शिमला: राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में मस्जिद में हुए अवैध निर्माण के खिलाफ देवभूमि संघर्ष समिति ने विरोध का नया तरीका निकाला है. 5 अक्टूबर शनिवार को संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर नगर निगम कमिश्नर कोर्ट में सुनवाई है. उससे पहले देवभूमि संघर्ष समिति शुक्रवार 4 अक्टूबर को प्रदेश भर के मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ करेगी.
'अवैध मस्जिदों के खिलाफ जनता में रोष'
समिति के संयोजक भरत भूषण व सह-संयोजक मदन ठाकुर व अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि राज्य में अवैध रूप से रहकर कारोबार कर रहे प्रवासियों के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा. साथ ही जगह-जगह बन रही मस्जिदों के खिलाफ भी जनता को जागरूक किया जाएगा. समिति ने दावा किया कि अवैध रूप से बन रही मस्जिदों के खिलाफ जनता में रोष है. सरकार इस बारे में संवेदना से काम नहीं कर रही है.
5 अक्टूबर को मस्जिद मामले में सुनवाई
उल्लेखनीय है कि संजौली में मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को लेकर देवभूमि संघर्ष समिति आंदोलनरत है. शिमला के उपनगर संजौली में 11 सितंबर को भारी विरोध प्रदर्शन हुआ था. उसमें पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था. पुलिस के लाठीचार्ज से जनता में आक्रोश और बढ़ गया. उसके बाद प्रदेश भर में प्रदर्शनों का सिलसिला जारी हो गया. देवभूमि संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इस बीच, नगर निगम कोर्ट में 5 अक्टूबर को सुनवाई है. उससे पहले कमिश्नर के आदेश पर संबंधित एरिया के जूनियर इंजीनियर ने मस्जिद के निर्माण की पैमाइश कर रिपोर्ट तैयार की है. ये रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जानी है.
मस्जिद की जमीन सरकारी होने का दावा
वहीं, 5 अक्टूबर को सुनवाई में स्थानीय लोगों की तरफ से भी वकील ने अपना पक्ष सुने जाने का आवेदन दिया हुआ है. स्थानीय पक्ष के वकील का कहना है कि मस्जिद जिस जमीन पर बनी है, वो सरकारी है. कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह राणा भी यही बात सदन में कह चुके हैं कि जमीन सरकारी है. वक्फ बोर्ड का दावा है कि जमीन उसकी है. इन सब पहलुओं पर सुनवाई में स्थिति स्पष्ट होगी.
शोएब जमई के आने से बिगड़े हालात
वहीं, मस्जिद कमेटी के पूर्व मुखिया रहे मोहम्मद लतीफ का कहना है कि उनके समय में केवल दो मंजिलें थी. बाद में किसने निर्माण किया, इसकी जानकारी नहीं है. फिर विवाद बढ़ने और हिंदू संगठनों के रोष प्रदर्शन के बाद मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड ने कमिश्नर कोर्ट में खुद जाकर आवेदन दाखिल किया कि उन्हें अनुमति दी जाए तो वे खुद अवैध निर्माण तोड़ देंगे. इस बीच, दिल्ली से शोएब जमई के यहां आने से मामला और भड़क गया. हिंदू संगठनों का विरोध उसके बाद से तीखा हो गया है.
सुनवाई से पहले हनुमान चालीसा का पाठ
इसी कड़ी में कमिश्नर कोर्ट की सुनवाई से पहले संघर्ष समिति ने हनुमान चालीसा पाठ के आयोजन का फैसला लिया है. संघर्ष समिति का कहना है कि ये पाठ सरकार की सद्बुद्धि के लिए किया जा रहा है. समिति का कहना है कि हमारे पूर्वजों ने यह हिमाचल आने वाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित रखा है. संघर्ष समिति ने प्रदेश की पंचायतों के प्रतिनिधियों से भी सहयोग की अपील की है. आज यानी 2 अक्टूबर को होने वाली ग्राम सभाओं में पंचायतों में अवैध लोगों को आने की अनुमति नहीं देने संबंधी प्रस्ताव भी लाने का आग्रह किया है. भारत भूषण ने पंचायतों से बहुसंख्यक समाज को जागरूक रहने की अपील का आग्रह किया है.