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नीतीश का साथ छोड़ने वाले अली अशरफ फातमी चले 'लालटेन' जलाने, सवाल- NDA का बिगाड़ेंगे खेल?

Former MP Ali Ashraf Fatmi: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बिहार की सियासत में बड़े उलटफेर देखने को मिल रहे हैं.पशुपति पारस पाला बदलने की तैयारी में है तो उत्तर बिहार के बड़े नेता अली अशरफ फातमी भी जेडीयू छोड़ महागठबंधन में शामिल होने वाले हैं. दोनों नेताओं के पाला बदलने का असर बिहार की सियासत पर पड़ेगा.

नीतीश का साथ छोड़ने वाले अली अशरफ फातमी ने कभी लालू को लौटाया था टिकट, अब फिर से थामेंगे लालटेन
नीतीश का साथ छोड़ने वाले अली अशरफ फातमी ने कभी लालू को लौटाया था टिकट, अब फिर से थामेंगे लालटेन
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 20, 2024, 8:04 PM IST

अली अशरफ फातमी थाम सकते हैं लालटेन

पटना: बिहार की राजनीति में हर पल घटना क्रम बदल रही है. जंग के मैदान में कूदने के लिए खिलाड़ी भी सामने आ रहे हैं. जदयू के कद्दावर नेता अली अशरफ फातमी ने पाला बदल लिया है. जदयू से इस्तीफा देने के बाद वह राष्ट्रीय जनता दल खेमे में जाने की तैयारी कर रहे हैं. इसके पीछे का कारण भी फातमी ने ईटीवी भारत के साथ साझा किया है.

अली अशरफ फातमी थाम सकते हैं लालटेन : अली अशरफ फातमी उत्तरी बिहार के मजबूत नेता माने जाते हैं और दरभंगा से चार बार सांसद रहे हैं. साथ में पहली बार 1991 में लोकसभा चुनाव जीते और 2004 में अली अशरफ फातमी को केंद्र की सरकार में मानव संसाधन राज्य मंत्री बनने का मौका मिला. अली अशरफ फातमी ने राजद छोड़ जदयू का दामन थाम लिया था. लोकसभा चुनाव से पहले अली अशरफ फातमी ने जदयू छोड़ दिया है और घर वापसी की तैयारी में हैं.

'इंडिया गठबंधन से नीतीश के अलग होने के बाद मैंने इस्तीफा दिया': अली अशरफ फातमी चार बार सांसद रहे और कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़े हैं. यहां तक की विधान परिषद जाने के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया. राज्यसभा जाने में दिलचस्पी जरूर थी. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान अली अशरफ फातमी ने कहा कि नीतीश कुमार जब इंडिया गठबंधन में थे तो मेरी आस्था नीतीश कुमार पर थी, लेकिन उन्होंने इंडिया गठबंधन को छोड़ दिया, इस वजह से मैंने नीतीश कुमार का साथ छोड़ना मुनासिब समझा.

"तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन मजबूती से आगे बढ़ रही है और हम तेजस्वी यादव के हाथ को मजबूत करने के लिए साथ आ रहे हैं. तेजस्वी यादव ने जिस तरीके से युवाओं को रोजगार दिया है, उसकी चर्चा पूरे देश भर में हो रही है. मुंबई में भी जब तेजस्वी भाषण दे रहे थे तो सबसे ज्यादा तालियां उनके भाषण पर बजी थी."-अली अशरफ फातमी, पूर्व राष्ट्रीय महासचिव,जेडीयू

'मधुबनी से लड़ना चाहता हूं लोकसभा का चुनाव': अली अशरफ फातमी ने लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की है और मोटे तौर पर भविष्य की सियासत को लेकर सहमति भी बन चुकी है. मिल रही जानकारी के मुताबिक अली अशरफ फातमी को मधुबनी लोकसभा सीट पर महागठबंधन की ओर से उम्मीदवार बनाने की तैयारी है. उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा मधुबनी से ही लड़ने की है.

ठुकराया था लालू का ऑफर: अली अशरफ फातमी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति करते थे और फिर बिहार की राजनीति में पहली बार 1990 के दशक में आए. लालू प्रसाद यादव ने अली अशरफ आदमी को विधानसभा के लिए टिकट ऑफर किया. अली अशरफ फातमी ने विधानसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया और कहा कि मैं लोकसभा चुनाव लड़ूंगा.

..तो इसलिए मधुबनी से लड़ना चाहते हैं फातमी: एक सवाल के जवाब में अली अशरफ फातिमा ने कहा कि मैं मधुबनी से चुनाव लड़ना चाहता हूं. पार्टी ने अगर मुझे टिकट दिया तो मैं मजबूती से चुनाव लड़ूंगा. आगामी चुनाव में किसका पलड़ा भारी रहेगा यह टिकट बंटवारे के बाद पता चल पाएगा. आपको बता दें कि अली अशरफ आदमी दरभंगा से चार बार सांसद रहे हैं लेकिन इस बार मधुबनी से चुनाव लड़ना चाहते हैं. परिसीमन के बाद दरभंगा के दो विधानसभा क्षेत्र मधुबनी में आ गए हैं. इस वजह से अली अशरफ फातमी को लगता है कि मधुबनी में वह मजबूत उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे.

किसका बिगड़ेगा खेल?: दरअसल नीतीश कुमार की पार्टी से मंगलवार को राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी ने इस्तीफा दे दिया है. जदयू में मुस्लिम नेता के तौर पर फातमी एक बड़ा नाम है. उनके आरजेडी में जाने से जेडीयू को नुकसान होने की संभावना है. हालांकि ओवैसी की पार्टी भी नए मुस्लिम चेहरों की तलाश में है. वहीं आरजेडी इस बार 'बाप' की रणनीति अपनाये हुए है. ऐसे में फातमी का आरजेडी से जदयू में आना और टिकट की चाह में फिर से आरजेडी में वापसी की खबरों से हलचलें बढ़ी हुई हैं और नफा नुकसान का आकलन शुरू हो गया है.

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अली अशरफ फातमी थाम सकते हैं लालटेन

पटना: बिहार की राजनीति में हर पल घटना क्रम बदल रही है. जंग के मैदान में कूदने के लिए खिलाड़ी भी सामने आ रहे हैं. जदयू के कद्दावर नेता अली अशरफ फातमी ने पाला बदल लिया है. जदयू से इस्तीफा देने के बाद वह राष्ट्रीय जनता दल खेमे में जाने की तैयारी कर रहे हैं. इसके पीछे का कारण भी फातमी ने ईटीवी भारत के साथ साझा किया है.

अली अशरफ फातमी थाम सकते हैं लालटेन : अली अशरफ फातमी उत्तरी बिहार के मजबूत नेता माने जाते हैं और दरभंगा से चार बार सांसद रहे हैं. साथ में पहली बार 1991 में लोकसभा चुनाव जीते और 2004 में अली अशरफ फातमी को केंद्र की सरकार में मानव संसाधन राज्य मंत्री बनने का मौका मिला. अली अशरफ फातमी ने राजद छोड़ जदयू का दामन थाम लिया था. लोकसभा चुनाव से पहले अली अशरफ फातमी ने जदयू छोड़ दिया है और घर वापसी की तैयारी में हैं.

'इंडिया गठबंधन से नीतीश के अलग होने के बाद मैंने इस्तीफा दिया': अली अशरफ फातमी चार बार सांसद रहे और कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़े हैं. यहां तक की विधान परिषद जाने के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया. राज्यसभा जाने में दिलचस्पी जरूर थी. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान अली अशरफ फातमी ने कहा कि नीतीश कुमार जब इंडिया गठबंधन में थे तो मेरी आस्था नीतीश कुमार पर थी, लेकिन उन्होंने इंडिया गठबंधन को छोड़ दिया, इस वजह से मैंने नीतीश कुमार का साथ छोड़ना मुनासिब समझा.

"तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन मजबूती से आगे बढ़ रही है और हम तेजस्वी यादव के हाथ को मजबूत करने के लिए साथ आ रहे हैं. तेजस्वी यादव ने जिस तरीके से युवाओं को रोजगार दिया है, उसकी चर्चा पूरे देश भर में हो रही है. मुंबई में भी जब तेजस्वी भाषण दे रहे थे तो सबसे ज्यादा तालियां उनके भाषण पर बजी थी."-अली अशरफ फातमी, पूर्व राष्ट्रीय महासचिव,जेडीयू

'मधुबनी से लड़ना चाहता हूं लोकसभा का चुनाव': अली अशरफ फातमी ने लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की है और मोटे तौर पर भविष्य की सियासत को लेकर सहमति भी बन चुकी है. मिल रही जानकारी के मुताबिक अली अशरफ फातमी को मधुबनी लोकसभा सीट पर महागठबंधन की ओर से उम्मीदवार बनाने की तैयारी है. उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा मधुबनी से ही लड़ने की है.

ठुकराया था लालू का ऑफर: अली अशरफ फातमी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति करते थे और फिर बिहार की राजनीति में पहली बार 1990 के दशक में आए. लालू प्रसाद यादव ने अली अशरफ आदमी को विधानसभा के लिए टिकट ऑफर किया. अली अशरफ फातमी ने विधानसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया और कहा कि मैं लोकसभा चुनाव लड़ूंगा.

..तो इसलिए मधुबनी से लड़ना चाहते हैं फातमी: एक सवाल के जवाब में अली अशरफ फातिमा ने कहा कि मैं मधुबनी से चुनाव लड़ना चाहता हूं. पार्टी ने अगर मुझे टिकट दिया तो मैं मजबूती से चुनाव लड़ूंगा. आगामी चुनाव में किसका पलड़ा भारी रहेगा यह टिकट बंटवारे के बाद पता चल पाएगा. आपको बता दें कि अली अशरफ आदमी दरभंगा से चार बार सांसद रहे हैं लेकिन इस बार मधुबनी से चुनाव लड़ना चाहते हैं. परिसीमन के बाद दरभंगा के दो विधानसभा क्षेत्र मधुबनी में आ गए हैं. इस वजह से अली अशरफ फातमी को लगता है कि मधुबनी में वह मजबूत उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे.

किसका बिगड़ेगा खेल?: दरअसल नीतीश कुमार की पार्टी से मंगलवार को राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी ने इस्तीफा दे दिया है. जदयू में मुस्लिम नेता के तौर पर फातमी एक बड़ा नाम है. उनके आरजेडी में जाने से जेडीयू को नुकसान होने की संभावना है. हालांकि ओवैसी की पार्टी भी नए मुस्लिम चेहरों की तलाश में है. वहीं आरजेडी इस बार 'बाप' की रणनीति अपनाये हुए है. ऐसे में फातमी का आरजेडी से जदयू में आना और टिकट की चाह में फिर से आरजेडी में वापसी की खबरों से हलचलें बढ़ी हुई हैं और नफा नुकसान का आकलन शुरू हो गया है.

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