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एग्रो फील्ड में स्टार्टअप को लेकर संभावनाओं पर बात, 100 प्रतिभागियों को मिला रोजगार

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 3, 2024, 11:14 PM IST

विकसित भारत की ओर कदम बढ़ाने के लिए देश में स्टार्टअप और इनमें युवाओं की भागीदारी को जरूरी माना गया है. इसी परिकल्पना के आधार पर शनिवार को एक सेमिनार के बाद जयपुर में 100 से ज्यादा युवाओं को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मुहैया करवाए गए.

Deputy CM Rajasthan Premchand Bairwa
उपमुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद बैरवा

एग्रो फील्ड में स्टार्टअप को लेकर संभावनाओं पर बात.

जयपुर. शनिवार को राजधानी में स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योरशिप को तवज्जो देने के लिहाज से एक सेमिनार आयोजित की गई. इस दौरान प्रतिभागियों को एग्रो बेस्ड इंडस्ट्री में रोजगार के अवसर दिए गए. राजस्थान यूनिवर्सिटी के एंटरप्रेन्योर और स्किल डेवलपमेंट सेंटर पर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में केंद्र की विभिन्न योजनाओं के तहत विकसित भारत को साकार करने की दिशा में यह कदम उठाया गया. 'स्टार्टअप बूटकैंप, ए स्टेप टुअर्ड द विकसित भारत एट 2047' की थीम पर इस कार्यक्रम के दौरान बड़ी तादाद में युवा भाग लेने के लिए पहुंचे.

इस कार्यक्रम का उ‌द्घाटन उपमुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद बैरवा ने किया, तो अध्यक्षता राजस्थान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो अल्पना कटेजा ने की. कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग और संघ के वरिष्ठ प्रचारक कैलाश चंद्र शर्मा ने की. डॉ बैरवा ने इस दौरान कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मकसद देश को एक विकासित देश बनाना है. इस तरह की गोष्ठीयों का आयोजन एक सराहनीय कदम है. राष्ट्र के समग्र विकास के लिये उन लोगों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ना है, जो वंचित हैं.

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परंपरागत तरीकों पर रहा जोर: कार्यक्रम के एक सत्र के दौरान मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने परंपरागत तरीकों पर बात की और स्टार्टअप में उन्हें शामिल करने का सुझाव दिया. गर्ग ने बताया कि पुराने दौर में बिना फ्रिज के भी भोजन को संरक्षित किया जाता था. उन्होंने कहा कि घर में जो खाना पकाया जाता था, उसे पौष्टिक तत्वों के साथ गुणवत्ता बरकरार रखी जाती थी. उन्होंने शीतलाष्टमी का भी उदाहरण दिया और कहा कि आधुनिकता के साथ-साथ परंपरागत मूल्यों का नई पीढ़ी को ध्यान रखना चाहिए.

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संघ के कैलाश चन्द्र शर्मा ने कहा कि भारतीय परम्परा रामायण की है, एक भाई से भाई का प्रेम हर प्राणी में आत्मसात करने की आवश्यकता है. इसी परम्परा को आज पारिवारिक जीवन में अपना कर भारतीय संस्कृति को अपने अंदर और समाज में राम राज्य की स्थापना कर जीवन को सफल बनाएं. इससे पहले कार्यक्रम के समन्वयक और उद्यमियता कौशल विकास केन्द्र के निदेशक प्रोफेसर अनुराग शर्मा बताया कि भारत सरकार की स्वरोजगार एवं स्टार्टअप योजनाओं में रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए 100 से अधिक सहभागियों को एग्रो बेस्ड उत्पादन के क्षेत्र में चयनित किया जाएगा.

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कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप्स की संभावना: कार्यक्रम के सहभागियों को संबोधित करते हुए विशेषज्ञ आईएस जायल ने भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि के योगदान की बात कही. उन्होंने कहा कि दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था में 60 से 70 फीसदी आबादी खेती पर निर्भर है. ऐसे में इस क्षेत्र में लगातार स्टार्टअप के जरिए निवेश, रोजगार और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की संभावना रहेगी.

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