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एक्सप्लेनर- दिल्ली दंगे के चार सालः जानें दंगे के शुरू होने से लेकर खत्म होने तक की कहानी व कोर्ट में मुकदमों की स्थिति

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 22, 2024, 7:55 PM IST

Four years of delhi riots: गुरुवार को दिल्ली दंगे को शुरू हुए चार साल हो गए. ईटीवी भारत ने दंगे के शुरू होने से लेकर अब तक की कहानी व कोर्ट में इससे संबंधित लंबित मुकदमों की स्थिति पर प्रकाश डाला है.

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नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में साल 2020 के फरवरी माह में हुए सांप्रदायिक दंगे को चार साल पूरे हो गए हैं. 22 फरवरी को शुरू हुआ दंगा 25 फरवरी तक चला था जिसमें 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी जबकि 500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. दंगे के बाद पुलिस ने बड़ी संख्या में दंगाइयों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और लोगों को गिरफ्तार किया. दंगे का मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन अभी तक जेल में है.

हालांकि, उसे दिल्ली हाई कोर्ट से दंगे से संबंधित दो मामलों में जमानत मिली थी. लेकिन, अन्य मामलों में जमानत नहीं मिल सकी. हालांकि, उनमें से कुछ लोगों को जमानत भी मिल चुकी है. कुछ लोगों को सजा भी हुई और काफी लोग बरी भी हुए हैं. दंगे के चार साल बाद कड़कड़डूमा कोर्ट में अभी काफी केस लंबित हैं. कई मामलों में गवाहियां हो चुकी हैं. कई मामलों में गवाहियां बाकी हैं. कुछ सीसीटीवी फुटेज की एफएसएल रिपोर्ट आ गई तो कुछ की बाकी है.

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दंगे में जान गंवाने वाले लोगों के जख्म फरवरी महीने के अंतिम सप्ताह में एक बार फिर हरे हो गए हैं. दंगे में किसी ने अपने पिता, किसी ने भाई, किसी ने बेटा तो किसी ने मां को खोया. दंगे ने हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के लोगों को भारी नुकसान पहुंचाया. अभी तक कुछ लोग दंगे में हुए जानमाल के नुकसान से नहीं उबर पाए हैं. हालांकि लोगों के कामकाज तो ढर्रे पर आ गए हैं. वहीं, कुछ लोग पलायन का भी दंश झेल रहे हैं.

इस खबर में ईटीवी भारत आपको दंगे की शुरूआत, दंगे में कितने लोग मारे गए, कितने घायल हुए, कितनी गिरफ्तारियां हुईं, कितने लोगों को जमानत मिली, कितने लोगों को सजा हुई और कितने लोगों को बरी किया गया. इन सभी सवालों के जवाब देगा. आइए जानते हैं दंगे के चार साल बीतने के बाद कड़कड़डूमा कोर्ट में दंगे से जुड़े मुकदमों की क्या स्थिति है.

दंगे की शुरूआत क्यों, कब और कैसे हुई?
22 फरवरी 2020 को सीएए(CAA) के विरोध में उत्तर-पूर्वी जिले के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे महिलाओं का धरना शुरू हुआ. चांद बाग की पुलिया पर भी धरना शुरू हुआ, जिसमें काफी भीड़ इकट्ठी हो गई. भीड़ के चलते यहां जाम लग गया. जाम बढ़ते-बढ़ते वजीराबाद रोड तक पहुंच गया. उसके बाद पुलिस जाम खुलवाने पहुंची तो भीड़ ने पथराव कर मारपीट शुरू कर दी. इतना ही नहीं भीड़ ने डीसीपी और एसीपी पर भी हमला कर दिया. देखते ही देखते गोली चलने लगी. इसी दौरान एक गोली पुलिस कांस्टेबल रतनलाल को लग गई और उनकी मौत हो गई. इसके बाद दंगा भड़क गया. इधर जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर भी धरने पर पथराव हो गया. जिसके बाद यहां भी दंगे की शुरूआत हो गई.

दंगे में कितने लोग मारे गए और कितने लोग घायल हुए?
दंगे में दोनों पक्षों हिंदू-मुस्लिम की ओर से 53 लोग मारे गए. इन सभी का जीटीबी अस्पताल में पोस्टमार्टम हुआ. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार दंगे में 581 लोग और 108 पुलिसकर्मी घायल हुए. हालांकि घायलों की संख्या ज्यादा थी. अधिकतर घायलों को इलाज के लिए जीटीबी अस्पताल ही पहुंचाया जा रहा था. जीटीबी अस्पताल में चारों तरफ चीख-पुकार मची हुई थी.

दंगे में पुलिस ने कुल कितने लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की?
दंगे के बाद पुलिस ने कुल 758 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इनमें से कुछ एफआईआर पीड़ितों ने दर्ज कराई थीं तो कुछ सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने खुद दर्ज की थी.

दंगे के दौरान पुलिस ने कितने लोगों को गिरफ्तार किया था?
दंगे के दौरान पुलिस ने 2,619 दंगाइयों को गिरफ्तार किया था. इनमें अधिकतर लोग सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किए गए. वहीं, कुछ की जांच के दौरान संलिप्तता पाए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया. चांद बाग में हुई हिंसा के मास्टर माइंड मोहम्मद खालिद को पुलिस ने मणिपुर से गिरफ्तार किया था. यह तीन साल तक फरार था. पुलिस ने इसे 10 जुलाई 2023 को गिरफ्तार करने में सफलता पाई थी.

पुलिस ने दंगे से संबंधित मामलों में कितनी चार्जशीट दाखिल की, कितने लोग जामनत पर हैं औऱ कितने जेल में?
पुलिस ने 695 मुकदमों में जांच करने के बाद 368 मामलो में चार्जशीट दाखिल की. जांच के दौरान संलिप्तता मिलने पर और गिरफ्तारियां हुईं जिनके बाद गिरफ्तार आरोपितों की संख्या बढ़कर 2,174 हो गई. इनमें से 1739 आरोपितों को जमानत मिल गई जबकि 108 आरोपित अभी भी जेल में हैं. दंगों का मुख्य मास्टर माइंड माना गया ताहिर हुसैन भी अभी जेल में है. ताहिर हुसैन के घर का इस्तेमाल दंगाइयों ने पेट्रोल बम फेंकने और ईंट-पत्थर मारकर लोगों को घायल करने के लिए किया था.

दंगे के कितने आरोपितों को अभी तक कोर्ट से सजा मिली, कितने बरी हुए हैं और कितने आरोप मुक्त हुए हैं?
चार साल में अभी तक दिल्ली दंगे में 46 आरोपितों को कोर्ट द्वारा दोषी ठहराकर सजा सुनाई गई है. 108 आरोपितों को आरोप मुक्त किया गया है जबकि 50 आरोपित बरी हुए हैं.

दंगे में गठित की गई एसआईटी और क्राइम ब्रांच द्वारा कितने केस दर्ज किए गए, कितने सुलझाए गए?
दंगे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित एसआईटी और क्राइम ब्रांच द्वारा कुल 62 केस दर्ज किए गए. इनमें से 45 केस वर्कआउट कर लिए हैं. एक केस को रद्द कर दिया गया. क्राइम ब्रांच ने इन मुकदमों में 424 आऱोपितों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से 346 आरोपित जमानत पर हैं. 52 आरोपित जेल में हैं. 25 बरी हो गए हैं और एक को दोषी ठहराया गया है.

दंगे को किस तरह नियंत्रण किया गया?
दंगे को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए थे. अर्धसैनिक बलों और सेना के जवानों को बड़ी संख्या में तैनात किया गया. कई वरिष्ठ अधिकारियों को भी दंगा नियंत्रण के लिए लगाया गया. जिसके बाद 25 फरवरी को दंगा नियंत्रित हुआ और पुलिस ने आरोपितों की धरपकड़ तेज की.

दिल्ली सरकार ने मृतकों, घायलों और गंभीर घायलों को कितना-कितना मुआवजा दिया?

दिल्ली सरकार ने दंगे में मरने वाले लोगों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये, घायलों को 50 हजार रुपये औऱ गंभीर घायलों को दो-दो लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया था. मुआवजा देने के लिए कैंप भी लगाए गए थे.

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