कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में सेब का सीजन अब अंतिम चरण में है. ऐसे में विभिन्न मंडियों में सेब की आवक भी कम हो गई है. हालांकि अभी तक छुट-पुट सेब के आने का क्रम जारी है. जिला कुल्लू में सबसे अधिक सेब की पेटियां इस बार बंदरोल सब्जी मंडी से अन्य राज्यों को भेजी गई है.
सेब की पेटियों की संख्या फसल पर निर्भर करती है. कई मर्तबा मौसम, बीमारी या अन्य कारणों से फसल खराब हो जाती है. जिला कुल्लू की मंडियों में पहुंचने वाली सेब की पेटियों की संख्या 20 लाख 38 हजार 443 रहीं.
यहां से दिल्ली, गुजरात और चेन्नई के लिए सबसे ज्यादा सेब भेजा गया. हालांकि इस बार फसल कम होने के कारण शुरू में सेब के दाम अच्छे मिले लेकिन धीरे-धीरे सेब के दामों में गिरावट आती रही.अब मंडियों में 600 रुपये से 1400 रुपये प्रति 20 किलो की पेटी बिक रही है. ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बागवानों को इसका नुकसान हुआ है. आजकल दाम में आई गिरावट का कारण कश्मीर के सेब का मंडियों में पहुंचना है. इस कारण अब जिला कुल्लू की मंडियों से व्यापारी वापस लौटने शुरू हो गए हैं. कुछ मंडियों में तो व्यापारी मिल ही नहीं रहे.
कहां कितना आया सेब
जिला कुल्लू की बंदरोल सब्जी मंडी में सबसे अधिक सेब पहुंचा है. यहां पर 9 लाख 57 हजार पांच पेटियां, पतलीकूहल में 5 लाख 84 हजार 269 पेटियां, खेग्सू मंडी में 4 लाख 35 हजार 54 पेटियां पहुंचीं. इसके अलावा भुंतर मंडी में 94 हजार 580, शांट मंडी में 32 हजार 620, बंजार में 31 हजार 835, चौरीबिहाल में 21 हजार 425, कुल्लू में 355 पेटियां पहुंचीं.
सचिव एपीएमसी कुल्लू, लाहौल-स्पीति शगून सूद ने बताया "जिला कुल्लू की मंडियों में सेब का सीजन समाप्ति की ओर है. ऐसे में सेब के दाम में भी गिरावट आई है. शुरू में इस बार सेब बागवानों को अच्छे दाम मिले. अब मंडियों में अनार और जापानी का सीजन चला है"
ये भी पढ़ें: ईरान के सस्ते सेब ने तोड़ी हिमाचल के बागवानों की कमर, 2 हजार रुपये प्रति पेटी गिरे दाम