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जिस छात्रा की हत्या से दहल गई थी ताजनगरी, उसी को आरोपी को 8 साल बाद हाईकोर्ट से मिली जमानत - Agra Rape Murder Case

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 10, 2024, 12:25 PM IST

Agra Research Student Rape Murder: आरोपी को सशर्त जमानत मिली है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि, सुनवाई के दौरान अभियुक्त कोर्ट की कार्रवाई में सहयोग करेगा. किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं होने के साथ ही सुनवाई समाप्त होने तक देश छोड़कर नहीं जाएगा.

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आरोपी उदय स्वरूप को हाईकोर्ट ने 8 साल बाद दी जमानत. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat(Archive))

आगरा: Agra Research Student Rape Murder: ताजनगरी में 13 साल पहले दयालबाग स्थित शिक्षण संस्थान में एक शोध छात्रा की हत्या कर दी गई थी. इससे आगरा दहल उठा था. हत्या से पहले रेप भी किया था. आरोपी उदय स्वरूप आठ साल से जेल में बंद था. अब उसे हाईकोर्ट से जमानत मिली है.

शोध छात्रा हत्याकांड की विवेचना न्यू आगरा थाना पुलिस के बाद सीबीआई ने की थी. जिसमें शोध छात्रा के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी. जिस पर ही आरोपी उदय स्वरूप 12 मई 2016 को दोबारा जेल भेजा गया था.

आरोपी के अधिवक्ता दीपक शर्मा ने बताया कि, उदय स्वरूप को सशर्त जमानत मिली है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि, सुनवाई के दौरान अभियुक्त कोर्ट की कार्रवाई में सहयोग करेगा. किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं होने के साथ ही सुनवाई समाप्त होने तक देश छोड़कर नहीं जाएगा.

हाईकोर्ट से जमानत मंजूर होने पर आदेश की प्रतिलिपि दाखिल कर जमानत भरवाई जाएगी. वहीं, अपर जिला जज प्रथम के न्यायालय में इस विचाराधीन मुकदमे की शुक्रवार को सुनवाई होनी है. जिसमें अब तक 50 लोगों की गवाही पूरी हो चुकी है.

बता दें कि, 15 मार्च 2013 को दयालबाग स्थित शिक्षण संस्थान की नैनो बायोटेक्नोलॉजी लैब में शोध छात्रा की हत्या हुई थी. लैब में शोध छात्रा के साथ दुष्कर्म भी हुआ था. फिर, बेरहमी से हत्या की गई थी. शोध छात्रा की कार संस्थान के बाहर लावारिस खड़ी मिली थी.

पुलिस ने लैब के अंदर से शव बरामद किया था. इसके बाद अगले दिन आक्रोशित छात्र-छात्राएं ने सड़क पर प्रदर्शन किया था. सोशल मीडिया पर न्याय के लिए मुहिम छेड़ी गई थी. पुलिस ने आरोपी उदय स्वरूप और लैब टेक्नीशियन यशवीर संधू को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.

पुलिस ने हत्या, दुष्कर्म का प्रयास और साक्ष्य मिटाने की धारा में आरोप पत्र दाखिल किया था. तब भी आरोपी को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी. बता दें कि, हंगामा और पीड़ित पिता की मांग पर प्रदेश सरकार ने केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था. जिस पर सीबीआई की विवेचना की.

सीबीआई के हाथ कोई चश्मदीद नहीं लगा था. सीबीआई ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आरोप पत्र दाखिल किया था. इसके साथ ही सीबीआई ने आरोपी यशवीर संधू को क्लीन चिट देकर उदय स्वरूप को मुख्य आरोपी बनाया था.

सीबीआई की चार्जशीट में दुष्कर्म की धारा बढ़ाई गई थी. इसके बाद आरोपी उदय स्वरूप को दोबारा गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था. वो तभी से जेल में है. बता दें कि शोध छात्रा के पिता 11 साल से बेटी के मामले में न्याय के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं.

बेटी की हत्या में अभी तक 50 से अधिक गवाह की गवाही हो चुकी है. उनका कहना है कि, अब आरोपी को हाईकोर्ट से जमानत मिलने की जानकारी हुई है. हाईकोर्ट से जमानत किस आधार पर हुई है, मैं अब इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करूंगा.

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