शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते तीन सालों में 1890 नवजात जन्म से दिव्यांग पैदा हुए हैं. वहीं, प्रदेश में गत 3 सालों में 60 मानसिक रोगियों को प्रदेश पुलिस ने मेंटल हेल्थ इंस्टीट्यूट में एडमिट करवाया है. ये सारा डेटा 1 जनवरी 2024 तक का है. ये जानकारी हिमाचल विधानसभा में बजट सत्र के दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज के पूछे गए सवाल पर लिखित में दी है.
किस जिले में कितने दिव्यांग नवजात
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने बताया कि प्रदेश में 1890 बच्चे जन्मजात दिव्यांगता के साथ पैदा हुए हैं. प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में सबसे ज्यादा 400 नवजात शिशु दिव्यांग पैदा हुए हैं. इसके बाद शिमला जिले में 364 दिव्यांग नवजात पिछले तीन सालों में पैदा हुए हैं. वहीं, ऊना जिले में 192, हमीरपुर जिले में 165, बिलासपुर में 157, मंडी में 144, चंबा में 139, सिरमौर में 116, सोलन में 98, कुल्लू में 80, किन्नौर में 30 और लाहौल स्पीति में 5 दिव्यांग बच्चे पैदा हुए हैं. कुल मिला कर प्रदेश में गत 3 सालों में 1890 दिव्यांग बच्चे पैदा हुए हैं.
शिमला में सबसे ज्यादा मानसिक रोगी भर्ती
मानसिक रोगियों के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने बताया कि हिमाचल पुलिस ने गत तीन सालों में 60 मानसिक रोगियों को मेंटल हेल्थ इंस्टीट्यूट में भर्ती करवाया है. शिमला जिले से सबसे ज्यादा 15 मानसिक रोगियों को मानसिक चिकित्सा संस्था में भर्ती करवाया गया है. वहीं, सोलन जिले से 13, चंबा जिले से 8, मंडी जिले से 6, हमीरपुर जिले से 5, कांगड़ा और सिरमौर जिले से 4, बिलासपुर और लाहौल स्पीति जिले से 2, किन्नौर जिले से 1 मानसिक रोगी को बीते 3 सालों में पुलिस द्वारा मानसिक चिकित्सा संस्था में भर्ती करवाया गया है.