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एकता की सिख धारणा से प्रेरित हूं: अमेरिकी संसदीय चुनाव की उम्मीदवार क्रिस्टल कौल

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By PTI

Published : Feb 23, 2024, 11:46 AM IST

प्रसिद्ध भारतीय अमेरिकी रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ रिस्टल कौल का कहना है कि अमेरिकी कांग्रेस के लिए उनका चुनाव एकता की सिख परंपरा और समुदाय को वापस देने की मजबूत भावना से प्रेरित है. पढ़ें पूरी खबर...

US parliamentary election candidate Crystal Kaul
अमेरिकी संसदीय चुनाव की उम्मीदवार क्रिस्टल कौल

वाशिंगटन : प्रख्यात भारतीय अमेरिकी रक्षा एवं राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ क्रिस्टल कौल का कहना है कि अमेरिकी संसद (कांग्रेस) के चुनाव में उनका उम्मीदवार बनना एकता की सिख परंपरा की मजबूत धारणा से प्रेरित है.

क्रिस्टल ने हाल में 'पीटीआई-भाषा' को दिए साक्षात्कार में कहा कि मैं आधी कश्मीरी पंडित और आधी पंजाबी सिख हूं. मुझे अपनी दोनों सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों पर बहुत गर्व है. अमेरिका में पली-बढ़ी होना, दोनों संस्कृतियों से जुड़ा होना कुछ अनोखा है. मेरे दादा-दादी और माता-पिता से मुझे यह मिला है. मुझे आज कांग्रेस चुनाव में खड़ी होने वाली पहली कश्मीरी पंडित और एकमात्र सिख महिला होने पर गर्व है.

अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, पंजाबी, स्पेनिश, इतालवी, अरबी, दारी और कश्मीरी समेत नौ भाषाएं जानने वाली कौल वर्जीनिया के 10वें संसदीय जिले से चुनाव लड़ रही हैं. मौजूदा सांसद जेनिफर वेक्सटन इस बार चुनाव नहीं लड़ रहीं हैं, इसलिए इस सीट पर कौल के लिए मुकाबला थोड़ा आसान हो सकता है. कौल ने कहा कि मेरी नानी विमल चड्ढा मलिक मुझे न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड में ग्लेन कोव गुरुद्वारा ले जाती थीं. वहां मैं लंगर में सेवा करती थी. मैंने सिख परंपराओं और एकता की धारणा के बारे में बहुत कुछ सीखा. मुझे उस पर गर्व है.

उल्लेखनीय है कि दलीप सिंह सौंद पहले भारतीय अमेरिकी सिख थे, जो 1957 से तीन बार कैलिफोर्निया के 29वें संसदीय जिले से अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए थे. फिलहाल संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में पांच भारतीय अमेरिकी हैं, जिनमें डॉ. एमी बेरा, रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति, प्रमिला जयपाल और श्री थानेदार शामिल हैं. जयपाल प्रतिनिधि सभा के लिए चुनी गईं पहली और एकमात्र भारतीय अमेरिकी महिला हैं.

कौल ने कहा कि दलीप सिंह सौंद ऐसा नाम है जिसे अक्सर भुला दिया जाता है. उन्होंने कहा, 'आज हम उन पांच भारतीय अमेरिकी सदस्यों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो संसद सदस्य हैं, लेकिन उन सभी से पहले एक सिख व्यक्ति था जो एक बाहरी व्यक्ति के रूप में आया था और उस समय अपने जिले में बड़े पैमाने पर समुदाय का समर्थन प्राप्त करने में सक्षम था. यह ऐसी चीज है जिस पर मुझे गर्व है और मुझे लगता है कि यह बहुत उल्लेखनीय है.'

उन्होंने कहा कि अमेरिका में विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद, सिख समुदाय को राजनीति में ज्यादा प्रतिनिधित्व नहीं मिलता. कौल ने कहा कि सिख समुदाय ने भारतीय अमेरिकी समुदाय के रूप में, बल्कि एक उपसमूह के रूप में शिक्षा, व्यापार और इंजीनियरिंग के मामले में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. इस समूह को निश्चित रूप से प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है. बेशक, सिखों के खिलाफ भेदभाव के बहुत सारे मामले सामने आए हैं, जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.

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क्रिस्टल ने हाल में 'पीटीआई-भाषा' को दिए साक्षात्कार में कहा कि मैं आधी कश्मीरी पंडित और आधी पंजाबी सिख हूं. मुझे अपनी दोनों सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों पर बहुत गर्व है. अमेरिका में पली-बढ़ी होना, दोनों संस्कृतियों से जुड़ा होना कुछ अनोखा है. मेरे दादा-दादी और माता-पिता से मुझे यह मिला है. मुझे आज कांग्रेस चुनाव में खड़ी होने वाली पहली कश्मीरी पंडित और एकमात्र सिख महिला होने पर गर्व है.

अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, पंजाबी, स्पेनिश, इतालवी, अरबी, दारी और कश्मीरी समेत नौ भाषाएं जानने वाली कौल वर्जीनिया के 10वें संसदीय जिले से चुनाव लड़ रही हैं. मौजूदा सांसद जेनिफर वेक्सटन इस बार चुनाव नहीं लड़ रहीं हैं, इसलिए इस सीट पर कौल के लिए मुकाबला थोड़ा आसान हो सकता है. कौल ने कहा कि मेरी नानी विमल चड्ढा मलिक मुझे न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड में ग्लेन कोव गुरुद्वारा ले जाती थीं. वहां मैं लंगर में सेवा करती थी. मैंने सिख परंपराओं और एकता की धारणा के बारे में बहुत कुछ सीखा. मुझे उस पर गर्व है.

उल्लेखनीय है कि दलीप सिंह सौंद पहले भारतीय अमेरिकी सिख थे, जो 1957 से तीन बार कैलिफोर्निया के 29वें संसदीय जिले से अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए थे. फिलहाल संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में पांच भारतीय अमेरिकी हैं, जिनमें डॉ. एमी बेरा, रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति, प्रमिला जयपाल और श्री थानेदार शामिल हैं. जयपाल प्रतिनिधि सभा के लिए चुनी गईं पहली और एकमात्र भारतीय अमेरिकी महिला हैं.

कौल ने कहा कि दलीप सिंह सौंद ऐसा नाम है जिसे अक्सर भुला दिया जाता है. उन्होंने कहा, 'आज हम उन पांच भारतीय अमेरिकी सदस्यों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो संसद सदस्य हैं, लेकिन उन सभी से पहले एक सिख व्यक्ति था जो एक बाहरी व्यक्ति के रूप में आया था और उस समय अपने जिले में बड़े पैमाने पर समुदाय का समर्थन प्राप्त करने में सक्षम था. यह ऐसी चीज है जिस पर मुझे गर्व है और मुझे लगता है कि यह बहुत उल्लेखनीय है.'

उन्होंने कहा कि अमेरिका में विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद, सिख समुदाय को राजनीति में ज्यादा प्रतिनिधित्व नहीं मिलता. कौल ने कहा कि सिख समुदाय ने भारतीय अमेरिकी समुदाय के रूप में, बल्कि एक उपसमूह के रूप में शिक्षा, व्यापार और इंजीनियरिंग के मामले में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. इस समूह को निश्चित रूप से प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है. बेशक, सिखों के खिलाफ भेदभाव के बहुत सारे मामले सामने आए हैं, जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.

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