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बिहार में बुलडोजर मॉडल का सपना कैसे होगा पूरा?, चाह कर भी नहीं मिला भाजपा को गृह विभाग

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 3, 2024, 5:22 PM IST

NDA Government In Bihar: बिहार में विधि व्यवस्था नीतीश सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. गृह विभाग को लेकर भाजपा और जदयू के बीच पेंच फंसा था. आखिरकार नीतीश कुमार ने गृह विभाग अपने पास ही रखा और भाजपा को सरेंडर करना पड़ा. वहीं अपराध नियंत्रण के लिए बुलडोजर मॉडल को लेकर सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है.

भाजपा सरकार
भाजपा सरकार

बुलडोजर मॉडल को लेकर सियासी संग्राम

पटनाः बिहार में महागठबंधन सरकार के दौरान अपराधिक घटनाओं को लेकर भाजपा सरकार पर हमलावर थी. बीजेपी नेता बिहार के अंदर भी बुलडोजर मॉडल की वकालत करते थे. यूपी मॉडल के जरिए बिहार में भी अपराध नियंत्रण की बात भाजपा नेताओं द्वारा की जाती रही है. अब एनडीए सरकार में काफी जद्दोजहद के बाद भी भाजपा को गृह विभाग नहीं मिला और नीतीश कुमार ने गृह विभाग के साथ-साथ सामान्य प्रशासन विभाग भी अपने पास रख लिया.

भाजपा को नहीं मिला गृह विभागः आपको बता दें कि नीतीश कुमार सत्ता में दलों के हिस्सेदारी तो करते हैं, लेकिन पावर शेयर नहीं करते. जब से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने हैं, तब से गृह विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग इनके साथ ही रहा है. बिहार में भारतीय जनता पार्टी गवर्नेंस को नए रूप में लाना चाहती थी. अब भी पार्टी नेताओं को भरोसा है कि बिहार में यूपी मॉडल अर्थात बुलडोजर मॉडल के जरिए अपराध पर नियंत्रण स्थापित किया जा सकेगा.

"नीतीश कुमार बिहार में सुशासन लाएंगे, उन्हें फ्री हैंड दिया गया है हमारे दोनों उपमुख्यमंत्री उन्हें सुशासन लाने में मदद करेंगे. पार्टी की चाहत है कि बिहार में भी यूपी के तर्ज पर बुलडोजर मॉडल के जरिए अपराध पर नियंत्रण स्थापित किया जाए"- प्रभाकर मिश्र, भाजपा प्रवक्ता

'जेल मॉडल से बेहतर कुछ नहीं है'- जेडीयूः वहीं, जदयू बुलडोजर मॉडल को लेकर उत्साहित नहीं है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि बुलडोजर मॉडल क्या होता है. जेल मॉडल से बेहतर कुछ नहीं है. बड़े-बड़े अपराधियों की जेल जाने के बाद हालत खस्ता हो गई है. वहीं वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि बिहार के अंदर भाजपा अपने तरीके से सुशासन लाना चाहती थी, लेकिन नीतीश कुमार ने गृह विभाग नहीं देकर यह स्पष्ट कर दिया कि वह पुराने तरीके से ही सरकार चलाएंगे.

"भारतीय जनता पार्टी में एक तरीके से सरेंडर कर दिया और तमाम मलाईदार विभाग जदयू ने अपने पास रख लिया है. शिक्षा विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग भी भाजपा कोटे में नहीं गया. दोनों विभाग राष्ट्रीय जनता दल के पास थे"- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार

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