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राजेंद्र राणा का खुला खत- "सिंहासन पर बैठा बौना शहंशाह", जल्द दिखेगा मेरी बगावत का अंजाम

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 5, 2024, 6:05 PM IST

Rajinder Rana Latest Post: राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर बगावत का बिगुल फूंकने वाले राजेंद्र राणा ने एक बार फिर सोशल मीडिया के जरिये कांग्रेस पर निशाना साधा है. लेकिन इस बार हमले बहुत तीखे हैं, चुटीले अंदाज में उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से लेकर कांग्रेस नेतृत्व तक को खरी-खरी सुनाई है.

राजेंद्र राणा का खुला खत
राजेंद्र राणा का खुला खत

शिमला: हिमाचल कांग्रेस के बागी नेता सोशल मीडिया से कांग्रेस सरकार पर लगातार हमले साध रहे हैं. खासकर राजेंद्र राणा और सुधीर शर्मा सबसे आगे हैं. इसी बीच राजेंद्र राणा ने अपने सोशल मीडिया पेज पर लंबी चौड़ी पोस्ट लिखी है. इसे एक तरह का खुला पत्र कह सकते हैं, जिसमें उन्होंने कई तीखे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार से लेकर मुख्यमंत्री और कांग्रेस आलाकमान पर चुटकी ली है.

राजेंद्र राणा ने ये पोस्ट जनता के नाम लिखी है और मौजूदा सियासी हालात की हकीकत अपने शब्दों में बयां की है. राजेंद्र राणा के मुताबिक "हिमाचल में मौजूदा सियासी गतिविधियों से हर कोई वाकिफ है लेकिन साजिशन कुछ चीजों को पर्दे के पीछे छिपाया जा रहा है. उन्होंने लिखा कि "सारी हकीकत आपके सामने है. जो आपके सामने नहीं हैं और जिसे साजिश के तहत पर्दे के पीछे छिपाया जा रहा है, उसी से आपको रू-ब-रू कराने के लिए मैं ये पोस्ट लिख रहा हूं क्योंकि मेरी प्रतिबद्धिता, मेरा लगाव, मेरी निष्ठा, मेरा समर्पण, मेरा विश्वास और मेरी जिम्मेदारी आपसे है, सत्ता के शिखर पर बैठे किसी बौने शहंशाह से नहीं हैं !"

फिर याद दिलाए वादे

राजेंद्र राणा ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में एक बार फिर विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान कांग्रेस के किए वादे याद दिलाए हैं. राजेंद्र राणा इससे पहले मुख्यमंत्री के नाम भी चिट्ठी लिखकर चुनावी वादे दिलाने से लेकर युवाओं की आवाज उठा चुके हैं.

"हिमाचल चुनाव के दौरान हमने एक कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर आपसे जो वादा किया था, वो आपको याद होगा. आपने हमारे वादे पर यकीन किया, हमें अपना कीमती वोट देकर वादे को हकीकत में तब्दील करने का अवसर दिया, देवभूमि की सेवा का मौका दिया लेकिन उन वादों की आज हकीकत क्या है ? इसके बारे में मैं अभी लिखने बैठ जाऊं तो फिर वादाखिलाफी की एक पूरी किताब लिखनी पढ़ जाएगी."

निशाने पर मुख्यमंत्री से लेकर आलाकमान

राजेंद्र राणा ने अपनी पोस्ट में शायराना अंदाज में मुख्यमंत्री से लेकर कांग्रेस के केंद्रीय आलाकमान तक पर निशाना साधते हुए शिमला का शहंशाह और हस्तिनापुर जैसी संज्ञा दी है. राणा के मुताबिक उन्होंने अपनी आवाज सरकार से लेकर केंद्रीय आलाकमान तक पहुंचाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. .

"कभी सोचा नहीं था कि जिनके हाथों में मैं खुशी खुशी फूल का मंजर देकर आया था, उनके हाथों का खंजर मेरे इंतजार में रास्ता तक रहा होगा"

"आपसे किए वादों को पूरा करने के लिए मैं सुजानपुर से शिमला और शिमला से दिल्ली तक की दौड़ लगाता रहा. हाथ जोड़कर गुहार लगाता रहा कि हिमाचल और हिमाचलियत को बदनाम मत करो. जो वादा किया है, उसे पूरा करो. लोगों के भरोसे, देवभूमि की पवित्रता और पावनता को कलंकित मत करो लेकिन ना तो शिमला के शहंशाह के दरबार में मेरी सुनवाई हुई, ना ही हस्तिनापुर के दरकते सिंहासन पर सत्तारूढ़ सत्तानीशों ने मेरी बात पर गौर फरमाया"

"आरजू थी इंसाफ की, हिस्से बस जिल्लत आयी"

इस लाइन को लिखते हुए राजेंद्र राणा ने बताया कि उनके पास दो विकल्प थे लेकिन उन्होंने दूसरा विकल्प के रूप में बगावत को चुना और अब ये बगावत आखिरी मुकाम पर है. राजेंद्र राणा ने इशारा किया है कि जल्द ही कुछ बड़ा होने वाला है.

"आखिर में मेरे पास बस दो विकल्प बचे थे. पहला- मैं सीएम सुक्खू के किचन कैबिनेट में शामिल होकर सत्ता सुख का आनंद उठाता, दिल्ली के कांग्रेस दरबारियों में अपना नाम लिखाकर सुख चैन की बंसी बजाता, और दूसरा- वही विकल्प जिस पर मैं इस वक्त चल रहा हूं. हिमाचल और हिमाचलियत को बचाने के लिए प्राण जाए पर वचन ना जाए की अपनी सनातन संस्कृति को अक्षुण्ण रखने के लिए बगावत करना. मैंने दूसरे विकल्प को चुना क्योंकि इसी देवभूमि की पवित्र-पावन भूमि ने मुझे बचपन से सिखाया है कि अगर सच के लिए बगावत करना जरूरी है तो फिर बगावत से कभी हिचकना मत. देवभूमि की वो सीख, देवभूमि के वो संस्कार और देवभूमि की उस सनातन संस्कृति को मैंने सिर माथे पर सजाया और बगावत का बिगुल फूंक दिया !"

"मौजूदा सत्ता की साजिश और षड्यंत्र के खिलाफ मेरी बगावत आखिरी मुकाम पर है और बहुत जल्द आपको इसके परिणाम भी दिख जाएंगे. विश्वास कीजिए वो परिणाम हर तरह से हिमाचल और हिमाचलियत के लिए सुखद और मील का पत्थर साबित होंगे. सत्य और न्याय की मेरी लड़ाई में आप शुरू से मेरा साथ देते रहे हैं और उम्मीद करता हूं कि सच और न्याय की इस लड़ाई में, प्रदेश के स्वाभिमान की इस लड़ाई में, मुझे आपका आशीर्वाद और सहयोग मिलता रहेगा"

गौरतलब है कि राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग करने वाले 6 विधायकों को स्पीकर ने अयोग्य करार दिया था. अब ये 6 बागी हिमाचल विधानसभा के सदस्य नहीं हैं. इनमें राजेंद्र राणा के अलावा सुधीर शर्मा, इंद्र दत्त लखनपाल, देवेंद्र कुमार भुट्टो, रवि ठाकुर और चैतन्य शर्मा शामिल हैं. इन 6 बागियों ने स्पीकर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की हुई है. फिलहाल ये बागी हरियाणा के पंचकूला स्थित एक होटल में हैं.

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