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उत्तरकाशी के काशी विश्वनाथ मंदिर में भस्म की होली, भभूत लगाकर जमकर झूमे शिव भक्त - Bhasma Holi Uttarkashi

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 24, 2024, 11:53 AM IST

Updated : Mar 24, 2024, 1:52 PM IST

Bhasma Holi in Kashi Vishwanath Temple Uttarkashi
भस्म की होली

Bhasma Holi in Kashi Vishwanath Temple Uttarkashi उत्तरकाशी के काशी विश्वनाथ मंदिर में यज्ञ कुंड या धूनी की भस्म से होली खेली जाती है. जो अपने आप में काफी खास होता है. जिसमें शामिल होने के लिए लोग उत्साहित होते हैं. इस बार भी भक्त भस्म में सराबोर दिखे.

उत्तरकाशी के काशी विश्वनाथ मंदिर में भस्म की होली

उत्तरकाशी: बाबा की नगरी काशी यानी वाराणसी में जलती चिताओं के बीच मसान या भस्म की होली तो दुनियाभर में प्रसिद्ध है, लेकिन आस्था और पर्यटन के संगम कहे जाने वाले बाबा भोलेनाथ की नगरी उत्तराखंड में भी खास होली खेली जाती है. जहां काशी विश्वनाथ मंदिर में भस्म की होली खेली है. जिसे खेलने के लिए काफी संख्या में भक्त काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचते हैं. जहां एक-दूसरे को भस्म लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं.

Bhasma Holi in Kashi Vishwanath Temple Uttarkashi
उत्तरकाशी के काशी विश्वनाथ मंदिर में शिव भक्त

उत्तरकाशी में बाबा काशी विश्वनाथ प्रांगण से भस्म की होली के साथ पूरे जिले में होली शुरू होती है. आज यानी 24 मार्च की सुबह भोलेनाथ के भक्त काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे. जहां सबसे पहले महंत अजय पुरी ने स्वयंभू शिवलिंग पर भस्म लगाया और उनका आशीर्वाद लिया. उसके बाद सभी भक्तों पर भभूत यानी भस्म लगाकर होली खेली गई. सभी भक्तों ने एक दूसरे को भस्म लगाकर होली की बधाई दी. इस दौरान बाबा काशी विश्वनाथ मंडली की ओर से होली और बसंत के गीत गाए गए. जिस पर भस्म लगाकर शिव भक्त जमकर झूमे.

Bhasma Holi in Kashi Vishwanath Temple Uttarkashi
काशी विश्वनाथ मंदिर में भस्म की होली

काशी विश्वनाथ मंदिर महंत अजय पुरी ने बताया कि जहां आज के समय में रासायनिक होली का प्रचलन बढ़ गया है. ऐसे समय में भोलेनाथ के दरबार से भस्म की होली खेलकर यह संदेश दिया जा रहा है कि हम रासायनिक यानी केमिकल रंग छोड़ प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें. भस्म की होली के बाद मंदिर परिसर में प्रसाद वितरण किया गया. वहीं, इस मौके पर विभिन्न राज्यों से पहुंचे श्रद्धालु और पर्यटक भी भस्म होली के गवाह बने.

इसके अलावा महंत अजय पुरी ने बताया कि उत्तरकाशी को कलयुग का काशा कहा जाता है. माना जाता है कि कलयुग में काशी विश्वनाथ अस्सी गंगा वरुणा नदी के बीच वरुणावत पर्वत की तलहटी में निवास करेंगे. वहीं, भस्म या भभूत होली के गवाह बने दिल्ली के पर्यटकों का कहना है कि उन्होंने भस्म की होली पहली बार देखी. यह उनके जीवन का अनमोल अनुभवों में से एक है. बता दें कि यह भस्म मंदिर में साल भर होने वाले यज्ञों से निकलता है. जिसे प्रसाद भी माना जाता है.

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Last Updated :Mar 24, 2024, 1:52 PM IST
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