नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गरुड़ बागेश्वर के मानाखेत में जल जीवन मिशन के तहत पेयजल लाइन बिछाने में हुई अनियमितताओं और फर्जीवाड़े के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए है कि इस मामले पर तीन महीने के भीतर जवाब पेश करें.
मामले के अनुसार गोपाल चंद वनवाशी और अन्य ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनके गांव में जल जीवन मिशन के तहत पेयजल लाइन बिछाने का टेंडर हुआ है. जिसमें ठेकेदार ने पाइप लाइन डालते वक्त पुराने पाइपों का इस्तेमाल किया है और जितना उसे पाइप लाइन बिछाने का ठेका दिया गया. वह भी उसने पूरा नहीं किया है. उसके बाद भी विभाग ने उसे दस लाख रुपये का अधिक भुगतान कर दिया.
जब इसकी शिकायत ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से की, तो जिलाधिकारी ने इस प्रकरण की जांच कराने हेतु सीडीओ को निर्देश दिए. सीडीओ ने जांच कराने हेतु कमेटी गठित की. कमेटी ने जांच के उपरांत पाया कि ठेकेदार ने टेंडर के मुताबिक कार्य नहीं किया और कार्य में लापरवाही की है. अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार को दस लाख रुपये का अधिक भुगतान भी किया गया, लेकिन जिलाधिकारी ने कमेटी की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की. उल्टा विभाग ने सरकारी कार्य में बाधा डालने संबंधित प्रेस कॉन्फ्रेंस याचिकर्ता के खिलाफ की. वहीं याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि इस मामले की जांच करके दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए.
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