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पोस्टमार्टम के बाद महिला की लाश से गायब मिली थीं दोनों आंखें, लापरवाही पर बदायूं के दो और डॉक्टर निलंबित

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 25, 2024, 7:37 AM IST

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बदायूंं में पोस्टमार्टम के दौरान लाश की बेकदरी (Badaun postmortem negligence action) का मामला सामने आया था. महिला के शव से दोनों आंखें गायब थीं. परिजनों के विरोध पर शिकायत डिप्टी सीएम तक पहुंच गई थी.

लखनऊ : बदायूंं में पोस्टमार्टम में लापरवाही बरतने पर दो और डॉक्टरों पर गाज गिरी है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दोनों डॉक्टरों को निलंबित कर अपर निदेशक चिकित्सा-स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण बरेली से संबद्ध करने के निर्देश दिए हैं. दोनों डॉक्टरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी.

दहेज हत्या का लगा था आरोप : आरोप है कि 10 नवम्बर 2023 को बदायूं के थाना अलापुर के कुतरई गांव निवासी पूजा की ससुराल वालों ने दहेज की मांग के चलते हत्या कर दी थी. पिता गंगाचरण ने मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया था. सीएमओ ने दो चिकित्सकों डॉ. मोहम्मद उबेश एवं डॉ. मोहम्मद आरिफ हुसैन की संयुक्त कमेटी गठित की थी. उन्होंने शव का पोस्टमार्टम किया. आरोप है कि पोस्टमार्टम में सतर्कता नहीं बरती गई. पोस्टमार्टम के बाद जब परिजनों ने लाश का बैग खोला तो शव से दोनों आंखें गायब थीं.

मुख्य चिकित्साधिकारी पर पहले ही हो चुकी है कार्रवाई : परिजनों ने इसकी शिकायत दर्ज कराई थी.डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने तत्काल प्रभाव से दोनों डॉक्टरों को निलंबित करते हुए अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कार्यालय बरेली से सम्बद्ध कर दिया है. साथ ही दोनों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी किए जाने के आदेश दिए हैं. इस मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. प्रदीप वाष्णेय को पहले ही निलंबित कर स्वास्थ्य महानिदेशालय में सम्बद्ध किया जा चुका है.

धमकी देने वाले डॉक्टर के खिलाफ होगी कार्रवाई : ड्यूटी के दौरान सहकर्मियों को अभद्र भाषा का प्रयोग कर धमकी देना महोबा के खरेला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टर को भारी पड़ा. शिकायत के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने आरोपी डॉ. राजेश कुमार वर्मा के खिलाफ अभियोजन चलाये जाने की स्वीकृति दी है. डॉ. राजेश पर जैतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैनाती के दौरान कई असंवैधानिक कृत्यों में संलिप्त रहने के आरोप हैं. साथ ही सहकर्मी के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए फोन पर दुर्व्यवहार किया एवं धमकी देने का भी आरोप है. पीड़ित कार्मिक द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद जांच हुई. विभाग की जांच में समस्त आरोप सत्य पाये गए. डिप्टी सीएम ने डॉ. वर्मा के विरुद्ध अभियोजन चलाये जाने की स्वीकृति दी है.

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