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कोरोना के कहर में पास किया हाईस्कूल, मार्कशीट में हुआ ये खेल, ग्रेजुएशन में अटका दाखिला - corona period papers passed

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 18, 2024, 6:50 AM IST

Updated : May 18, 2024, 7:43 AM IST

आगरा में 128 छात्र-छात्राओं ने कोरोना काल में दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण (corona period papers passed) की थी. इसके बाद उन्होंने इंटर भी पास कर लिया. अभी तक सभी को दसवीं की मार्कशीट नहीं मिली है. इस वजह से उनका ग्रेजुएशन में दाखिला अटक गया है.

corona papers
corona papers (photo credit : etv bharat)

आगराः ताजनगरी में 128 छात्र और छात्राओं ने कोरोना के कहर के बीच दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण (corona period papers passed) की थी. अब ये छात्र-छात्राएं तीन साल से दसवीं की मार्कशीट में अंक के लिए लड़ रहे हैं. यूपी बोर्ड ने उन्हें कोरोना काल के सत्र 2020-21 में परीक्षा न होने पर प्री बोर्ड परीक्षा के आधार पर प्रमोट कर दिया था मगर, अभी तक मार्कशीट में अंक नहीं दिए गए. जिससे बेहद परेशान हैं. क्योंकि, उनके पास दसवीं की मार्कशीट तो हैं मगर उस मार्कशीट पर अंक नहीं हैं. इतना ही नहीं, छात्र और छात्राएं जब हाईकोर्ट गए तो वहां से उन्हें राहत मिली. मगर, अभी तक उन्हें मार्कशीट पर अंक नहीं मिले हैं.


बता दें कि, मार्च 2020 में कोरोना ने दस्तक थी. कोरोना ने पूरे देश और दुनिया में कह मचाया था. लॉकडाउन लगाया गया था. जिसकी वजह से यूपी बोर्ड की सत्र 2020-21 की बोर्ड की परीक्षाएं नहीं हो सकी थीं. तब यूपी बोर्ड ने छात्र/छात्राओं को 9वीं और 10वीं के प्री-बोर्ड नंबर्स से प्रमोट किए गए. इसी हिसाब से बोर्ड ने रिजल्ट भी घोषित किया था.


ये है पूरा मामला
दरअसल, शहर के प्रताप नगर स्थित श्रीमती वैजयंती देवी इंटर कॉलेज के 128 छात्र-छात्राओं ने सत्र 2020-21 में दसवीं प्री बोर्ड परीक्षा दी थी. जिसके आधार पर ही यूपी बोर्ड ने सभी बच्चों को प्रमोट किया. लेकिन, इन छात्र छात्राओं की मार्कशीट पर अंक अंकित होकर नहीं आए. जिससे देखकर स्कूल के शिक्षक और छात्र भी हैरान हो गए. तभी से छात्र और छात्राएं अपनी दसवीं की मार्कशीट पर अंक अंकित आने को लेकर परेशानी का सामना कर रहे हैं. क्योंकि, स्कूल प्रशासन ने यूपी बोर्ड की गलती बताकर अपना पल्ला झाड लिया.


सीएम के जनता दरबार में गए
सोशल एक्टिविस्ट नरेश पारस ने बताया कि, स्कूल प्रशासन और बोर्ड की लड़ाई में छात्रों का करियर दांव पर लग गया है. छात्र मार्कशीट के लिए तीन साल से लड़ाई लड़ रहे हैं. जिले के हर जन प्रतिनिधि से मिले. अधिकारियों से भी गुहार लगाई. छात्रों ने मार्कशीट के लिए कटोरा लेकर अंक की भीख मांगी. इसके साथ ही सीएम योगी के जनता में गए. वहां पर भी समस्या का समाधान नहीं हुआ. जब सीएम योगी आगरा में जनसभा कराने आए तो छात्र और छात्राएं जनसभा स्थल पहुंच गए. वहां पर मार्कशीट की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. जिस पर सभा स्थल पर भाईपायों छात्र और छात्राओं के साथ मारपीट की थी. पुलिस ने छात्र और छात्राओं को हिरासत में लेकर थाने पर रखा था.


हाईकोर्ट का आदेश भी नहीं मान रहे अधिकारी
सोशल एक्टिविस्ट नरेश पारस ने बताया कि, जब कहीं से छात्रों की सुनवाई नहीं हुई तो 90 छात्र और छात्राओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद छात्रों के पक्ष में आदेश दिया है. जिसके मुताबिक, यूपी बोर्ड को आदेश दिया कि, निश्चित समय में सभी छात्रों को दूसरी अंक अंकित वाली मार्कशीट प्रदान की जाए. मगर, यूपी बोर्ड ने हाईकोर्ट का आदेश नहीं माना है. क्योंकि, इस मामले में माध्यमिक शिक्षा परिषद और जिला विद्यालय निरीक्षक आगरा ने एक स्पेशल अपील हाईकोर्ट में दाखिल करके सभी 90 छात्र-छात्राओं को पार्टी बनाया है.

12वीं कर लिया, ग्रेजुएशन अटका
पीडित छात्रों का कहना है कि, 10वीं की बिना अंक वाली मार्कशीट से उनका करियर खराब हो रहा है. स्कूल प्रबंधन ने उन्हें 11वी और 12वीं तो करा दी. मगर, जब ग्रेजुएशन में प्रवेश के लिए कॉलेजों में आवेदन किया तो 10 वीं के नंबर न होने के चलते उनकी मेरिट नहीं बनी. जिससे प्रवेश भी नहीं मिला. यूपी बोर्ड और अधिकारियों की लापरवाही से उनका भविष्य अंधकार में आ गया है.


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Last Updated : May 18, 2024, 7:43 AM IST
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