कानपुर : शहर के बेहद चर्चित मामलों में शामिल छात्र नेता टोनी यादव की हत्या के मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया गया. गुरुवार को एडीजे प्रथम राजेश चौधरी की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. बहस के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है. अब कोर्ट इस मामले में 27 मार्च को फैसला सुनाएगी.
जानिए क्या था मामला : बता दें साल 2002 के इस मामले में कानपुर के बर्रा में जब दो छात्र गुटों के बीच मारपीट और फायरिंग हुई थी, तब जमकर दोनों पक्षों की ओर से गोलियां व बम चले थे. एक गुट के छात्र नेता के गनर की गोली से दूसरे गुट के छात्र नेता टोनी यादव की मौत हो गई थी. उसके बाद कानपुर में इतना अधिक बवाल हुआ था, कि कुछ समय के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया था. पूर्व सीएम तक ने इस मामले की रिपोर्ट मांगी थी. करीब 22 सालों बाद इस मामले पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर दिया. मामले में एक गुट के गनर एसपी द्विवेदी को ही दोषी माना गया है और अब 27 मार्च को सजा सुनाई जाएगी.
सांत्वना देने पहुंचे थे पूर्व सीएम अखिलेश व शिवपाल यादव : इस पूरे मामले पर भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोज सिंह ने बताया, कि 26 अगस्त 2002 का दिन था. उस समय वह खुद डीबीएस कॉलेज से अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे थे. जबकि, दूसरी ओर से छात्र नेता संदीप ठाकुर मैदान में थे. संदीप मौजूदा समय में भाजपा दक्षिण की राजनीति में सक्रिय रहते हैं. मनोज ने कहा, कि एक बात पर दोनों छात्र गुटों में विवाद हो गया. देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ा, कि मारपीट होने लगी. छात्र नेता टोनी यादव ने संदीप गुट के गनर एसपी द्विवेदी से बंदूक छिनने का प्रयास किया, जिसमें गोली चल गई. इससे टोनी की मौके पर मौत हो गई थी. इस मामले में कोर्ट ने संदीप, उनके पिता, भाई और गनर को दोषी माना था. हालांकि, मुकदमे के दौरान संदीप, पिता व भाई को बरी किया गया है और गनर के खिलाफ फैसला सुरक्षित कर लिया गया है. मनोज सिंह ने कहा, जब टोनी की हत्या हुई थी तब पूर्व सीएम अखिलेश यादव व सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव सांत्वना देने आए थे.