नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने गिरफ्तार राजनेताओं को लोकसभा चुनाव के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये चुनाव प्रचार करने की अनुमति देने की मांग खारिज कर दी है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि ऐसे तो दाऊद इब्राहिम भी चुनाव प्रचार करने लगेगा. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि याचिकाकर्ता लॉ का छात्र है और उन्हें आप शक्तियों के विभाजन के बारे में बताएं. कोर्ट ने कहा कि अगर इस याचिका की अनुमति दी गई तो दाऊद इब्राहिम समेत सभी अपराधी चुनाव प्रचार करने लगेंगे.
याचिका लॉ के फाइनल ईयर के छात्र अमरजीत गुप्ता ने दायर किया था. याचिकाकर्ता की ओर से वकील मोहम्मद इमरान अहमद ने कहा था कि निर्वाचन आयोग को दिशानिर्देश जारी किए जाए कि वो गिरफ्तार नेताओं को लोकसभा चुनाव में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये चुनाव प्रचार करने की अनुमति दे. याचिका में मांग की गई थी कि अगर कोई नेता या उम्मीदवार गिरफ्तार किया जाता है तो तुरंत उसकी सूचना निर्वाचन आयोग को दी जाए.
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याचिका में याचिकाकर्ता ने नेताओं की गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया था. याचिका में कहा गया था कि निर्वाचन आयोग की ओर से आदर्श आचार संहिता की घोषणा होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया. याचिका में कहा गया था कि आम जनता को संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत संबंधित राजनेता का पक्ष जानने का अधिकार है.
याचिका में कहा गया था कि देश और खासकर दिल्ली के मतदाताओं को ये हक है कि वो राष्ट्रीय पार्टी के नेता की ओर से उसकी विचारधारा और लक्ष्य की जानकारी हासिल करे. याचिका में कहा गया था कि राजनीतिक दलों के नेताओं को चुनाव के दौरान अपना प्रचार करने के अधिकार से भी वंचित किया जा रहा है. इस संबंध में विभिन्न प्राधिकार को प्रतिवेदन दिया था, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं दिया गया. जिसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
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