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रामपुर तिराहा कांड 1994: PAC के दो जवानों को आजीवन कारावास, 25 हजार जुर्माना, उत्तराखंड के सीने में आज भी ताजा हैं वो जख्म

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 18, 2024, 5:52 PM IST

Updated : Mar 18, 2024, 7:18 PM IST

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फोटो-ईटीवी भारत

Rampur Tiraha Incident रामपुर तिराहा कांड पर मुजफ्फरनगर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए 30 साल बाद पीएसी के दो सिपाहियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 25-25 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है.

देहरादून/मुजफ्फरनगर: यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के चर्चित रामपुर तिराहा कांड-1994 में तीन दशक बाद अदालत ने पीएसी के दो सिपाहियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने दोनों सिपाहियों पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.

अलग राज्य की मांग को लेकर चला था आंदोलन: मुजफ्फरनगर कोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में पीएसी सिपाही मिलाप सिंह और वीरेंद्र प्रताप पर आरोप साबित किया गया. इसमें 25 जनवरी 1995 को सीबीआई ने पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामले दर्ज किए थे. मामले के तहत, एक अक्टूबर 1994 को अलग राज्य (उत्तराखंड) बनने की मांग को लेकर देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली जा रहे थे. देर रात (2 अक्टूबर 1994) मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया था.

पुलिस फायरिंग में सात आंदोलनकारियों की हुई थी मौत: इस दौरान जब आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने आंदोलनकारियों पर फायरिंग कर दी थी. इसमें 7 आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी. इस पूरे मामले की सीबीआई ने जांच की और आरोपी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर मामले दर्ज कराए थे. इसमें पीएसी गाजियाबाद में सिपाही पद पर तैनात मिलाप सिंह निवासी एटा और दूसरा आरोपी सिपाही वीरेंद्र प्रताप निवासी सिद्धार्थनगर आरोप साबित हुए.

30 साल बाद मिला न्याय : 18 मार्च 2024 को करीब 30 साल बाद रामपुर तिराहा कांड में मुजफ्फरनगर कोर्ट ने फैसले सुनाते हुए दोनों आरोपी सिपाहियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोनों दोषियों पर 25-25 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है.

Rampur Tiraha Incident
रामपुर तिराहा कांड

क्या है रामपुर तिराहा कांड: पृथक उत्तराखंड राज्य आंदोलन की मांग ने 1 अक्टूबर 1994 को बड़ा रूप ले लिया था. एक अक्टूबर की रात काफी संख्या में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी बसों में भरकर देहरादून से दिल्ली की तरफ कूच करने लगे थे. लेकिन तत्कालीन यूपी सरकार के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के आदेश पर पुलिसकर्मियों ने राज्य आंदोलनकारियों को मुजफ्फनगर के रामपुर तिराहे पर रोकने का प्रयास किया. लेकिन उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी दिल्ली जाने की जिद पर अड़े रहे. दो अक्टूबर के तड़के करीब तीन बजे के आसपास माहौल पूरी तरह के तनावपूर्ण हो गया.

Rampur Tiraha Incident
रामपुर तिराहा कांड

आखिर में यूपी पुलिस ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया. आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने फायरिंग भी की, जिसमें 7 राज्य आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी. आरोप है कि इस दौरान कई महिलाओं के साथ दरिंदगी की घटना को भी अंजाम दिया गया. इस कांड दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों पर रेप, हत्या, छेड़छाड़ और डकैती जैसे कई मामले दर्ज हैं. फायरिंग मामले में साल 2003 में तत्कालीन डीएम को भी नामजद किया गया था.

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Last Updated :Mar 18, 2024, 7:18 PM IST
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