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तंजील खान के घर में 1 हजार गौरेया का बसेरा, शिकार करने पर 36 लोगों पर दर्ज करायी थी FIR, CCTV से करते निगरानी

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 20, 2024, 4:55 PM IST

तंजील खान के घर में गौरेया का बसेरा
तंजील खान के घर में गौरेया का बसेरा

World Sparrow Day : विश्व गौरेया दिवस 2024 के मौके पर ऐसे व्यक्ति की बात करेंगे जो पिछले 12 साल से गौरेया का संरक्षण कर रहे हैं. किसी ने एक बार एक गौरेया को मार दिया था. इसको लेकर खूब बवाल हुआ था. 36 लोगों पर केस दर्ज किया गया था. पढ़ें पूरी खबर.

तंजील खान के घर में गौरेया का बसेरा

गया: 20 मार्च को विश्व गौरेया दिवस मनाया गया. हर साल इस दिन गौरेया दिवस मनाया जाता है लेकिन संरक्षण के लिए बहुत कम ही लोग आगे आते हैं. बिहार के गौरेया मैन से पहचान बनाने वाले तंजीर खान अपने घरों में गौरेया को पाले हुए हैं. इस पहल से आज पूरे गांव में करीब 1000 से ज्यादा गौरेया को पाला जा रहा है. अब लोग गौरेया का शिकार करने के बजाय संरक्षित करने में जुटे हैं.

चहचहाहट से दिन भर गूंजता गांवः वर्तमान दौर में देखा जाए तो अब घर के आंगन में गौरैये नहीं आते. अपवाद को छोड़ दे तो गौरेया को देखना भी मुश्किल हो जाता है. लेकिन तंजील खान की पहल रंग ला रही है. तंजील खान के घर बगीचे में सैकड़ो की संख्या में गौरैया देखे जा सकते हैं. इनका पूरा घर, बगीचा-आंगन गौरयों की चहचहाहट से दिन भर गूंजता रहता है.

12 साल से गौरेया को दे रहे संरक्षणः गया जिले के खंडैल गांव निवासी तंजील खान ने ईटीवी भारत से बातचीच करते हुए कहा कि वे पिछले 12 साल से गौरेया को संरक्षण दे रहे हैं. गांव में गौरेया के एक घोंसला को किसी ने तोड़ दिया तो उसके बाद उनके मन में ख्याल आया कि अगर कोई मेरा घर तोड़ दे तो कैसा महसूस होगा. गौरेया भी पर्यावरण के अंग है. बस यही विचार के आने के बाद तंजील खान ने गौरयों को संरक्षण देना शुरू कर दिया.

तंजील खान के घर में गौरेया का घोंसला
तंजील खान के घर में गौरेया का घोंसला

"पहले नींबू के पेड़ पर मिट्टी के बर्तन का घोंसला बनाया तो गौरैया आने लगे. इसके बाद 40 घड़े और टांगे. गोरेयों का आना काफी संख्या में शुरू हो गया. इसके बाद मकान और बगीचे में काठ की लवनी यानी घोंसले बनाए हैं. पिछले 12 वर्षों से गोरेयों को संरक्षण दे रहे हैं. पहले लोग मार देते थे लेकिन अब इसे संरक्षण दे रहे हैं. खंडैल समेत कई गांव में गौरेया को संरक्षित करने का काम किया जा रहा है." -तंजीर खान, गौरेया संरक्षक

गौरेया को मारने के विवाद में 36 लोगों पर केस दर्जः तंजील खान बताते हैं कि एक बार एयर गन से किसी ने गौरैया को मार दिया था. इसको लेकर विवाद भी हुआ था. 36 लोगों के खिलाफ प्राथमिक दर्ज की गई थी. तंजील खान गौरैया को शिकार करने पर लड़ाई झगड़ा कर देते थे. बताते हैं कि अब गुलेल वाले शिकारी भी उनके गांव से दूर हट गए हैं.

अब शिकारी भी रहते हैं दूरः तंजील खान को गौरैया से काफी लगाव है. गौरैया को संरक्षित करने की कोशिश के बीच अब उनके घर, बगीचे और गांव में गौरेया के साथ-साथ अन्य पंछी भी आ रहे हैं. गौरैया के साथ-साथ बुलबुल, मैना, कोयल, बन मुर्गी तक पहुंचती है. यह पंक्षी निर्भीक होकर घूमती है क्योंकि उन्हें पता चल गया है कि उनका शिकार यहां कोई नहीं कर सकता.

"शुरू में परिवार वालों ने भी साथ नहीं दिया था लेकिन अब पूरा गांव साथ दे रहे हैं. गांव में गौरेया की चहचहाहट सुनी जा सकती है. इस गांव के पेड़ों के साथ-साथ बगीचों और घर में गौरेया की काफी संख्या है." -तंजीर खान, गौरेया संरक्षक

तंजील खान के आंगन में गौरेया
तंजील खान के आंगन में गौरेया

सीसीटीवी से निगरानीः तंजील खान गौरैया के प्रति इस कदर गंभीर रहते हैं कि यदि गौरेया के खिलाफ कोई कुछ करता है तो वह काफी गुस्से हो जाते हैं. गौरेया के संरक्षण के लिए अपने घर और बगीचे में सीसीटीवी कैमरे भी लगा दिए हैं. इन सीसीटीवी कैमरे से वे देखते रहते हैं कि कोई गौरैया का शिकार तो नहीं कर रहा. फिलहाल गौरेया संरक्षण को लेकर तंजील खान काफी चर्चित हैं.

खेतों में कीटों से सुरक्षाः तंजील खान बताते हैं कि गौरैया संरक्षित रहेगी तो पर्यावरण संतुलित रहेगा. उन्हें प्राकृतिक से काफी लगाव है. वे बताते हैं कि उन्होंने आज तक अपने खेतों में कीटनाशक नहीं डाले. क्योंकि गौरैया कीट पसंद करते हैं. यही वजह है कि वह सारे हानिकारक कीटों को खा लेते हैं और फिर खेतों में किसी प्रकार का कीटनाशक डालने की जरूरत नहीं पड़ती है.

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