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बिलासपुर में वेतन लेकर ड्यूटी नहीं करने वाले शिक्षकों पर गिरी गाज

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 12, 2024, 11:04 PM IST

Action against teachers in Bilaspur: बिलासपुर में वेतन मिलने के बावजूद सालों से सरकार को चूना लगाने वाले शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई हुई है. कुल 20 से अधिक शिक्षकों को टर्मिनेट करने का नोटिस जारी किया गया है.

Action against teachers in Bilaspur
सालों से स्कूल में पढ़ा नहीं रहे शिक्षक

बिलासपुर: जिले में स्कूल शिक्षा विभाग ने कई शालाओं से 20 शिक्षक और कर्मचारी को नोटिस जारी किया है. लम्बे समय से ये शिक्षक स्कूल से बिना सूचना के गायब हैं. इन शिक्षकों की लिस्ट बनाकर जिला शिक्षा अधिकारी ने बिलासपुर कलेक्टर को सौंपा है. कलेक्टर के आदेश पर लगभग 20 शिक्षकों और कर्मचारियों को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया गया है. इनमें 13 शिक्षकों 3 साल से अधिक समय से स्कूल नहीं आ रहे हैं. वहीं, 7 शिक्षक एवं कर्मचारी 3 साल से कम अवधि से स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं.

शिक्षकों को जारी नोटिस: जिला शिक्षा अधिकारी ने सोमवार को इसे लेकर टीएल की बैठक की. बैठक में जिला कलेक्टर को उनके निर्देशों के अनुरूप नदारद शिक्षकों की सूची सौंपी गई. कलेक्टर अवनीश शरण ने तीन साल से अधिक अवधि से गायब शिक्षकों की सेवा समाप्ति के लिए अंतिम नोटिस जारी करने के निर्देश दिए. इसके अलावा तीन साल से कम अवधि वाले कर्मियों पर भी कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इनमें से कुछ शिक्षक तो दस-दस, ग्यारह-ग्यारह साल से बिना सूचना के स्कूल से गायब हैं. इससे स्कूल की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है.

सेवा समाप्ति का नोटिस जारी: जानकारी के मुताबिक बिलासपुर के अधिकतर स्कूलों में कई ऐसे शिक्षक हैं, जो कई सालों से स्कूलों से गायब है. उन्हें बाकायदा तनख्वाह मिल रहा है. इसके अलावा कुछ ऐसे शिक्षक हैं वो तीन साल से ज्यादा समय से स्कूल नहीं पहुंचे है. इसके अलावा शिक्षा विभाग के कर्मचारी और कई शिक्षक 3 साल से कम समय से स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं. इस तरह की प्रवृत्ति वाले टीचर और अधिकारी कर्मचारियों पर अब कलेक्टर ने डंडा चलाना शुरु कर दिया है. इन्हें सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया गया है.

इन शिक्षकों को मिला नोटिस: जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक बिल्लीबंद (कोटा) के शिक्षक बत्तीलाल मीणा 11 साल से स्कूल नहीं गए लेकिन ये वेतन ले रहे हैं. वहीं, मनोरमा तिवारी रिस्दा 10 साल से स्कूल नहीं गई. प्रेमलता पाण्डेय नवागांव 9 साल से स्कूल नहीं गई. राकेश उरांव दर्रीघाट 8 साल तो वहीं अल्का महतो फरहदा 7 साल से स्कूल नहीं गई. नलिनी अग्रवाल दर्रीघाट 6 साल तो दिव्यनारायण रात्रे 6 साल से स्कूल नहीं गई. स्टेनली मार्क एक्का तिफरा 5 साल तो बसंत कुमार लकड़ा ओखर 5 साल से स्कूल नहीं गए.ऐसे और भी कई शिक्षक हैं, जो स्कूल नहीं जाते थे. हालांकि उनके खाते में वेतन का पैसा पहुंच जाता था. इन सभी शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है.

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बिलासपुर: जिले में स्कूल शिक्षा विभाग ने कई शालाओं से 20 शिक्षक और कर्मचारी को नोटिस जारी किया है. लम्बे समय से ये शिक्षक स्कूल से बिना सूचना के गायब हैं. इन शिक्षकों की लिस्ट बनाकर जिला शिक्षा अधिकारी ने बिलासपुर कलेक्टर को सौंपा है. कलेक्टर के आदेश पर लगभग 20 शिक्षकों और कर्मचारियों को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया गया है. इनमें 13 शिक्षकों 3 साल से अधिक समय से स्कूल नहीं आ रहे हैं. वहीं, 7 शिक्षक एवं कर्मचारी 3 साल से कम अवधि से स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं.

शिक्षकों को जारी नोटिस: जिला शिक्षा अधिकारी ने सोमवार को इसे लेकर टीएल की बैठक की. बैठक में जिला कलेक्टर को उनके निर्देशों के अनुरूप नदारद शिक्षकों की सूची सौंपी गई. कलेक्टर अवनीश शरण ने तीन साल से अधिक अवधि से गायब शिक्षकों की सेवा समाप्ति के लिए अंतिम नोटिस जारी करने के निर्देश दिए. इसके अलावा तीन साल से कम अवधि वाले कर्मियों पर भी कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इनमें से कुछ शिक्षक तो दस-दस, ग्यारह-ग्यारह साल से बिना सूचना के स्कूल से गायब हैं. इससे स्कूल की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है.

सेवा समाप्ति का नोटिस जारी: जानकारी के मुताबिक बिलासपुर के अधिकतर स्कूलों में कई ऐसे शिक्षक हैं, जो कई सालों से स्कूलों से गायब है. उन्हें बाकायदा तनख्वाह मिल रहा है. इसके अलावा कुछ ऐसे शिक्षक हैं वो तीन साल से ज्यादा समय से स्कूल नहीं पहुंचे है. इसके अलावा शिक्षा विभाग के कर्मचारी और कई शिक्षक 3 साल से कम समय से स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं. इस तरह की प्रवृत्ति वाले टीचर और अधिकारी कर्मचारियों पर अब कलेक्टर ने डंडा चलाना शुरु कर दिया है. इन्हें सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया गया है.

इन शिक्षकों को मिला नोटिस: जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक बिल्लीबंद (कोटा) के शिक्षक बत्तीलाल मीणा 11 साल से स्कूल नहीं गए लेकिन ये वेतन ले रहे हैं. वहीं, मनोरमा तिवारी रिस्दा 10 साल से स्कूल नहीं गई. प्रेमलता पाण्डेय नवागांव 9 साल से स्कूल नहीं गई. राकेश उरांव दर्रीघाट 8 साल तो वहीं अल्का महतो फरहदा 7 साल से स्कूल नहीं गई. नलिनी अग्रवाल दर्रीघाट 6 साल तो दिव्यनारायण रात्रे 6 साल से स्कूल नहीं गई. स्टेनली मार्क एक्का तिफरा 5 साल तो बसंत कुमार लकड़ा ओखर 5 साल से स्कूल नहीं गए.ऐसे और भी कई शिक्षक हैं, जो स्कूल नहीं जाते थे. हालांकि उनके खाते में वेतन का पैसा पहुंच जाता था. इन सभी शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है.

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