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फायदे का सौदा है मधुमक्खी पालन, करोड़ों रुपये कमा रहा हरियाणा का ये किसान

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Mar 17, 2024, 7:31 PM IST

Beekeeping in Haryana: मधुमक्खी पालन कृषि से ही जुड़ा एक व्यवसाय है. जिसमें कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. ऐसे में कृषि से जुड़े किसान या फिर बेरोजगार युवा इस कारोबार को आसानी से अपना सकते हैं. इसे लघु व्यवसाय भी कहा जाता है. इस व्यवसाय को कम लागत में शुरू करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. करनाल के रहने वाले संदीप भी मधुमक्खी पालन से करोड़ों रुपये कमा रहा है.

मधुमक्खी पालन
मधुमक्खी पालन

Beekeeping in Haryana

करनाल: आज के समय में अब शिक्षित युवा भी कृषि क्षेत्र में होने वाले लाभ के मद्देनजर अपना रुख कृषि व्यवसाय की तरफ मोड़ रहें हैं और इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए कई प्रकार की नई-नई योजनाएं भी बना रहे हैं ताकि भविष्य में इससे ज्यादा से ज्यादा मुनाफा हो सके. उन्हीं में से एक व्यवसाय मधुमक्खी पालन व्यवसाय भी है. इस व्यवसाय से जुड़कर लाखों लोग लाभान्वित हो रहें हैं. बता दें कि मधुमक्खी पालन व्यवसाय कम लागत का व्यवसाय है. यह एक ऐसा व्यवसाय है, जिसे समाज के हर वर्ग के लोग कम से कम लागत में शुरुआत कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

मधुमक्खी पालन से कमाए करोड़ों: हरियाणा के करनाल में इंद्री हल्के के गांव खानपुर धुमसी के युवा किसान संदीप जाटान भी मधुमक्खी पालन कर लाभान्वित होने के साथ ही अन्य युवाओं के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं. संदीप जाटान नेचुरल हनी ब्रांड से अपने हनी को मार्केट में सेल करते हैं. संदीप ने बताया कि बीते साल मधुमक्खी पालन से उन्होंने डेढ़ करोड़ रुपये कमाए थे.

Beekeeping in Haryana
Beekeeping in Haryana

मधुमक्खी पालन की शुरुआत: करनाल के गांव खानपुर के रहने वाले संदीप के पिता ने 1994 में मधुमक्खी पालन व्यवसाय को शुरू किया था. तब उन्होंने यह शुरुआत 20 बॉक्स से की. बीएसई की पढ़ाई के बाद संदीप ने इस व्यवसाय से संबंधित नई तकनीकों की जानकारियां हालिस की. जिसके बाद संदीप ने भी इस व्यवसाय को अपना लिया और तब से वह मधुमक्खी पालन कर रहे हैं. वह बताते हैं कि वर्त्तमान समय में उनके पास 4500 बॉक्स हैं और उन्हें बेस्ट बी-कीपिंग अवॉर्ड से भी नवाज़ा जा चुका है. इसके साथ ही वे बी ब्रीडर भी हैं.

मधुमक्खी पालन किस सीजन में करते हैं?: संदीप जाटान ने बताया कि वे सीजन के हिसाब से अपने मधुमक्खी पालन बिजनेस को स्टेट वाइज माइग्रेट करते रहते हैं. गर्मियों में वे हिमाचल, जम्मू-कश्मीर में ये पालन करते हैं. इस सीजन में उनकी मक्खी सेब पर पोलीनेशन के लिए भी चली जाती हैं और कुछ किसान मधुमक्खियों को पॉलिनेशन (पौधों में पराग कण का नर-भाग से मादा-भाग पर स्थानांतरण परागण (Pollination) कहलाता है) के लिए किराये पर भी लेते हैं और इसके लिए 800 से 900 रुपए प्रति बॉक्स पर किराया मिलता है. सर्दियों में राजस्थान, मध्यप्रदेश में वहां हमें सरसों के अलावा, कई छोटी-छोटी फसलें मिल जाती है जिससे हनी का अच्छा उत्पादन होता है.

Beekeeping in Haryana
Beekeeping in Haryana

मधुमक्खी पालन में लागत: संदीप के अनुसार इस पालन की शुरुआत लगभग 50 हजार रुपए से भी कर सकते हैं. अगर मधुमक्खी पालन बिजनेस को अक्टूबर या नवंबर में शुरू करते हैं और जितना इस पर निवेश किया है वो सारा नवंबर-दिसंबर में पूरा हो जाता है. दरअसल जितना लगाया होता है, उतने तक की कमाई हो जाती है. क्योंकि वर्तमान में हनी की डिमांड ज्यादा होने की वजह से मार्किट में प्राइस रेट भी अच्छा है.

मधुमक्खी पालन में होनी वाली समस्याएं: मधुमक्खी पालन को शुरू करने पर सबसे बड़ी मुश्किल यही है कि इसे माइग्रेट करने के लिए घर से दूर रहना पड़ता है. दूसरी जगह में जाकर पालन के लिए सही जगह का निरक्षण करना पड़ता है. क्योंकि इससे ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए माइग्रेट करना बहुत जरूरी है. इसके अलावा, मधुमक्खी पालन में चोरी की भी समस्या आती है. कई बार लोग बॉक्स चोरी कर के बाजार में बेच देते हैं, इसलिए सतर्क रहना पड़ता है.

मधुमक्खी पालन पर सब्सिडी व सरकारी योजनाएं: यदि आप मधुमक्खी पालन बिजनेस को शुरू करना चाहते हैं. तो किसी भी ट्रेनिंग सेंटर या केवीके से ट्रेनिंग लेकर के खादी या नाबार्ड के जरिये इस पर सब्सिडी प्राप्त करने के लिए अप्लाई कर सकते हैं. जनरल श्रेणी के उम्मीदवार को सरकार 25 फीसद सब्सिडी देती है. अनुसूचित जाति वालों को 35 फीसद और महिला वर्ग को 40 फीसद सब्सिडी दी जाती है. संदीप ने बताया कि सरकार द्वारा बहुत सारी योजनाएं इस व्यवसाय को लेकर शुरू तो की गई है. लेकिन वह धरातल पर नहीं पहुंच पाती. उन्होंने सरकार से अपील की है कि अगर इन योजनाओं को किसानों तक पहुंचने के लिए सुलभ कर दिया जाए तो इसका युवा,किसान पूरे तरीके से लाभ उठा पाएंगे.

खतरनाक पेस्टिसाइड से मर जाती मधुमक्खियां: संदीप ने बताया कि खतरनाक पेस्टिसाइड का फसलों पर छिड़काव करना मधुमक्खियों के लिए नुकसानदायक रहता है. जिसके कारण बहुत सी मधुमक्खियां मर जाती हैं. उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि इस व्यवसाय के उत्थान के लिए सरकार को खतरनाक पेस्टिसाइड्स के छिड़काव पर रोक लगनी चाहिए.

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