर्भर और 10 सालों में देश के सबसे समृद्ध राज्यों में शामिल की दिशा में काम कर रही है. इस बैठक में होने वाली चर्चा से प्रदेश में विकास की दिशा तय करने के लिए बहुमूल्य सुझाव प्राप्त होंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र को राज्य सरकार ने नीतिगत दस्तावेज के रूप में अपनाया है. इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए मजबूती के साथ कार्य कर रही है. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं. जिसके लिए हाल ही में विश्व बैंक के साथ 2,000 करोड़ का समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किया गया है.

नाबार्ड से स्वीकृत हुए हैं 918.81 करोड़: सीएम ने कहा कि विधायकों की प्राथमिकताओं को सामान्यतः नाबार्ड संचालित आरआईडीएफ कार्यक्रम से वित्त पोषित किया जाता है. इसके तहत वर्ष 2023-24 के लिए नाबार्ड से 918.81 करोड़ स्वीकृत हुए हैं. जिसमें पीडब्ल्यूडी की 62 व जल शक्ति विभाग की 93 विधायक प्राथमिकताएं स्वीकृत हो चुकी हैं. इसी तरह सरकार मार्च माह तक नाबार्ड से और अधिक विधायक प्राथमिकताओं को स्वीकृत करवाने के लिए प्रयास कर रही है. उन्होंने लोक निर्माण विभाग व जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को नाबार्ड के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए नाबार्ड कार्यालय में प्रतिपूर्ति दावे 15 मार्च से पहले जमा करने के निर्देश दिए हैं.

शिकायतों को निपटाने में न बरती जाए लापरवाही: मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों सहित अधिकारियों को विधायकों की उठाई गई समस्याओं एवं शिकायतों को निपटाने में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें के निर्देश दिए हैं. उन्होंने अधिकारियों को विधायकों की योजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनने में होने वाली देरी को कम करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही एफसीए, एफआरए व गिफ्ट डीड आदि औपचारिकताओं का समय पर निपटाने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग और उपायुक्त भी अपने स्तर पर हर माह प्राथमिकताओं की समीक्षा करें. जिसकी इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाए.

जन कल्याण के लिए काम कर रही सरकार: सीएम ने कहा कि राज्य सरकार जन कल्याण के लिए ईमानदारी से कार्य कर रही है. जिससे महिलाओं, युवाओं, किसानों और कर्मचारियों सहित समाज के सभी वर्गों को सम्मान मिल रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि एक साल में सरकार ने तीन गारंटियां पूरी कर दी हैं. पहली ही कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना लागू की गई. रोजगार सृजन के दृष्टिगत 680 करोड़ की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के पहले चरण में ई-टैक्सी योजना शुरू की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा श्रमिकों की दिहाड़ी 212 रुपए से बढ़ाकर 240 की गई है. वहीं जनजातीय क्षेत्रों में दिहाड़ी 266 से बढ़ाकर 294 रुपए की गई है. राज्य सरकार ने 4,000 अनाथ बच्चों को 'चिल्ड्रन ऑफ स्टेट' के रूप में अपनाया है.

जनवरी से दूध की कीमत में 6 रुपए की वृद्धि: मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए दूध के खरीद मूल्य में 6 रुपए की बढ़ोतरी की गई है. सुक्खू ने कहा कि मानसून के दौरान राज्य को इतिहास की सबसे बड़ी आपदा का सामना करना पड़ा. लेकिन केंद्र सरकार से कोई भी विशेष राहत पैकेज न मिलने के बावजूद राज्य सरकार ने अपने सीमित संसाधनों के साथ प्रभावितों के लिए 4500 करोड़ के विशेष राहत पैकेज का प्रावधान किया.

जिला ऊना के विधायकों ने रखी ये मांगें: ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने अपने चुनाव क्षेत्र में पुराने कार्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन की मांग की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आपदा के दौरान विधायक निधि के नियमों में बदलाव कर रिटेनिंग वॉल आदि के लिए प्रभावितों को धन देने का प्रावधान किया है. जिसे जून 2024 से आगे बढ़ाया जाना चाहिए. गगरेट के विधायक चैतन्य शर्मा ने दौलतपुर चौक महाविद्यालय और स्कूल को अलग-अलग परिसर में स्थापित करने तथा उनके क्षेत्र में नशा माफिया पर लगाम कसने की मांग की. कुटलैहड़ के विधायक देवेंद्र भुट्टो ने खिलाड़ियों की डाइट मनी बढ़ाने और खेल संघों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने की मांग की. उन्होंने बेसहारा पशुओं को सहारा प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाने का भी आग्रह किया.

जिला हमीरपुर की ये मांगे: भोरंज के विधायक सुरेश कुमार ने सीर खड्ड का तटीयकरण करने की मांग की. हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा ने हमीरपुर में पॉलीक्लीनिक खोलने और जिला मुख्यालय में नया मिनी सचिवालय खोलने की मांग की. बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने किसानों के लिए क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था को बेहतर बनाने की मांग की.

जिला सिरमौर विधायकों ने इस पर की चर्चा: पच्छाद के विधायक रीना कश्यप ने क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शिरगुल व भूरेश्वर मंदिर के अलावा अन्य पर्यटन स्थलों को विकसित करने की मांग की. उन्होंने सराहां-चंडीगढ़ सड़क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट जल्द बनाने की मांग की. नाहन के विधायक अजय सोलंकी ने डॉ. यशवन्त सिंह परमार चिकित्सा महाविद्यालय नाहन में विशेषज्ञ चिकित्सकों और नर्सों के पदों को भरने की मांग की. उन्होंने भूमिहीनों को गृह निर्माण के लिए भूमि आवंटित करने की मांग की. पांवटा के विधायक सुख राम चौधरी ने कहा कि यमुना नदी की हिमाचल की सीमा तय करने की मांग की, ताकि वहां पर अवैध खनन को रोका जा सके. उन्होंने क्षेत्र के किसानों को टयूबवेल चलाने के लिए बिजली के लंबित कनेक्शन जल्द प्रदान करने की मांग की और पांवटा साहिब में पार्किंग की समस्या का समाधान करने का भी आग्रह किया.

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