मंडी: किरतपुर-मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट में बिलासपुर जिला के स्वारघाट से लेकर मंडी जिला के भवाणा तक चार और टनलों का निर्माण किया जाएगा. यह चार टनल उन टनलों के साथ बनाई जाएंगी जहां मौजूदा समय में सिर्फ सिंगल टनल है.
इस फोरलेन प्रोजेक्ट में स्वारघाट से लेकर भवाणा तक पांच स्थानों पर टनलें बनाई गई हैं. स्वारघाट वाली टनल पहले से ही डबल ट्यूब बनाई जा रही है लेकिन यहां पर अभी सिर्फ एक टनल को ही यातायात के लिए बहाल किया गया है जबकि दूसरी टनल का निर्माण कार्य जारी है.
यह निर्माण कार्य मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके बाद आगे की जो चार टनलें हैं वे सभी सिंगल टयूब हैं. इस कारण टनलों से गुजरने वाले ट्रैफिक के कारण इन पर भविष्य में अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है.
भविष्य की इसी चिंता को भांपते हुए एनएचएआई ने इन चारों सिंगल ट्यूब टनलों के साथ एक-एक और टनल बनाने की योजना बनाई है. एनएचएआई किरतपुर-मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वरुण चारी ने बताया "स्वारघाट से लेकर भवाणा तक चार और टनलों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
इन सभी की अलाइनमेंट करके उसे मंजूरी के लिए मंत्रालय को भेजा गया है. जैसे ही इनकी मंजूरी आएगी तो उसके बाद इसकी फाइनल डीपीआर बनाकर पैसा स्वीकृत करवाया जाएगा. डपीआर मंजूर होने के बाद टनलों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा."
कितरपुर से मनाली तक वाहनों की आवाजाही बहुत अधिक संख्या में रहती है. फोरलेन का दबाव टनलों के पास आकर अधिक बढ़ जाता है क्योंकि यहां क्रॉसिंग के लिए सिर्फ सिंगल टयूब टनल हैं. इसी दबाव को कम करने के लिए यहां पर समानांतर में टनलें बनाने की योजना बनाई गई है.
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