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कॉर्बेट के लिए तैयार हुआ इको सेंसेटिव जोन ड्राफ्ट, यूपी पर टिकी निगाहें, जल्द केंद्र को भेजा जाएगा मसौदा

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 10, 2024, 3:01 PM IST

eco sensitive zone rules
कॉर्बेट के लिए तैयार हुआ इको सेंसेटिव जोन ड्राफ्ट

Corbett Eco Sensitive Zone Draft, Corbett Eco Sensitive Zone उत्तराखंड में कॉर्बेट में इको सेंसेटिव जोन के लिए ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. वन विभाग ने इससे जुड़े काम पूरे कर लिये हैं. अब यूपी को इसका ड्राफ्ट तैयार करना है. जिसके बाद उत्तराखंड कॉर्बेट में इको सेंसेटिव जोन का पूरा ड्राफ्ट तैयार भारत सरकार को भेजा जाएगा.

देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग ने कॉर्बेट में इको सेंसेटिव जोन के लिए ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. कॉर्बेट नेशनल पार्क की सीमाएं उत्तर प्रदेश से भी लगी हुई हैं. लिहाजा, इसके सीमांकन का काम उत्तर प्रदेश को भी करना है. UP सरकार द्वारा इसके सीमांकन का काम पूरा होने के बाद कॉर्बेट में इको सेंसेटिव जोन का निर्धारण से जुड़ा ड्राफ्ट भारत सरकार को भेज दिया जाएगा.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के आसपास मानव वन्य जीव संघर्ष के बढ़ते मामलों ने न केवल उत्तराखंड बल्कि भारत सरकार की भी चिंताएं बढ़ा दी हैं. इस मामले में एनजीटी समय तमाम वन एवं पर्यावरण से जुड़ी एजेंसी या भी सक्रिय दिखाई देती हैं. खास बात यह है कि इन्हीं स्थितियों को समझते हुए अब कॉर्बेट नेशनल पार्क के बफर जोन क्षेत्र में इको सेंसेटिव जोन निर्धारित करने का काम भी तेज कर दिया गया है. बाकायदा एनजीटी ने इसके लिए भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से भी रिपोर्ट मांगी है. इको सेंसेटिव जोन का निर्धारण बफर जोन से वन क्षेत्र के बाहरी इलाकों तक किया जाना है. हालांकि, कितना क्षेत्र इको सेंसेटिव जोन घोषित होगा यह रिपोर्ट के भारत सरकार पहुंचने और इस पर अंतिम निर्णय लिए जाने के बाद ही तय होगा.

इस मामले में उत्तराखंड वन विभाग के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन समीर सिंह ने कहा उत्तराखंड की तरफ से इससे जुड़ा ड्राफ्ट भेजा जा चुका है. कॉर्बेट की दक्षिणी सीमा उत्तर प्रदेश से लगी हुई है. इसीलिए उत्तर प्रदेश को अभी इसका ड्राफ्ट तैयार करना है. फिलहाल उत्तराखंड वन विभाग उत्तर प्रदेश के वन विभाग से भी संपर्क बनाए हुए हैं, जिससे जल्द से जल्द ड्राफ्ट को भारत सरकार में भेजा जा सके.

eco sensitive zone rules
इको सेंसेटिव जोन नियम

फिलहाल इको सेंसेटिव जोन कितने क्षेत्र को किया जाएगा यह तय नहीं है. क्षेत्रीय परिस्थितियों को देखते हुए ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. माना जा रहा है कि कॉर्बेट में बफर जोन से एक किलोमीटर से लेकर 10 किलोमीटर तक का क्षेत्र इको सेंसेटिव जोन घोषित हो सकता है.


ईको सेंसेटिव जोन क्या है: कॉर्बेट नेशनल पार्क में मानवीय गतिविधियों के बढ़ने के कारण मानव वन्य जीव संघर्ष की समस्याएं बढ़ गई हैं. इन्हीं स्थितियों से निपटने के लिए अब इको सेंसेटिव जोन की जरूरत महसूस की जा रही है. इको सेंसेटिव जोन होने के बाद संबंधित क्षेत्र में किसी भी तरह का निर्माण नहीं हो पाएगा. साथ ही मानवीय गतिविधियां भी सीमित की जाएगी.

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