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बिहार के सरकारी स्कूलों में फर्जी नामांकन रोकने को लेकर शिक्षा विभाग सख्त, सभी DEO को लिखा पत्र

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 13, 2024, 12:45 PM IST

Bihar Education Department : नए अकादमिक सत्र में फर्जी नामांकन रोकने को लेकर शिक्षा विभाग गंभीर है. विभाग ने सभी डीईओ को सख्त निर्देश देते हुए पत्र जारी किया है और कहा है कि फर्जी नामांकन रोकने के लिए सावधानी बरती जाए. साथ ही 31 मार्च तक नामांकन प्रक्रिया पूरी करने को भी कहा गया है.

बिहार के सरकारी स्कूलों में फर्जी नामांकन रोकने को लेकर शिक्षा विभाग सख्त, सभी DEO को लिखा पत्र
बिहार के सरकारी स्कूलों में फर्जी नामांकन रोकने को लेकर शिक्षा विभाग सख्त, सभी DEO को लिखा पत्र

पटना: फर्जी नामांकन को लेकर केके पाठक ने पूरे राज्य में मुहिम छेड़ दी थी. अब इस मुहिम को शिक्षा विभाग आगे बढ़ा रहा है. शिक्षा विभाग ने नए अकादमिक सत्र 2024-25 में फर्जी नामांकन को रोकने को लेकर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखा है. शिक्षा विभाग की ओर से माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने इस संबंध में पत्र निर्गत किया है. उन्होंने कहा है कि आगामी सत्र के लिए 31 मार्च तक नामांकन प्रक्रिया पूरी कर ली जाए और 1 अप्रैल से कक्षाएं प्रारंभ होनी चाहिए. इस संबंध में पूर्व में निर्देश प्रेषित किया जा चुका है.

शिक्षा विभाग ने सभी DEO को लिखा पत्र: शिक्षा विभाग की ओर से डीईओ को प्रेषित पत्र में कहा गया है कि आप यह भी अवगत हैं कि पिछले वर्ष विभाग द्वारा कई छात्रों का नाम काटा गया. यह छात्र विद्यालयों से लगातार अनुपस्थित थे. वर्ष 2023-24 शैक्षणिक सत्र में 23.97 लाख छात्रों के नाम काटे गए और इनमें से 3.28 लाख छात्रों नहीं पुनः आवेदन देकर नाम लिखवाया.

फर्जी नामांकन रोकने को लेकर दिए सख्त निर्देश: ऐसे में 20 लाख ऐसे छात्र थे जो संभवतः किसी अन्य निजी विद्यालय में पढ़ाई कर रहे थे और सरकारी विद्यालयों में केवल DBT के उद्देश्य से नाम लिखाए हुए थे या ये छात्र अस्तित्व में ही नहीं थे. शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया है कि उपरोक्त अनुभव को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2024-2025 में सावधानी बरती जाए.

शिक्षा विभाग का निर्देश
शिक्षा विभाग का निर्देश
शिक्षा विभाग का निर्देश
शिक्षा विभाग का निर्देश

नामांकन के लिए जरूरी है ये कागजात: पत्र में कहा गया है कि छात्रों का नामांकन फर्जी न हो और केवल उन्हीं छात्रों का नामांकन हमारे सरकारी विद्यालयों में हो, जो वास्तव में हमारे विद्यालयों में पढ़ने को इच्छुक हों. केवल DBT या मुफ्त पाठ्य-पुस्तकों के लालच में जो छात्र नामांकन कराते हैं उसे रोकना होगा. छात्रों के नामांकन के पहले जरूरी कागजात की जांच कर लें.

आधार कार्ड समेत पांच में से एक डॉक्यूमेंट जरूरी: बच्चों का सरकारी विद्यालयों में नामांकन के लिए कुछ कागजात जरूरी हैं. इनमें जन्म प्रमाण पत्र, अस्पताल या मिड वाईफ पंजी अभिलेख, आंगनबाड़ी अभिलेख और अभिभावक / माता-पिता द्वारा दिया गया घोषणा-पत्र शामिल है. फर्जी नामांकन से बचने के लिए शिक्षा विभाग ने डीईओ से यह भी अनुरोध किया है कि उपरोक्त के अतिरिक्त छात्रों के आधार कार्ड पर भी नामांकन लिया जा सकता है.

नामांकन के दौरान अभिभावक को भी बुलाकर होगा भौतिक सत्यापन: शिक्षा विभाग ने कहा है कि छात्रों के आधार कार्ड बनाने की व्यवस्था प्रत्येक प्रखंड के दो-दो माध्यमिक विद्यालयों में निःशुल्क विभाग द्वारा उपलब्ध करा दी गई है. सभी छात्र इस सुविधा का लाभ उठाएं और आधार कार्ड बनाएं. साथ ही उच्चतर कक्षा में नामांकन के दौरान अभिभावक को भी बुलाकर भौतिक सत्यापन किया जाए और पिछली कक्षा का परीक्षा परिणाम की भी चर्चा अभिभावक से की जाए.

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