ETV Bharat / state

चारधाम यात्रा के दौरान पशु क्रूरता पर एक्शन में पशुपालन महकमा, फ्री लगेगा एंटी टिटनेस इंजेक्शन, जारी किए गए ID कार्ड - CHARDHAM YATRA 2024

author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 12, 2024, 4:57 PM IST

Updated : May 12, 2024, 5:36 PM IST

CHARDHAM YATRA 2024 चारों धामों के कपाट खुलने के पहले दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. बाबा केदार और मां यमुना के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु घोड़े और खच्चरों का इस्तेमाल करते हैं. पिछले साल दोनों धामों से पशुओं के साथ क्रूरता की तस्वीरें सामने आई थी. लेकिन इस बार पशुपालन विभाग ने नई पहल की है.

CHARDHAM YATRA 2024
चारधाम यात्रा 2024 (PHOTO-ETV BHARAT GRAPHICS)

चारधाम यात्रा के दौरान पशु क्रूरता पर एक्शन में पशुपालन महकमा (VIDEO- ETV BHARAT)

देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हो चुकी है. 10 मई को गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ जबकि 12 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालु हेतू दर्शनों के लिए खोल दिए गए. लगातार चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. हर साल की तरह इस साल भी श्रद्धालु यमुनोत्री और केदारनाथ मंदिर तक पहुंचने लिए घोड़े और खच्चरों का सहारा ले रहे हैं. खास बात है कि इस बार पशुपालन विभाग ने यात्रा के दौर घोड़े-खच्चरों की मौतों को कम करने के लिए खास कदम उठाया है.

हर साल चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम में घोड़े और खच्चरों का संचालन किया जाता है. ताकि, श्रद्धालु घोड़े और खच्चरों का सहारा लेकर आसानी से धार्मिक यात्रा पूरी कर सके. लेकिन घोड़ा- खच्चर संचालक ज्यादा पैसे कमाने के लालच में कई बार इन पशुओं के साथ क्रूरता जैसा व्यवहार करते हैं. जिस कारण हर साल घोड़े और खच्चरों के मौत के मामले काफी अधिक सामने आते रहे हैं.

CHARDHAM YATRA 2024
पशु क्रूरता पर घोड़े-खच्चर संचालकों पर दर्ज होगी एफआईआर (PHOTO-ETV BHARAT)

लेकिन इस साल से यात्रा के दौरान पशुओं की मौत पर लगाम लगाने और लापरवाह संचालकों पर कार्रवाई करने को लेकर पशुपालन विभाग ने नए पहल शुरू की है. इसके तहत, चारधाम यात्रा में सेवाएं देने वाले सभी घोड़े-खच्चरों और उनके संचालकों के लिए पहली बार एक यूनिक आईडी कार्ड जारी किया गया है, जिससे उनका ट्रैकिंग करना आसान होगा.

ज्वाइंट डायरेक्टर लेवल का अधिकारी करेगा निगरानी: खच्चरों और संचालकों के लिए ये आईडी कार्ड, जिला पंचायत की ओर से जारी किया गया है. इस आईडी कार्ड में रजिस्ट्रेशन नंबर, ओनर की पूरी जानकारी, टैग नंबर के साथ ही ओनर का आईडी नंबर भी दर्ज किया गया है. इसके अलावा कार्ड में क्यूआर कोड की प्रक्रिया भी दी गई है. ताकि क्यूआर कोड स्कैन कर संबंधित व्यक्ति की पूरी जानकारी देखी जा सके. यही नहीं, पहली बार चारधाम यात्रा के दौरान पशुपालन विभाग ने ज्वाइंट डायरेक्टर लेवल का अधिकारी तैनात किया है. ताकि कोई भी निर्णय मौके पर ही लिया जा सके. इसके साथ ही लापरवाही करने वालों पर तत्काल कार्रवाई हो सके.

CHARDHAM YATRA 2024
घोड़े-खच्चर संचालकों को दिए गए हैं आईडी कार्ड (PHOTO-ETV BHARAT)

घोड़े खच्चरों को फ्री लगेगा एंटी टिटनेस इंजेक्शन: चारधाम यात्रा मार्ग पर लगाए गए घोड़े-खच्चरों को कहीं छोटी-मोटी खरोंच आ जाने पर संचालकों की ओर से जानवरों को टिटनेस का इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है. क्योंकि इसके लिए उन्हें पैसा देने पड़ते हैं. जिसके चलते कई बार घोड़े-खच्चरों की मौत भी हो जाती है. ऐसे में पशुपालन विभाग ने यह निर्णय लिया है कि घोड़े-खतरों को फ्री में एंटी टिटनेस का इंजेक्शन लगाया जाएगा. लिहाजा, किसी भी घोड़े या खच्चरों को चोट लगने पर वे वेटरनरी डॉक्टर की ओर से लगाए गए कैंप में संपर्क कर सकते हैं. लिहाजा, घोड़े-खच्चरों को कैंप में मुफ्त एंटी-टिटनेस इंजेक्शन लगाया जाएगा.

घोड़े- खच्चर की लीद से बनेगा बायो गैस: केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग, जहां से लोग पैदल यात्रा करते हैं, वहीं से ही घोड़े-खच्चरों का संचालन भी होता है. ऐसे में घोड़े और खच्चरों की वजह से वहां गंदगी बहुत ज्यादा फैल जाती है. जिससे पैदल आवाजाही करने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. साथ ही साफ-सफाई व्यवस्था भी चरमरा जाती है. इसको देखते हुए पशुपालन विभाग ने घोड़े-खच्चरों की लीद के बेहतर इस्तेमाल को लेकर ट्रायल बेसिस पर 30 टन का डंप प्लांट लगाया है. आगे अगर यह प्रक्रिया सफल होती है तो फिर इससे बड़ा डंप प्लांट लगाया जाएगा.

CHARDHAM YATRA 2024
घोड़े-खच्चरों के लिए तैयार किए जा रहे टीन शेड (PHOTO-ETV BHARAT)

घोड़े खच्चरों समेत संचालकों को डिजिटल कार्ड: इस साल चारधाम यात्रा में 7 वेटनरी डॉक्टर्स तैनात किए गए हैं. पहली बार ज्वाइंट डायरेक्टर लेवल का अधिकारी तैनात किया गया है, जो समीक्षा करेगा. इस बार 40 लोगों का एक टास्क फोर्स बनाया गया है, जो यात्रा रूटों पर निगरानी रखेगा. ताकि घोड़े-खच्चरों पर क्रूरता न हो और अव्यवस्थाएं न फैले. लेकिन अगर कहीं क्रूरता होता दिखाई देती है तो तत्काल एफआईआर दर्ज कर चालान की कार्रवाई और जानवरों के जब्ती की कार्रवाई की जाएगी. सभी घोड़े-खच्चरों को इंटरनल मॉनिटरिंग टैग दिए गए हैं. साथ ही संचालकों सहित जानवरों का एक डिजिटल कार्ड बन रहा है. ताकि ट्रैक करना आसान रहे.

रोजाना 4000 हजार घोड़े-खच्चर होंगे संचालित: घोड़े-खच्चरों के लिए चार नए टीन शेड बनाए गए हैं. ताकि इन्हें सड़कों पर खड़ा न होना पड़े. दरअसल, सड़कें केदारनाथ और यमुनोत्री पैदल मार्ग पर रास्ता काफी संकरा है. इन रास्तों पर घोड़े-खच्चरों के खड़े होने से कई बार लोगों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में सड़कों की जगह घोड़े-खच्चरों को टीन शेड में रखा जाएगा. बड़ी लिनचोली, सोनप्रयाग, रुद्रा प्वाइंट और त्रियुगी नारायण में टिन शेड बनाना चिन्हित किया गया है. दो टीन शेड का काम पूरा हो चुका है. जबकि दो का काम जारी है. यात्रा रूटों के लिए 8 हजार घोड़े-खच्चरों का रजिस्ट्रेशन किया गया है. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया यात्रा शुरू होने से करीब सवा महीने पहले ही शुरू कर दी गई थी. रोजाना 4000 घोड़े-खच्चर संचालित होंगे. सुबह 6 से सुबह 8 बजे तक 2000 घोड़े-खच्चर और फिर सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक अन्य 2000 घोड़े-खच्चरों का संचालन किया जाएगा. दरअसल, सुबह 6 से 8 बजे तक दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सबसे अधिक होती है.

CHARDHAM YATRA 2024
घोड़े-खच्चरों के लिए अभी तक 4 टीन शेड की व्यवस्था (PHOTO-ETV BHARAT)

जानवरों के गर्म पानी के लिए लगाया गया नया सिस्टम: पहले यात्रा के दौरान घोड़े और खच्चरों के मौत की वजह गर्म पानी की पर्याप्त व्यवस्था न होने का मामला भी सामने आया था. जिसके चलते इस सीजन घोड़े और खच्चरों को पर्याप्त गर्म पानी उपलब्ध कराए जाने को लेकर नया सिस्टम तैयार किया गया है. अगर यह सिस्टम शुरुआती दौर में सफल रहता है तो फिर तीन अन्य जगहों पर भी इस तरह का सिस्टम लगाया जाएगा. ताकि घोड़े और खच्चरों को पर्याप्त मात्रा में गर्म पानी की सुविधा मिल सके. इससे घोड़े और खच्चरों की मौतों पर लगाम लगेगी.

साल 2023 के मुकाबले इस साल व्यवस्थाएं बेहतर: पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा, चारधाम यात्रा को लेकर सरकार गंभीर है. यही वजह है कि सीएम धामी खुद चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे हैं. इसी क्रम में पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ उन्होंने बैठक की थी. बैठक में घोड़े-खच्चरों के लिए बेहतर व्यवस्था उपलब्ध कराने, जानवरों पर होने वाली क्रूरता को कम करने के साथ ही मौतों को कैसे कम किया जाए, इस पर चर्चा की गई थी. उन्होंने बताया कि साल 2022 में घोड़े-खच्चरों से जुड़े मौत के मामले काफी अधिक थे. लेकिन 2023 में इन मामले में कमी आई थी. ऐसे में 2023 की तुलना में इस बार घोड़े-खच्चरों के मौत के मामले को कम करने के साथ ही व्यवस्थाओं को बेहतर करने पर जोर दिया गया है.

करुणा नहीं तो यात्रा भी नहीं: पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि करुणा नहीं है तो यात्रा भी नहीं है. ये घोड़े और खच्चर श्रद्धालुओं को केदारनाथ धाम तक पहुंचने में मदद करते हैं. ऐसे में इन पर क्रूरता ना करें और अगर कहीं पर इन जानवरों पर क्रूरता होती दिखाई दे तो उसकी रिपोर्ट करें.

ये भी पढ़ेंः बदरीनाथ धाम में कपाट खुलते ही उमड़ा आस्था का सैलाब, हर तरफ नजर आ रही भीड़, देखिए वीडियो

ये भी पढ़ेंः गंगोत्री-यमुनोत्री और केदारनाथ धाम में अभीतक 79 हजार से ज्यादा भक्तों ने किए दर्शन, बदरीनाथ धाम के कपाट भी खुले

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का आगाज, पहले दिन तीन धाम में पहुंचे 36 हजार से ज्यादा श्रद्धालु

Last Updated : May 12, 2024, 5:36 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.