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झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में विधायक हेमंत सोरेन, कहा- जब सरसों में ही भूत है तो भूत भागेगा कहां से

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 5, 2024, 1:18 PM IST

Former CM Hemant Soren participated in special session of Jharkhand Assembly
झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में विधायक हेमंत सोरेन

Hemant Soren participated in Jharkhand Assembly. झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में विधायक हेमंत सोरेन ने भाग लिया. सदन में उन्होंने कहा कि हम चंपई सोरेन के समर्थन के लिए खड़े हुए हैं, हमारा पूरा झारखंड मुक्ति मोर्चा और हमारे सहयोगी दल चंपई सोरेन के साथ हैं.

रांचीः चंपई सोरेन की सरकार का फ्लोर टेस्ट हुआ. इसके लिए झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया. जिसमें तमाम सदस्यों ने भाग लिया. इस सत्र में पूर्व सीएम सह बरहेट विधायक हेमंत सोरेन ने भी भाग लिया.

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सदन में बोलने के लिए खड़े हुए. उन्होंने कहा कि हम चंपई सोरेन के समर्थन के लिए खड़े हुए हैं, हमारा झारखंड मुक्ति मोर्चा और हमारे सहयोगी दल चंपई सोरेन के साथ खड़े हैं. सदन में हेमंत सोरेन ने कहा कि 31 जनवरी के दिन का काला अध्याय देश के लोकतंत्र में नए तरीके से जुड़ा है. 31 जनवरी की रात को देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी हुई है. देश के लोकतंत्र में यह पहली घटना है और इस घटना को अंजाम देने में कहीं ना कहीं राजभवन की साजिश है.

हेमंत सोरेन ने कहा कि जिस तरीके से घटना हुई है, उसको लेकर में बहुत आश्चर्यचकित हूं क्योंकि मैं एक आदिवासी समाज से आता हूं. इसलिए नियम, कायदे कानून और जानकारी का थोड़ा अभाव रहता है. भौतिक क्षमताएं हम विपक्ष के बराबर नहीं हैं. लेकिन सही गलत की समझ तो इंसान और जानवर को अलग करता है. उन्होंने कहा कि बड़े सुनियोजित तरीके से बड़े लंबे समय से 31 जनवरी को जो पटकथा लिखी गई उसको तैयार किया जा रहा था. इसे बहुत धीमी आंच पर तैयार किया जा रहा था लेकिन जिस पकवान को बनाने की तैयारी कर रहे हैं वह पकवान इतनी आसानी से पकने को तैयार नहीं है.

हेमंत सोरेन ने कहा कि बड़े सुनियोजित तरीके से हमें अपनी गिरफ्त में लिया है. आज कहीं ना कहीं ऐसा लगता है कि बाबा अंबेडकर का जो सपना था कि सभी लोग एक प्लेटफार्म पर आए बराबरी करे, साथ मिले. लेकिन जिस तरीके से भीमराव अंबेडकर को अपना धर्म छोड़कर के बौद्ध धर्म अपनाना पड़ा वो बहुत सुनियोजित तरीके से से उस कालखंड में देखने को मिला. वर्तमान में आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हुए हैं, दोबारा नये चेहरे नयी शक्ल के रूप में देखते रहे हैं और उसी का जीता जागता उदाहरण 31 जनवरी को मेरे साथ जो हुआ है वह देखने को मिला है.

हेमंत सोरेन ने कहा कि विपक्ष के लोग को जितनी घृणा और द्वेष करते हैं, इसकी ताकत इन्हें कहां से मिलती है मैं यह सोच के अचंभित हूं. आदिवासी और दलित पिछड़ों से इन्हें इतनी घृणा क्यों है यह मेरे समझ के पार है. हेमंत सोरेन ने कहा कि यह कहते हैं कि हम जंगल में थे, हमें जंगल में ही रहना चाहिए था. हम जंगल से बाहर आए उनके बराबर बैठे तो उनके कपड़े मैले होने लगे, हम इन्हें अछूत दिखते हैं.

'...तो मैं राजनीति से सन्याय ले लूंगा': हेमंत सोरेन ने कहा कि उनके अंदर जो कुंठा है, वह मुझे पता था यह लोग जो साजिश रच रहे थे वह भी मुझे पता था. हेमंत सोरेन ने कहा कि ने ऐसा लगता है कि मुझे जेल में डालकर किनके मंसूबे पूरे हो जाएंगे. लेकिन उनके मंसूबे नहीं पूरे होंगे. इन्हें यह नहीं पता है कि झारखंड के आदिवासी देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़े हैं. लेकिन इनको देश की आजादी से कोई लेना-देना नहीं रहा है. हम लोग देश के लिए लड़े हैं और हम लोग सिर्फ मेलभाव रखके काम करते हैं, हमें छल प्रपंच नहीं आता है. यही वजह है कि उनके पास जो भौतिक सुविधा है हम उससे पीछे रह गए हैं. लेकिन हम लोगों को फंसाने का काम यह किए हैं, वह लोग जो हजारों करोड़ डकार करके विदेश में जाकर बैठे हैं, इनकी हिम्मत नहीं है कि उनके ऊपर हाथ डाल सके. उन्होंने सिर्फ देश के दलित और आदिवासियों पर अत्याचार करने का काम किया है और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग किया है. हेमंत सोरेन ने कहा कि 8:30 एकड़ की जमीन को लेकर के हमें फंसाया गया है, अगर इनमें हिम्मत है तो कागज पटक कर दिखाएं कि 8:30 एकड़ की जमीन हेमंत सोरेन के नाम पर है तो यह दिखाएं अगर वह कागज यह दिखाते हैं तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा.

हेमंत सोरेन ने कहा कि मैं आंसू नहीं बहाऊंगा मैं आंसू वक्त के लिए रखूंगा क्योंकि आपके लिए दलित आदिवासियों के आंसू का कोई मोल नहीं है. आप लोगों के लिए गरीबों के आंसुओं का कोई मोल नहीं है. मैं वक्त आने पर उनके एक-एक सवालों का जवाब एक-एक षड्यंत्र का जवाब तरीके से दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारे ही राज्य को कुछ ऐसे लोग हैं जो सामंती सोच के लोगों के पैरों में झुक करके सेवा कर रहे हैं. आज झारखंड की जो स्थिति है वह इन्हीं लोगों के कारण हुई है. हमारे जो विपक्ष के सहयोगी हैं उनमें से ही कुछ लोग हैं जो ऐसा कर रहे हैं हमें किसी का नाम लेकर के बताने की जरूरत नहीं है कि कौन कहां बैठा है और किसने क्या किया है लेकिन इनको बताने की जरूरत नहीं है. हेमंत सोरेन ने कहा कि घोटाला 2019 से ही दिख रहा है उससे पहले राज्य में घोटाले हुए यह इन्हें नहीं दिख रहा है. हेमंत सोरेन ने कहा कि यह लोग नहीं चाहते हैं कि आदिवासी दलित का बेटा जज बने, आईएएस बने, आईपीएस बने.

हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा के जितने भी आदिवासी मुख्यमंत्री बने थे, पूछिए कितने ऐसे हैं जिन लोगों ने 5 साल पूरा किया. हेमंत सोरेन ने कहा कि मुझे भी इस बात का डर था कि यह लोग मुझे 5 साल का कार्यकाल पूरा करने नहीं देंगे. मुझे इस बात का डर था और यही हुआ इन लोगों को यह करना था और इन लोगों की यह इच्छा थी कि रजिस्टर में कोई आदिवासी मुख्यमंत्री 5 साल झारखंड में पूरा करे. हेमंत सोरेन ने कहा कि हम लोग सिर झुका कर चलना नहीं जानते हैं और यही आदिवासियों की खासियत है.

हेमंत सोरेन ने कहा कि जब सरसों में ही भूत है तो भूत भागेगा कहां से, यह राज्य ही ऐसा है कि यहां पैसा बहुत है. यही वजह है कि यहां पर आरोप लगते और लगाए जाते हैं. झारखंड राज्य बनने की बात आई को इन लोगों ने कहा कि यह लोग आदिवासी राज्य बनाएंगे. इसके बाद जब आदिवासी की बात आई तो उन्होंने कहा कि आदिवासी राज्य चलाएगा. महोदय मैं पढ़ के आगे आया तो इन्हें तकलीफ है, मैं हवाई जहाज में जाता हूं इन्हें तकलीफ होती है मैं बीएमडब्ल्यू में चलता हूं इन्हें तकलीफ होती है, मैं फाइव स्टार में जाकर रुकता हूं इन्हें तकलीफ होती है. ये करें तो सब साफ सुथरा सब ठीक-ठाक और हम करें तो वह गलत है.

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