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दसवीं के फर्जी सर्टिफिकेट बांटने पर दो कोचिंग सेंटरों पर मामला दर्ज

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 18, 2024, 9:01 PM IST

case on two coaching centers
दो कोचिंग सेंटरों पर मामला दर्ज

राजसमंद के दो कोचिंग सेंटर्स पर दसवीं का फर्जी सर्टिफिकेट बांटने का मामला दर्ज करवाया गया है. मामले का खुलासा तब हुआ, जब पीड़ित छात्र ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया. पासपोर्ट कार्यालय ने दसवीं के सर्टिफिकेट को संदेहास्पद बताया था.

राजसमंद. दसवीं के फर्जी सर्टिफिकेट देकर हजारों रुपए हड़पने को लेकर दो कोचिंग सेंटरों के खिलाफ कांकरोली पुलिस थाने में प्रकरण दर्ज हुआ है. पुलिस की जांच में दोनों कोचिंग सेंटरों का फर्जीवाड़ा उजागर हो गया. 10 व 12वीं पास कराने का झांसा देकर छात्रों से हजारों रुपए हड़पने का खुलासा हुआ. इस पर पुलिस ने अब राजसमंद व उदयपुर के दो काेचिंग सेंटरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया. कोचिंग सेंटरों की मिलीभगत से न सिर्फ मोटी फीस के रूप में हजारों रुपए हड़प लिए, बल्कि 10वीं का फर्जी सर्टिफिकेट थमा दिया.

राजसमंद डीएसपी पार्थ शर्मा ने बताया कि 14 फरवरी को द्वारकेश कॉलोनी, कृषि उपज मंडी पीछे कांकरोली निवासी अभिषेक पुत्र सुरेशचंद्र दाधीच ने थाने में रिपोर्ट दी. इसमें बताया कि उसने 2013 में 10वीं की परीक्षा दी, मगर वह फेल हो गया. परीक्षा की तैयारी के लिए राजसमंद शहर में एमके क्लासेज पर पढ़ता था, जिसका नाम बदलकर पर्ल्स कोचिंग कर दिया.

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एमके क्लासेज संचालक ने उदयपुर के होशियार सिंह से मिलवाया, जिन्होंने 8वीं, 9वीं व 10वीं फेल छात्रों को दसवीं व बारहवीं पास करवाने के लिए आवेदन करने लिए कहा. उसने एमके क्लासेज पर आवेदन कर निर्धारित 20 हजार रुपए फीस जमा करवा दी. फिर वर्ष 2014 में उसे उदयपुर इंस्टीट्यूट पर परीक्षा दिलवा दी. उसके बाद एमके क्लासेज राजसमंद में 10वीं उत्तीर्ण की मार्कशीट उसे उपलब्ध करवा दी. उसके बाद दसवीं उत्तीर्ण सर्टिफिकेट कहीं जरूरत ही नहीं पड़ी.

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29 अप्रैल, 2022 को पासपोर्ट बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर संबंधित दस्तावेज संलग्न कर दिए. इस पर पासपोर्ट कार्यालय ने उसे 27 दिसंबर, 2022 को नोटिस आया. इसमें शैक्षिक योग्यता में दसवीं के प्रमाण पत्र को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया. इस पर पीड़ित अभिषेक दाधीच ने दसवीं उत्तीर्ण कर प्रमाण पत्र के बारे में जवाब प्रस्तुत किया. उसके बाद पीड़ित अभिषेक ने राजसमंद पहुंचकर एमके क्लासेज यानि पर्ल्स कोचिंग संचालक मुकेश तेली को शिकायत की, लेकिन संतोषप्रद जवाब नहीं दिया. इस परिवाद की जांच हेड कांस्टेबल मदनलाल द्वारा की गई, जिसमें फर्जीवाड़ा उजागर हो गया.

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पीड़ित छात्र अभिषेक की शिकायत मिलने के बाद कांकरोली थाने के हेड कांस्टेबल मदनलाल द्वारा भी विस्तृत जांच की गई़. जांच में राजमसंद के एमके क्लासेज जिसका नाम अब पर्ल्स कोचिंग सेंटर और उदयपुर के इंडियन एयर एविएशन इंस्टीट्यूट उदयपुर के संचालकों की मिलीभगत उजागर हो गई. दोनों कोचिंग सेंटरों का फर्जीवाड़ा उजागर होने पर अनुसंधान अधिकारी मदनलाल की रिपोर्ट पर कांकरोली थाने में प्रकरण दर्ज हुआ. अब प्रकरण की जांच एएसआई शांतिलाल को सौंपी है, जो जांच के साथ आरोपियों की गिरफ्तारी व अन्य कार्रवाई करेंगे.

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