शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को आईजीएमसी शिमला में 33 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित प्रदेश के पहले ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन किया.
सीएम ने इस दौरान पूर्व की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा "पूर्व की भाजपा सरकार आधे-अधूरे भवनों का उद्घाटन करके चली गई सोचा चुनाव आ रहे हैं जितनी जगह हमारे नाम की प्लेट लग सकती हैं उनको लगाया जाए"
मुख्यमंत्री ने कहा "हमने ट्रॉमा सेंटर को बेस्ट ट्रॉमा सेंटर बनाने का प्रयास किया. पहले एक बिस्तर पर दो-दो मरीज लेटे होते थे इसलिए यहां बेड की संख्या बढ़ाई गई और कैजुअल्टी वॉर्ड में आने वाले मरीज को बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी. यहां डॉक्टरों की संख्या को बढ़ाया गया. पहले एक स्टाफ नर्स 12 मरीजों को देखेगी. अब 6 मरीजों को एक स्टाफ नर्स देखेगी."
सीएम ने कहा एम्स दिल्ली के समान आधुनिक सुविधाओं से लैस इस ट्रॉमा सेंटर की स्थापना से प्रदेश में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं सुदृढ़ होंगी और आपात परिस्थितियों में मरीजों की बेहतर चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित होगी.
यह केंद्र मरीजों की देखभाल के लिए उन्नत मशीनरी और आधुनिक तकनीक युक्त बिस्तरों की सुविधा प्रदान करेगा. इस ट्रॉमा सेंटर में 30 समर्पित चिकित्सक, 80 नर्सें, पैरामेडिकल स्टाफ और टेक्नीशियन तैनात किए गए हैं जो मरीजों की 24 घंटे स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करेंगे. प्रदेश सरकार आईजीएमसी के स्नातक चिकित्सकों के लिए दो छात्रावासों के निर्माण के लिए पांच-पांच करोड़ रुपये देगी जिनका निर्माण 18 माह की अवधि के भीतर किया जाएगा.
राज्य सरकार आईजीएमसी परिसर में पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है. यहां लेक्चर थियेटर निर्माण के समयबद्ध निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि प्रदान की जाएगी.
प्रदेश सरकार द्वारा चिकित्सा क्षेत्र में किए गए सुधारों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. प्रथम चरण में आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कॉलेज को एक वर्ष के भीतर आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा.
इसके बाद राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों में भी उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बीते एक साल में आईजीएमसी के लिए विभिन्न श्रेणियों के 720 पद स्वीकृत किए हैं.
सरकार एमडी और वरिष्ठ रेजिडेंट चिकित्सकों के लिए वॉक-इन साक्षात्कार आयोजित करने पर विचार कर रही है. इसके अलावा चिकित्सकों के अतिरिक्त 200 नए पद जल्द ही भरे जाएंगे.
चिकित्सक-मरीज व चिकित्सक-नर्स अनुपात के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने के लिए और अधिक भर्तियां की जाएंगी. उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में 27 करोड़ रुपये की लागत से एक उन्नत एमआरआई थ्री-टेस्ला मशीन स्थापित की जाएगी.
राज्य के मेडिकल कॉलेजों में रोबोटिक सर्जरी उपकरण और सीटी स्कैन मशीनों की खरीद के लिए निविदाएं पहले ही जारी की जा चुकी हैं. इसके अलावा आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल में 20 करोड़ रुपये लागत की पीईटी स्कैन मशीन स्थापित की जाएगी. राज्य सरकार ने चिकित्सा उपकरणों की खरीद को व्यवस्थित करने के लिए एम्स के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
ये भी पढ़ें: "नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने की है झूठ की PHD, पीएम मोदी को देते हैं गलत फीडबैक"