शिमला: शहरी इलाकों में टॉयलेट सीट पर 25 रुपए प्रति माह शुल्क लगाने की अधिसूचना जारी होने के बाद सुक्खू सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. अब सरकार ने अपने फैसले से यू टर्न ले लिया है. अब प्रदेश सरकार की तरफ से मामले में सफाई दी जा रही है. सीएम सुखविंदर अब पूरे विवाद पर दिल्ली में सफाई दे रहे हैं. सीएम सुक्खू इसके पीछे बीजेपी की साजिश बता रहे है हैं.
सीएम सुक्खू ने इस विवाद पर बीजेपी को घेरते हुए कहा कि, 'ये बात तथ्यों से परे है. हरियाणा में विधानसभा चुनाव है. इसलिए बीजेपी कभी हिंदू-मुस्लिम और कभी सीवरेज की बात कर रही है. किसी से कोई शौचालय शुल्क नहीं लिया जाएगा. ये बात बिल्कुल गलत है.'
भाजपा चुनावों के वक्त कभी धर्म के नाम पर और कभी अन्य बेबुनियाद मुद्दों पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश करती है और झूठ परोसती है। pic.twitter.com/AaLEUu0DWm
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) October 4, 2024
हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग की तरफ से 21 सितंबर को जारी नोटिफिकेशन में ये दर्ज था कि शहरी इलाकों में जहां कोई प्रतिष्ठान जल शक्ति विभाग की सीवरेज लाइन का प्रयोग करता है, उसे 25 रुपए प्रति सीट प्रति माह शुल्क देना होगा. इसमें एक बिंदु ये था कि जो प्रतिष्ठान अपना वाटर सोर्स यूज कर रहे हैं, लेकिन सीवरेज सिस्टम सरकारी यानी जल शक्ति विभाग का है, उन्हें इस शुल्क का भुगतान करना होगा.
पिछले एक दो दिन से कई मीडिया संस्थानों ने इस बारे में खबरें प्रकाशित होने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली हिमाचल प्रदेश सरकार ने पहाड़ी राज्य में टॉयलेट सीट टैक्स लगाने का फैसला किया है. इस नई नीति के तहत हिमाचल प्रदेश के लोगों से उनके घरों में टॉयलेट सीटों की संख्या के आधार पर हर महीने 25 रुपये सीवरेज टैक्स लिया जाएगा. इसके बाद सुक्खू सरकार को चारों तरफ आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. निर्मला सीतारमण से लेकर जेपी नड्डा ने सुक्खू सरकार की आलोचना की थी. इसके बाद सीएम सुक्खू को सफाई देने के लिए सामने आना पड़ा और उन्होंने इस खबर को अफवाह बताया है.
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