शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने वर्ष 2021 में कांस्टेबल की भर्ती के दौरान मेरिट के आधार पर नजरअंदाज की गई महिला प्रार्थी को नियुक्ति देने के आदेश जारी किए है. हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने अपने निर्णय में यह स्पष्ट किया कि पुलिस विभाग ने प्रार्थी शिल्पा को खेल प्रमाण पत्र एवं भारत स्काउट एंड गाइड्स प्रमाण पत्र के लिए अंक न देकर उसके साथ अन्याय किया है. इन प्रमाण पत्रों के आधार पर उसे अतिरिक्त चार अंक दिए जाने चाहिए थे.
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती के दौरान मेरिट के आधार पर चयन नहीं किए जाने को लेकर प्रार्थी शिल्पा की याचिका पर सुनवाई की है. मामले में हाईकोर्ट से प्रार्थी शिल्पा को बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने कहा शिल्पा को इन प्रमाण पत्रों के अतिरिक्त चार अंक दिए जाते तो प्रार्थी के अंक 52.51 हो जाते हैं. जबकि मेरिट में अंतिम स्थान पर रहे चयनित प्रतिवादी को 49.78 अंक दिए गए थे. हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि क्योंकि चयन प्रक्रिया के दौरान निजी तौर पर बनाए गए प्रतिवादी का चयन विभाग द्वारा किए गए गैरकानूनी कृत्य का नतीजा नहीं है. इस वजह से उसे नौकरी से निकाला जाना कानूनी तौर पर जायज नहीं होगा.
कोर्ट ने कहा जब कि उसने अपना सिपाही का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद 3 वर्ष की नौकरी भी पूर्ण कर ली है. प्रार्थी की नियुक्ति अन्य कांस्टेबल की तरह वर्ष 2021 से ही मानी जाएगी. लेकिन उसे उस तारीख से वित्तीय लाभ नहीं दिए जाएंगे. उसकी सेवा पिछली तारीख से वरिष्ठता व नियमितीकरण के लिए गिनी जाएगी.
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