छपरा: कहते हैं सावधानी हटी और दुर्घटना घटी. लेकिन सावधानी रहने के बावजूद यहां कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है. दरअसल यह मामला छपरा कचहरी स्टेशन के रेलवे आवासों का है. जहां पर कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर रहने को मजबूर हैं. यहां के आवासों की स्थिति इतनी जर्जर हो चुकी है कि किसी भी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
छपरा कचहरी आवासों की स्थिति जर्जर: बता दें कि छपरा कचहरी के आवासों की स्थिति इतनी जर्जर है कि कई बार कर्मचारियों के ऊपर छत से प्लास्टर के बड़े-बड़े टुकड़े गिर चुके हैं. लेकिन रेलवे विभाग के अधिकारी पूरी तरह से आंख मूंदे हुए हैं और कर्मचारियों की जान पर आफत आ रही है.
कुछ दिन पहले एक को लगी थी गंभीर चोट: अभी कुछ दिन पहले एक आरपीएफ जवान के शरीर पर छत का एक बड़ा सा टुकड़ा गिर गया था, जिससे उसकी स्थिति काफी गंभीर हो गई थी. वहीं एक और आरपीएफ उस समय बाल-बाल बच गया, जब वह मच्छरदानी लगाकर सो रहा था और उसके ऊपर छत का काफी सारा टुकड़ा टूट कर गिरा. किसी तरह उसने मच्छरदानी से निकलकर अपनी जान बचाई.
शिकायत करने भी कोई कार्रवाई नहीं: रेलवे कर्माचारियों ने बताया कि मामले की शिकायत उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को दी, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है. गौरतलब है कि यहां पर 80 परसेंट से ज्यादा आवास बुरी तरह से जर्जर हो चुके हैं. क्योंकि यह आवास लगभग 60 से 70 वर्ष पहले बने हुए हैं, और इनके मरम्मती का काम बिल्कुल नहीं होता है.
कई कर्मियों ने खाली कर दिया आवास: यहां रह रहे एक आरपीएफ जवान ने बताया कि 'कई कर्मचारियों ने इस आवासों को खाली कर प्राइवेट मकान में रहना शुरू कर दिया है. कई बार हमलोगों ने शिकायत की है. लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिससे हमारी जान पर खतरा बना रहता है.' वहीं यहां के स्टेशन अधीक्षक से बात करने की कोशिश की गई तो किसी प्रकार का कोई बयान देने से वह बचते नजर आएं.