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अभय चौटाला ने चाचा रणजीत चौटाला को मंत्री पद से हटाने और अयोग्य घोषित करने की मांग की, हुड्डा पर भी कसा तंज - Abhay Chautala on Ranjit Chautala

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Apr 2, 2024, 9:51 PM IST

Abhay Chautala on Ranjit Chautala
Abhay Chautala on Ranjit Chautala

Abhay Chautala on Ranjit Chautala: हरियाणा में चुनावी मौसम में राजनीतिक नेताओं को बयानबाजियों से सियासी पारा चढ़ा हुआ है. नेताओं का एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है. ऐसे में इनेलो नेता अभय चौटाला ने चाचा रणजीत चौटाला को मंत्री पद से हटाने और अयोग्य घोषित करने की मांग की है. साथ ही विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता पर भी निशाना साधा है.

Abhay Chautala on Ranjit Chautala

रोहतक: हरियाणा में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान चरम पर है. मंगलवार को रोहतक पहुंचे इनेलो नेता अभय चौटाला ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. जहां उन्होंने हिसार लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी रणजीत चौटाला को मंत्री पद से हटाने और अयोग्य घोषित करने की मांग की है. इसके अलावा, उन्होंने हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं.

'प्रदेश में उड़ाई जा रही कानून की धज्जियां': इनेलो नेता अभय चौटाला ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने भी अध्यक्ष पद की गरिमा को खत्म कर दिया है. अभय चौटाला ने संविधान और कानून की धज्जियां उड़ाने का आरोप भी लगाया है. उन्होंने कहा कि संविधान और कानून यह कहता है कि अगर कोई व्यक्ति किसी पार्टी को छोड़कर किसी दूसरी पार्टी में शामिल होता है तो तुरंत ही उसकी सदस्यता चली जाती है और विधानसभा स्पीकर फैसला कर सकता है.

'रणजीत चौटाला को अयोग्य घोषित किया जाए': ऐसे में कोई इस संबंध में शिकायत कर दे तो फिर ऐसे सदस्य को अयोग्य घोषित किया जाता है. लेकिन रणजीत चौटाला के मामले में ऐसा नहीं हुआ. रणजीत चौटाला आजाद विधायक थे लेकिन वे भाजपा में शामिल हो गए और अपना इस्तीफा भी विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया. लेकिन आज तक उसे अयोग्य घोषित नहीं किया गया. क्योंकि अगर अयोग्य घोषित किया जाता है तो मंत्री पद भी चला जाएगा और दोबारा रणजीत चौटाला मंत्री नहीं बन सकते. इसलिए इस मामले में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता भी सही तरीके से जवाब नहीं दे रहे हैं.

'जेल जाने से डर रहे भूपेंद्र हुड्डा': इसके अलावा, अभय चौटाला ने फरवरी 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान प्रदेश में हुई हिंसा का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने हिंसा की साजिश रची और तत्कालीन भाजपा सांसद राजकुमार सैनी को प्रदेश भर में जगह-जगह सुरक्षा के साथ भेजा. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा के साथ मिलकर दूरी बनाए रखी. अब राजकुमार सैनी की अगुवाई में पिछड़ों के संगठनों ने इंडी गठबंधन का समर्थन किया है, तो यह भी हुड्डा की मर्जी से ही हुआ है. दरअसल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा की भाजपा से मिलीभगत है और यह बात कई मौकों पर साबित भी हो चुकी है. अब हुड्डा को अरविंद केजरीवाल की तरह जेल जाने में डर लग रहा है. इसलिए वे भाजपा का साथ दे रहे हैं. इनेलो नेता ने केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों की भी आलोचना की.

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