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अनूपपुर में कछुए की चाल से सोन नदी पर हो रहा है पुल का निर्माण, गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 20, 2024, 12:26 PM IST

Anuppur bridge work very slow
अनूपपुर में कछुए की चाल से सोन नदी पर हो रहा है सेतु का निर्माण

Anuppur Bridge Construction: सात दशकों से सोन नदी पर पुल का इंतजार करने वाले ग्रामीणों का इंतजार और बढ़ता जा रहा है. यहां पर सोन नदी पर जिस पुल का निर्माण हो रहा है उसकी गति कछुए जैसी है और सेतु के निर्माण में जिस ग्रेड के सीमेंट का इस्तेमाल हो रहा है उस पर भी सवाल उठ रहे हैं.

अनूपपुर। जिले के अनूपपुर जनपद के अंतर्गत ग्राम पंचायत चोलना-पड़ौर मार्ग पर सोन नदी पर पुल का निर्माण हो रहा है. ये निर्माण कछुए की चाल की तरह धीमी गति से किया जा रहा है. लगभग 12 करोड़ की लागत से चोलना पड़ौर मार्ग सोन नदी पर वृहद सेतु (पुल) का निर्माण लोक निर्माण विभाग सेतु पुल निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत किया गया है. पुल का निर्माण कार्य क्लासिक इंफ्रास्टेक्चर रीवा के द्वारा कार्य किया जा रहा है. वर्तमान समय में निर्माण कार्य लगातार लेट लतीफी का शिकार हो रहा है. कार्यस्थल पर केवल चार से पांच मजदूरों से ठेकेदार के द्वारा कार्य कराया जा रहा है. अभी सिर्फ बेस लेवल पर इसका निर्माण कार्य किया गया है.

7 दशक के बाद पुल निर्माण की मिली स्वीकृति

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया गया कि वे सात दशक से इस नदी पर पुल निर्मित होने का इंतजार कर रहे थे. तत्कालीन खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह के प्रयास से 2021-22 में सेतु की स्वीकृति मिली, परंतु कछुए की चाल की तरह निर्माण एजेंसी के द्वारा कार्य किया जा रहा है. दशकों से पुल ना होने के कारण यहां के ग्रामीणों को परेशानियों के बीच आवागमन करने की मजबूरी बनी हुई है. इसके कारण दो पहिया तथा पैदल चलने वाले लोग जलस्तर कम होने पर नदी को पार कर दूसरे गांव तक पहुंचते हैं. बारिश के मौसम में चोलना-पड़ौर सहित इस गांव के समीप स्थित दर्जनों ग्रामों के लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है. बरसात के समय यहां के ग्रामीणों को 15 किलोमीटर दूर भालूमाडा मार्ग से होकर आवागमन करना पड़ता है.

Anuppur poor grade cement in bridge construction
सेतु निर्माण में सीमेंट की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल

सेतु की गुणवत्ता पर खड़े हो रहे सवाल

सेतु निर्माण में जिस सीमेंट का प्रयोग किया जा रहा है उसका ग्रेड 43 है. जानकारों का मानना है कि सेतु निर्माण के लिये मार्केट में उच्च ग्रेड का सीमेंट उपलब्ध है, जिसके प्रयोग से सेतु की गुणवत्ता को और भी उच्च मापदंडों तक पहुंचाया जा सकता है. लेकिन, कम ग्रेड के सीमेंट का प्रयोग करने से सेतु के निर्माण की गुणवत्ता पर प्रश्न खड़े हो रहे हैं.

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इस मामले में अधीक्षक यंत्री जबलपुर मंडल के. के. लच्छें ने ईटीवी भारत को बताया कि "कार्य में प्रगति के लिए ठेकेदार को नोटिस जारी किया जाएगा, जिससे कार्य समय से पूर्ण हो और लोगों को सेतु का लाभ मिल सके."

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