बांसवाड़ा. दक्षिणी राजस्थान का बांसवाड़ा जिला, जिसे 'सौ द्वीपों का शहर' और राजस्थान का 'चेरापूंजी' कहा जाता है, इन दिनों सुर्खियों में है. वजह जानकर आप कहेंगे बुलंद इरादों और इच्छा शक्ति के बल पर कोई मुहिम शुरू की जाए तो उसके सकारात्मक परिणाम दिखाई देते हैं. दरअसल, इन दिनों बांसवाड़ा के शासन-प्रशासन ने एक ऐसी मुहिम छेड़ रखी है, जिसके कारण स्वच्छ भारत अभियान के संकल्प को नए पंख लगते नजर आ रहे हैं.
बांसवाड़ा की तस्वीर बदलते अधिकारी-कर्मचारी : बांसवाड़ा प्रशासन ने स्वच्छ भारत में बांसवाड़ा को पहले पायदान पर लाने के लिए एक अभियान छेड़ा है, जिसके तहत सभी अधिकारी और कर्मचारी हर शनिवार को जिले की सड़कों पर झाड़ू लगाते नजर आएंगे, जिसका वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इनमें खुद संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के पवन बांसवाड़ा की सड़कों पर झाड़ू लगाते नजर आ रहे हैं.
स्वच्छता रैंकिंग में सुधार के लिए बनाया प्लान : बता दें कि परिसीमन के बाद बांसवाड़ा को संभाग मुख्यालय बनाया गया था. इसके बाद यहां डॉ. नीरज के पवन को संभागीय आयुक्त लगाया गया. उन्होंने कार्यभार संभालने के बाद अधिकारी और कर्मचारियों से बांसवाड़ा को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए एक प्लान तैयार किया, जिसके तहत सभी अधिकारी और कर्मचारियों को हर शनिवार को सड़कों पर उतरकर स्वच्छता में जुड़ने होगा. डॉ. नीरज के पवन के सपने को साकार करने के लिए सभी अधिकारियों ने इस मुहिम में जुटना शुरू किया. अब धीरे-धीरे ही सही, लेकिन बांसवाड़ा स्वच्छ होता हुआ नजर आ रहा है.
इसे भी पढ़ें- स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 : जयपुर हेरिटेज को स्वच्छ सिटी अवॉर्ड, लेकिन शहर की रैंक 171वीं
1 घंटे तक किया जाता है श्रमदान : बांसवाड़ा के संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने बताया कि सभी अधिकारियों ने मिलजुल कर यह तय किया कि हर शनिवार को स्वच्छ भारत के तहत बांसवाड़ा में सफाई अभियान चलाया जाएगा. 2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण में बांसवाड़ा को पहले नंबर पर लाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए नगर परिषद और जिला प्रशासन के अधिकारी जुटे हुए हैं. इसके लिए शनिवार को 8 से 9 बजे तक 1 घंटे का स्वच्छ भारत के तहत श्रमदान रखा जाता है.
इसके तीन-चार फायदे भी सामने आए हैं. सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए सफाई नहीं की जाती है. सप्ताह के शुरुआती दिनों में पहले एक स्थान को चिन्हित किया जाता है. जहां शनिवार को सभी कार्मिक मिलकर वहां सफाई करते हैं. उन्होंने कहा कि इसके काफी सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं. अधिकारी और कर्मचारियों को सड़कों पर देख आम जनता में भी स्वच्छता को लेकर जागरूकता दिखाई दे रही है. यह पहल उनकी ओर से की गई है. अभी वर्तमान में बांसवाड़ा की 288 रैंक है, जबकि राजस्थान में 11वीं रैंक है, जिसको फर्स्ट में लाने का प्रयास किया जा रहा है.
अधिकारी और कर्मचारी बांट लेते चौराहे : संभागीय आयुक्त ने बताया कि सप्ताह की शुरुआत के दिनों में ही सफाई को लेकर अलग-अलग चौराहे बांट लिए जाते हैं, जहां शनिवार को सफाई अभियान चलाया जाता है. संभागीय आयुक्त ने कहा कि मैं स्वयं भी एक चौराहे पर पहुंचता हूं. उन्होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छ भारत मुहिम की शुरुआत की थी जिसे 2024 में सफाई अभियान को 10 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं. ऐसे में आदिवासी इलाके का एक जिला बांसवाड़ा पहले नंबर आए, ये हम सब का प्रयास है. सफाई अभियान में संभागीय आयुक्त से लेकर कलेक्टर, एसडीम, तहसीलदार, पटवारी व सभी विभागीय अधिकारी जुटे हुए हैं.