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विश्वनाथ मंदिर परिसर में दुकानों पर जाकर जबरन चंदा मांग रहे बीएचयू के छात्र, दुकानदारों ने जताया विरोध

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 4, 2024, 7:59 AM IST

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वाराणसी में विश्वनाथ मंदिर परिसर में स्थित दुकानदारों से बीएचयू के छात्र जबरन चंदा (BHU student shopkeeper donation Arbitrary) मांग रहे हैं. इससे दुकानदार काफी परेशान हैं. विरोध स्वरूप उन्होंने अपनी-अपनी दुकानों को बंद रखा.

दुकानदारों ने जबरन चंदा मांंग रहे छात्र.

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय में लगातार विरोध प्रदर्शन और भय का माहौल बना रहता है. बीते कुछ समय से विश्वविद्यालय के छात्रों का नाम कई विवादों से जुड़ता रहा है. अब एक और मामला सामने आया है. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों के गुटों ने बाजार में स्थित दुकानदारों से 11-11 हजार रुपये जबरदस्ती चंदा मांगना शुरू कर दिया. दुकानदारों ने विरोध किया तो छात्र मनमानी पर उतर आए. विरोध में दुकानदारों ने अपने-अपने प्रतिष्ठानों पर तालाबंदी कर दी. उन्होंने विवि प्रशासन से कार्रवाई की मांग की.

बता दें कि काशी विश्वविद्यालय परिसर में स्थित विश्वनाथ मंदिर के बाहरी हिस्से में काफी संख्या में दुकानें स्थित हैं. यहां पर रोजाना हजारों की संख्या में बाहरी लोग, पर्यटकों और छात्रों व स्टाफ की भीड़ लगी रहती है. यहां पर बना बाजार काफी अच्छा चलता है. मगर शनिवार को यहां स्थित सभी दुकानें बंद पड़ी रहीं. इसका कारण बीएचयू के छात्र बताए जा रहे हैं. दुकानदारों का आरोप है कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले कुछ छात्रों ने उनसे चंदा मांगने के नाम पर मनमानी की है. उन पर 11-11 हजार रुपये चंदा देने का दबाव बना रहे हैं. इसको लेकर पहले भी विवाद हो चुका है. मगर कोई कार्रवाई न होने से दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दी हैं.

विरोध में दुकानें बंद रखी गईं हैं.
विरोध में दुकानें बंद रखी गईं हैं.



झांकियों के लिए है 18 लाख बजट : इस बारे में चीफ प्रॉक्टर शिव प्रकाश सिंह ने बताया कि कुछ छात्र चंदा मांगने के लिए विश्वनाथ मंदिर पर पहुंचे थे, जिस पर हमारी पेट्रोलिंग पार्टी और सुरक्षा अधिकारी की टीम के साथ ही कुछ प्रॉक्टर भी गए थे. कुछ समय के लिए वहां पर थोड़ी अव्यवस्था की स्थिति बनी थी. इसके बाद वे सभी छात्र समझाने-बुझाने पर वापस चले गए. कुछ दुकानदार लोग आए थे. कुछ ने दुकानें बंद कर रखी हैं. उनसे उनकी समस्या पर हमारी चर्चा अभी चल रही है. जो अनुकूल कदम होंगे वो उठाए जाएंगे. विश्वविद्यालय का लगभग 18 लाख बजट झांकियों के लिए है, जिसको इस वर्ष कुछ बढ़ाया भी जा रहा है.

दुकानदारों ने शिकायत की है.
दुकानदारों ने शिकायत की है.

छात्रावासों को दिए जाते हैं 7 हजार रुपये : विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि छात्रावासों को झांकियों के लिए 7,000 रुपये की राशि दी जाती है. छात्रावास में वार्डेन, एडमिनिस्ट्रेटिव वार्डेन के द्वारा पूरा संकाय स्तर पर इसकी निगरानी और देखरेख की जाती है. सभी छात्र मिल-जुलकर बहुत ही अच्छे से पूरे समारोह को आयोजित करते हैं. खुद छात्र कल्याण अधिष्ठाता पूरे प्रोग्राम की मॉनिटरिंग करते हैं. विश्वविद्यालय स्तरीय टीम बनी रहती है, जिसके द्वारा समीक्षा की जाती है. बहुत ही भव्य ढंग से हम लोग स्थापना दिवस और सरस्वती पूजा का आयोजन करते हैं. चंदा मांगने को लेकर चर्चा की जा रही है. इसके पहले भी हमने कुछ उपाय किए थे. फिर से बैठक होने जा रही है, जिससे किसी को किसी भी स्तर पर परेशानी न हो.

विवि प्रशासन कार्रवाई की बात कह रहा है.
विवि प्रशासन कार्रवाई की बात कह रहा है.



समाधान न होने पर जारी रहेगी बंदी : पूरे मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन और दुकानदारों में बातचीत चल रही है. वहीं आक्रोशित दुकानदारों का कहना है कि प्रॉक्टोरियल बोर्ड उन्हें इस समस्या से निजात दिलाए. उनका कहना है कि अकसर छात्रों के अलग-अलग गुट चंदा देने को लेकर दुकानदारों पर दवाब बनाते हैं. ऐसे में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इससे परेशान होकर विरोध में दुकानें बंद रखी गई हैं. दुकानदारों का कहना है कि फिलहाल यह बंदी सिर्फ एक दिन के लिए रखी गई है. अगर इस समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ तो इस बंदी को और लंबे समय तक जारी रखा जाएगा.

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