ETV Bharat / state

जल शक्ति विभाग की लापरवाही! 40 लाख की कूहल पर अतिक्रमण, किसानों ने छोड़ी धान की खेती

author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 21, 2024, 10:39 AM IST

Encroachment on Kuhal in Karsog
करसोग में कूहल पर अतिक्रमण

Encroachment on Kuhal in Karsog: करसोग में कूहल पर हो रहे अतिक्रमण से सिंचाई योग्य 150 बीघा जमीन सूख गई है. जिससे किसानों में अब खेतों में धान की फसल लगानी छोड़ दी है. जिससे लोगों में जल शक्ति विभाग के खिलाफ भारी रोष है. वहीं, विभाग ने अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने बात कही है.

करसोग: मंडी जिले के उपमंडल करसोग में जल शक्ति विभाग की लापरवाही से खेतों में सिंचाई के लिए बनाई गई कूहल पर अतिक्रमण हो गया है. जिससे किसानों की सिंचाई योग्य करीब 150 बीघा जमीन सूखी पड़ गई हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि जल शक्ति विभाग ने अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की है. ऐसे में विभाग के प्रति लोगों में भारी रोष है.

40 लाख की लागत से बनी कूहल

जल शक्ति विभाग ने अपर व लोअर करसोग में कूहल निर्माण पर करीब 40 लाख रुपए खर्च किए थे, लेकिन अब अतिक्रमण से कूहल सुखी पड़ी है. जिससे किसान खेतों में सिंचाई से वंचित हो गए हैं. जिस कारण बहुत से किसान धान की खेती करना छोड़ रहे हैं, क्योंकि धान की खेती के लिए नियमित तौर पर पानी की जरूरत होती है. मगर कूहल पर ही अतिक्रमण होने से खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है.

4 साल पहले पक्की की गई थी कूहल

करसोग में इमला खड्ड से करीब तीन किलोमीटर के कूहल के जरिए सनारली, करसोग, लोअर करसोग में करीब 300 बीघा भूमि पर सिंचाई की जाती है. यहां कि किसानों ने बताया कि विभाग ने साल 2019-20 में इस कूहल को पक्का किया था. जिस पर करीब 40 लाख रुपए का खर्च आया था. ऐसे में कुछ समय तक तो किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलता रहा, लेकिन लगातार हो रहे अतिक्रमण के कारण यह कूहल बंद हो गई.

'150 बीघा उपजाऊ भूमि हुई बंजर'

किसानों का कहना है कि उनकी मांग के बावजूद विभाग ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया और अब 150 बीघा उपजाऊ भूमि बंजर हो चुकी है. बाकी क्षेत्र को अन्य जगहों से सिंचाई के लिए पानी तो मिल रहा है, लेकिन इससे भी सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है. जिस वजह से कई किसानों ने धान की खेती छोड़ दी है, अब इन खेतों में केवल मक्की और गेहूं ही उगाया जा रहा है. किसानों का कहना है कि कूहलें बंद होने से अधिकतर सिंचाई योग्य भूमि सुखी पड़ गई है. उनका कहना है कि जल शक्ति विभाग मामले को लेकर गंभीर नहीं है, जिससे उनकी परेशानी और ज्यादा बढ़ रही है.

कड़ी कार्रवाई का आश्वासन

वहीं, जब इस बार में जल शक्ति विभाग करसोग मंडल के अधिशाषी अभियंता कृष्ण कुमार से बात की गई तो उनका कहना है कि उनके द्वारा खुद मौके पर जाकर कूहलों का जायजा लिया जाएगा. अगर कूहलों पर किसी भी तरह से अतिक्रमण का मामला पाया जाता है तो ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

ये भी पढ़ें: 'अरे यहां पुल की क्या जरूरत, तस्वीरें देखिए यहां के लोग कैसे जीवन जीते हैं'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.