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गुप्त नवरात्र 2024 : आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता के लिए तीसरे दिन करे मां चंद्रघंटा की पूजा

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 12, 2024, 7:59 AM IST

देवी की उपासना के पर्व नवरात्र में देवी के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा होती है और हर दिन की पूजा का अपना एक खास महत्व है. अपने मनवांछित फल की प्राप्ति के लिए गुप्त नवरात्र के तीसरे दिन जातक मां चंद्रघंटा के स्वरूप की पूजा करते हैं.

Gupt Navratri 2024
मां चंद्रघंटा की पूजा

बीकानेर. देवी की उपासना के पर्व गुप्त नवरात्र में तंत्र विद्या सिद्धि के लिए महाविद्या पूजा की जाती है. पञ्चांगकर्ता पंडित राजेंद्र किराडू बताते हैं कि साधक गृहस्थ लोग जो गुप्त नवरात्र करते हैं, वे मनवांछित फल की प्राप्ति के लिए गुप्त नवरात्र के तीसरे दिन जातक मां चंद्रघंटा के स्वरूप की पूजा करते हैं.

सफेद मिठाई मंदार व पुष्प करे अर्पण : पञ्चांगकर्ता पंडित राजेन्द्र किराडू ने बताया कि मां चंद्रघंटा की पूजा में मालपुआ और खीर का भोग लगाना श्रेष्ठ होता है, क्योंकि यह मां चंद्रघंटा का प्रिय भोग होता है. मां चंद्रघंटा की पूजा आराधना में देशी गाय का दूध और शहद के साथ ही सफेद मिठाई का भोग अर्पण करने से भी मां प्रसन्न होती है. वहीं, माता चंद्रघंटा की पूजा में मंदार के पुष्प अर्पित करना श्रेष्ठ बतलाया गया है.

इसे भी पढ़ें : गुप्त नवरात्र का दूसरा दिन : मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से मिलती इंद्रियों पर विजय

इसे भी पढ़ें : Gupt Navratri 2024 : आज प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा, जागृत करें मूलाधार चक्र

निर्णय लेने की आती है क्षमता : मां चंद्रघंटा के पूजन से साधक को तीसरे मणिपुर चक्र के जाग्रत होने वाली सिद्धियां स्वत: प्राप्त हो जाती है. निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है. आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है, जिससे हर कार्य कर पाना संभव हो जाता है.

इस मंत्र का करे जाप :

  • मां चंद्रघंटा का मंत्र - 'या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:
  • पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता. प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥ ऐं श्रीं शक्तयै नम:'

बीकानेर. देवी की उपासना के पर्व गुप्त नवरात्र में तंत्र विद्या सिद्धि के लिए महाविद्या पूजा की जाती है. पञ्चांगकर्ता पंडित राजेंद्र किराडू बताते हैं कि साधक गृहस्थ लोग जो गुप्त नवरात्र करते हैं, वे मनवांछित फल की प्राप्ति के लिए गुप्त नवरात्र के तीसरे दिन जातक मां चंद्रघंटा के स्वरूप की पूजा करते हैं.

सफेद मिठाई मंदार व पुष्प करे अर्पण : पञ्चांगकर्ता पंडित राजेन्द्र किराडू ने बताया कि मां चंद्रघंटा की पूजा में मालपुआ और खीर का भोग लगाना श्रेष्ठ होता है, क्योंकि यह मां चंद्रघंटा का प्रिय भोग होता है. मां चंद्रघंटा की पूजा आराधना में देशी गाय का दूध और शहद के साथ ही सफेद मिठाई का भोग अर्पण करने से भी मां प्रसन्न होती है. वहीं, माता चंद्रघंटा की पूजा में मंदार के पुष्प अर्पित करना श्रेष्ठ बतलाया गया है.

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निर्णय लेने की आती है क्षमता : मां चंद्रघंटा के पूजन से साधक को तीसरे मणिपुर चक्र के जाग्रत होने वाली सिद्धियां स्वत: प्राप्त हो जाती है. निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है. आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है, जिससे हर कार्य कर पाना संभव हो जाता है.

इस मंत्र का करे जाप :

  • मां चंद्रघंटा का मंत्र - 'या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:
  • पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता. प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥ ऐं श्रीं शक्तयै नम:'
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