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कांग्रेस का OPS के सहारे कर्मचारी वोट बैंक पर निशाना, ₹1500 वाली गारंटी से महिला वोटरों को भी साधेगी - Lok Sabha Elections 2024

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Apr 4, 2024, 8:50 AM IST

Updated : Apr 4, 2024, 12:41 PM IST

Himachal Congress
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Himachal Congress Preparations For Elections:ओपीएस बहाली और 1500 महिलाओं पेंशन की गारंटी पूरा करने के मुद्दे को लेकर कांग्रेस चुनावी मैदान में उतरेगी. कांग्रेस आश्वस्त है कि इन दो मुख्य योजनाओं के भरोसे पार्टी की चुनावी नैय्या हिमाचल में पार हो जाएगी. वहीं, कांग्रेस सरकार गिराने को लेकर भाजपा के षड्यंत्र जनता के बीच लेकर जाएगी. पढ़िए पूरी खबर...

शिमला: हिमाचल में मुसीबतों के बीच घिरी कांग्रेस लोकसभा चुनाव सहित विधानसभा उपचुनाव को ओपीएस और ₹1500 वाली गारंटी के दम पर जीतने को लेकर आश्वस्त है. सुक्खू सरकार ने अपनी पहली ही कैबिनेट की बैठक में ओपीएस लागू कर 1.36 लाख कर्मचारियों के परिवारों को साधा था. इसी तरह देश में लोकसभा चुनाव और कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले ही कांग्रेस सरकार ने प्रदेश भर में अपनी ₹1500 की मासिक पेंशन की गारंटी को लागू कर 27 लाख से अधिक महिला वोटरों को साधा है. ऐसे में कांग्रेस दोनों बड़ी गारंटियों के सहारे हिमाचल में चुनावी पहाड़ को चढ़ने की उम्मीद है.

6 बागियों ने बढ़ाई कांग्रेस की टेंशन: छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल में राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग से अच्छी खासी बहुमत वाली कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार के सामने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा हो गया है. कांग्रेस से बगावत करने वाले छह पूर्व विधायक भाजपा में चले गए. ऐसे में अब प्रदेश में चार लोकसभा सीटों सहित विधानसभा की 6 सीटों पर भी उपचुनाव होने जा रहे हैं. वहीं, ये भी दिक्कत है कि कांग्रेस से बगावत करने वाले 6 नेताओं को भाजपा ने टिकट भी थमा दिए और इन नेताओं ने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है. लेकिन कांग्रेस अभी भी प्रत्याशियों के चयन को लेकर मंथन करने में लगी है.

प्रत्याशी चयन को लेकर कांग्रेस में मंथन: कांग्रेस के लिए छह सीटों पर प्रत्याशियों का चयन भी आसान नहीं है. कांग्रेस विधायकों के अयोग्य ठहराए जाने के बाद खाली हुए सीटों पर पार्टी के सामने भाजपा को टक्कर देने वाले प्रत्याशियों का चयन करना बड़ी चुनौती है. हालांकि, 6 अप्रैल को दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होनी है, जिसमें प्रत्याशी चयन को लेकर छाई धुंध छंट सकती है. इस तरह की मुसीबतों के बीच घिरी कांग्रेस लोकसभा चुनाव सहित विधानसभा उपचुनाव को ओपीएस और 1500 वाली गारंटी के दम पर जीतने को लेकर आश्वस्त है.

OPS और महिला पेंशन कांग्रेस का हथियार: सुक्खू सरकार ने अपनी पहली ही कैबिनेट की बैठक में ओपीएस लागू कर 1.36 लाख कर्मचारियों के परिवारों को साधा था. इसी तरह देश में लोकसभा चुनाव और कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले ही कांग्रेस सरकार ने प्रदेश भर में अपनी ₹1500 की मासिक पेंशन की गारंटी को लागू कर 27 लाख से अधिक महिला वोटरों को साधा है. ऐसे में कांग्रेस दोनों बड़ी गारंटियों को चुनाव में भुनाने जा रही है. कांग्रेस को इन दो बड़ी गारंटियों के सहारे हिमाचल में चुनावी पहाड़ को चढ़ने की उम्मीद है. जिसका जिक्र हर नेता अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भी कर रहा है.

'भाजपा आई तो ओपीएस खत्म कर देगी': कांग्रेस हर छोटे और बड़े मंच से कह रही है कि हमने ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू कर लाखों कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित किया है. कांग्रेस ने राजस्थान में भी ओपीएस को लागू किया था, लेकिन भाजपा सरकार ने बनते ही ओल्ड पेंशन स्कीम खत्म किया गया. हिमाचल में भी भाजपा का यही प्रयास रहेगा. ऐसे में नेता दावा कर रहे हैं कि कर्मचारियों का भविष्य कांग्रेस सरकार के हाथों में ही सुरक्षित है. वहीं, ₹1500 पेंशन को रुकवाने के लिए चुनाव आयोग शिकायत करने पहुंची भाजपा ने खुद ही अपने लिए मुसीबत खड़ी कर ली है. कांग्रेस के नेता अब भाजपा पर महिला विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस प्रदेश में दूध खरीद के मूल्य में वृद्धि करने के फैसले को भी भुनाएगी. प्रदेश में पहली बार दूध की खरीद पर एमएसपी लागू हुआ है. वहीं, सुक्खू सरकार ने एक साल में एकमुश्त 13 रुपये लीटर दूध खरीद का मूल्य बढ़ाया है.

भावनात्मक कार्ड खेलेगी कांग्रेस: लोकसभा चुनाव और छह विधानसभा सीटों पर कांग्रेस सरकार गिराने के षड्यंत्र को लेकर भावनात्मक कार्ड भी खेल सकती हैं. हिमाचल में 27 फरवरी को हुई क्रॉस वोटिंग की वजह से भली चंगी बहुमत वाली सुखविंदर सिंह सुख सरकार राज्यसभा सीट हार गई थी और 25 विधायकों वाली भाजपा के प्रत्याशी हर्ष महाजन चुनाव जीत गए. इसके बाद हिमाचल के इतिहास में पहली बार जो राजनीतिक घटनाक्रम घटा, इससे सुक्खू सरकार खतरे में आ गई थी.

भाजपा के षड्यंत्र पर कांग्रेस हमलावर: 28 फरवरी को बजट पारित होने के साथ विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. जिससे सरकार पर आया संकट टल गया था. लेकिन प्रदेश में इस सियासी ड्रामे के लिए कांग्रेस सरकार बीजेपी को षड्यंत्र रचने का दोषी बता रही है. ऐसे में कांग्रेस सरकार के खिलाफ रची गई भाजपा की साजिश को भी चुनाव में अपना हथियार बना रही है. वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू हमीरपुर जिला से हैं. जिसको देखते हुए सुक्खू समर्थक चुनाव में हमीरपुर फैक्टर को भी भुनाने का भी प्रयास करेंगे.

भाजपा को राम नाम और पीएम मोदी का सहारा: हिमाचल में होने वाले लोकसभा चुनाव और विधानसभा की 6 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस अपनी गारंटियों के दम पर चुनाव लड़ रही है. वहीं, इस चुनाव में भाजपा को भगवान राम का नाम और मोदी मैजिक मैजिक का सहारा है. भाजपा केंद्र चुनाव में सरकार की उपलब्धियों का गुणगान करेगी. इसके साथ जीत की केंद्र में हैट्रिक लगाने का का दावा कर रही भाजपा को इस बार भी मोदी मैजिक का सहारा हैं. वहीं, भाजपा के पास मजबूत कैडर हैं. जिसके दम पर भाजपा लोकसभा की चारों सीटों और विधानसभा उपचुनाव में सभी सीटें जीतने का दावा ठोक रही है. ऐसे में जनता किसके दावे पर अपनी मुहर लगाती है, ये 4 जून को घोषित होने वाले चुनाव परिणाम ही बताएंगे.

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Last Updated :Apr 4, 2024, 12:41 PM IST
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