भोपाल। निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर मीडिया कवरेज के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. आयोग ने हिदायत दी है कि संचार माध्यमों के प्रचार पर प्रतिबंध रहेगा. ये बैन मतदान समाप्ति से 48 घंटे पहले से शुरू हो जाएगा. आयोग ने साफ किया है कि कोई भी व्यक्ति टेलीविजन या अन्य समान उपकरण के माध्यम से किसी भी चुनावी मामले को जनता के समक्ष प्रदर्शित नहीं करेगा. इन प्रावधानों का उल्लंघन करने पर दोषी व्यक्ति को दो साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है.
48 घंटे की अवधि के दौरान प्रसारित कंटेट पर कड़ी निगाह
आयोग ने स्पष्ट किया है कि टीवी, रेडियो, और केबल नेटवर्क को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि धारा 126 में उल्लेखित 48 घंटे की अवधि के दौरान उनके द्वारा प्रसारित कार्यक्रमों के कंटेंट में दृश्य सहित ऐसी कोई भी सामग्री शामिल नहीं हो जो नियम के खिलाफ हो. टीवी चैनलों के पैनलिस्ट को भी सलाह दी गई है कि वे किसी पार्टी विशेष या उम्मीदवार की संभावना को बढ़ावा देने या चुनाव के परिणाम को प्रभावित करने के रूप में कोई बात नहीं करें. इसमें जनमत सर्वेक्षण, बहस, विश्लेषण, बाइट्स आदि शामिल हैं. इसी के साथ थोक एसएमएस, वॉयस मैसेज, ऑडियो विजुअल डिस्प्ले का इस्तेमाल भी इस दौरान नहीं किया जा सकेगा.
राजनीतिक विज्ञापन के लिए कमेटी से लेनी होगी परमिशन
आयोग द्वारा स्पष्ट किया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापनों के लिये पूर्व आदेशानुसार राज्य/जिला स्तर पर गठित समितियों द्वारा पूर्व-प्रमाणन की आवश्यकता होगी. इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) ने चुनावी प्रक्रिया की अखंडता बनाए रखने के लिए अपने प्लेटफार्मों के स्वतंत्र, निष्पक्ष और नैतिक उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को "स्वैच्छिक आचार संहिता" भी बनाई है. सभी चुनावों के दौरान इस "स्वैच्छिक आचार संहिता" का पालन किया जाना चाहिए. यह संहिता वर्तमान लोकसभा चुनावों में भी लागू है.
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प्रस्तावित विज्ञापन दो दिन पहले कमेटी को दिखाना होगा
आयोग द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि कोई भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार या कोई अन्य संगठन या व्यक्ति मतदान के दिन और मतदान के दिन से एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं करेगा. करवाना ही है तो इसके लिए राज्य व जिला स्तर पर गठित समिति से अनुमोदन लेना होगा. ऐसे विज्ञापनों के प्रकाशन की प्रस्तावित तिथि से दो दिन पहले राज्य जिला स्तरीय कमेटी को आवेदन करना होगा. पाठकों को गुमराह करने के लिए समाचार सुर्खियों के रूप में राजनीतिक विज्ञापन विशेष रूप से समाचार पत्रों में प्रकाशित नहीं किए जाएंगे.