बूंदी. एडीजे क्रम एक की न्यायाधीश अचला आर्य ने पिता की हत्या के मामले में हत्यारे बेटे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही हत्या की घटना छुपाने के आरोप में दो पुत्रों व एक पोते को 3 वर्ष की सजा से दंडित किया है.
अपर लोक अभियोजक कैलाश मीणा ने बताया कि बूंदी जिले के हिंडोली थाना क्षेत्र के खाटी आतरी निवासी दीपक वर्मा ने 8 मार्च 2021 को थाना हिंडोली में उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 3 मार्च को मेगा हाईवे 148डी पर एक होटल पर उसके ताऊ ताराचंद और उसके पिता नंदकिशोर के बीच जमीन को लेकर कहासुनी हुई. इसमें ताराचंद ने अपने पिता की हत्या कर दी. इस पर पुलिस ने अभियुक्त ताराचंद पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया और नंदकिशोर के अन्य पुत्र रामप्रसाद, किशन व ताराचंद के पुत्र मुकेश पर हत्या की घटना छुपाने और सबूत नष्ट करने का मुकदमा दर्ज कर चालान प्रस्तुत किया.
विधिक सेवा प्राधिकरण ने उपलब्ध कराया वकील : मामले में लोक अभियोजक कैलाश चंद मीणा ने 20 गवाह व 28 दस्तावेज पेश किए. न्यायालय ने बहस सुनने के पश्चात बेटे ताराचंद को हत्या के अपराध व मानवता के विरुद्ध इस अपराध का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही अदालत ने 11,000 रुपए जुर्माने से भी दंडित किया है. साथ ही रामप्रसाद, किशन व पोते मुकेश को 3 साल की सजा और 5,000 जुर्माने से दंडित किया है. हत्या के बाद से ताराचंद जेल में ही बंद था, बाकी लोग जमानत पर रिहा चल रहे थे. आरोपी ताराचंद की ओर से कोई वकील नहीं होने पर विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से उसे एडवोकेट उपलब्ध कराया गया, जिन्होंने उसकी ओर से अदालत में पैरवी की.