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पश्चिम बंगाल : नाबालिग से रेप के आरोपी को 20 साल कारावास की सजा

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 24, 2024, 7:56 PM IST

Jhargram POCSO court : पश्चिम बंगाल की झारग्राम की पॉक्सो कोर्ट ने रेप के आरोपी को 20 साल कारावास की सजा सुनाई. साथ ही कोर्ट ने कहा कि जुर्माना नहीं भरने पर दो माह और सजा काटनी होगी.

court
कोर्ट

झारग्राम : पश्चिम बंगाल के झारग्राम की पॉक्सो अदालत ने नाबालिग से बलात्कार के आरोप में अधेड़ व्यक्ति को 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने आरोप पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. लेकिन जुर्माना अदा नहीं कर पाने पर आरोपी को दो माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.

मामले में कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए आरोपी बिलास महतो को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई. वहीं न्यायाधीश ने पॉक्सो एक्ट की धारा 8 के मुताबिक 3 साल सश्रम कारावास के साथ 3 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. वहीं जुर्माना नहीं भर पाने या चूक की स्थिति में 10 दिन की कैद का आदेश दिया. इसी तरह आईपीसी की धारा 506 के तहत आरोपी बिलास महतो पर 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. वहीं जज ने रेप पीड़िता को 3 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक नाबालिग से दुष्कर्म की घटना पांच साल पहले जामबनी थाना क्षेत्र में हुई थी. आरोप है कि 7 फरवरी 2019 को आरोपी बिलास नाबालिग पीड़िता के घर उस समय गया जब नाबालिग के घर पर कोई नहीं था. मौके का फायदा उठाकर आरोपी ने नाबालिग से रेप किया. साथ ही आरोपी ने पीड़िता को घटना के बारे में किसी को बताने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी.

इस पर पीड़िता ने डर की वजह से घटना के बारे में किसी को जानकारी नहीं दी. इतना ही नहीं आरोपी एक बार फिर 19 अप्रैल 2019 को नाबालिग को जंगल में ले गया और उसके साथ दोबारा दुष्कर्म किया. वहीं परेशान नाबालिग ने घटना के बारे में परिवारवालों को बता दिया. इस पर पीड़िता के परिजनों ने 23 अप्रैल को जामबनी थाने में लिखित में शिकायत दर्ज कराई. हालांकि पुलिस ने मामले की प्राथमिक जांच कर तुरंत आरोपी बिलास को गिरफ्तार कर लिया. वहीं पुलिस ने दो महीने के अंदर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया.

वकील के मुताबिक मामले की गवाही जनवरी 2021 में शुरू हुई. साथ ही कोर्ट ने गुरुवार को आरोपी बिलास को दोषी पाया, लेकिन जज ने शुक्रवार को विलास महतो की सजा का ऐलान किया. पॉक्सो कोर्ट के लोक अभियोजक सुभाशीष द्विवेदी ने कहा कि इस संबंध में 11 लोगों की गवाही ली गई. वहीं, 14 महत्वपूर्ण दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गए. न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के सवाल-जवाब सुनने के बाद आरोपी को 20 साल सश्रम कारावास की सजा देने का आदेश दिया. चूंकि दोषी व्यक्ति 49 दिनों तक जेल में रहा था, इस वजह से 20 साल की कैद में से 49 दिन निकालने का आदेश दिया गया. झारग्राम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अभियान) गुलाम सरवर ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने पर विचार कर रहे हैं कि गवाह बिना किसी डर के गवाही दे सकें.

ये भी पढ़ें - बिलकिस बानो मामला, एक दोषी को मिली10 दिन की पैरोल

झारग्राम : पश्चिम बंगाल के झारग्राम की पॉक्सो अदालत ने नाबालिग से बलात्कार के आरोप में अधेड़ व्यक्ति को 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने आरोप पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. लेकिन जुर्माना अदा नहीं कर पाने पर आरोपी को दो माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.

मामले में कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए आरोपी बिलास महतो को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई. वहीं न्यायाधीश ने पॉक्सो एक्ट की धारा 8 के मुताबिक 3 साल सश्रम कारावास के साथ 3 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. वहीं जुर्माना नहीं भर पाने या चूक की स्थिति में 10 दिन की कैद का आदेश दिया. इसी तरह आईपीसी की धारा 506 के तहत आरोपी बिलास महतो पर 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. वहीं जज ने रेप पीड़िता को 3 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक नाबालिग से दुष्कर्म की घटना पांच साल पहले जामबनी थाना क्षेत्र में हुई थी. आरोप है कि 7 फरवरी 2019 को आरोपी बिलास नाबालिग पीड़िता के घर उस समय गया जब नाबालिग के घर पर कोई नहीं था. मौके का फायदा उठाकर आरोपी ने नाबालिग से रेप किया. साथ ही आरोपी ने पीड़िता को घटना के बारे में किसी को बताने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी.

इस पर पीड़िता ने डर की वजह से घटना के बारे में किसी को जानकारी नहीं दी. इतना ही नहीं आरोपी एक बार फिर 19 अप्रैल 2019 को नाबालिग को जंगल में ले गया और उसके साथ दोबारा दुष्कर्म किया. वहीं परेशान नाबालिग ने घटना के बारे में परिवारवालों को बता दिया. इस पर पीड़िता के परिजनों ने 23 अप्रैल को जामबनी थाने में लिखित में शिकायत दर्ज कराई. हालांकि पुलिस ने मामले की प्राथमिक जांच कर तुरंत आरोपी बिलास को गिरफ्तार कर लिया. वहीं पुलिस ने दो महीने के अंदर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया.

वकील के मुताबिक मामले की गवाही जनवरी 2021 में शुरू हुई. साथ ही कोर्ट ने गुरुवार को आरोपी बिलास को दोषी पाया, लेकिन जज ने शुक्रवार को विलास महतो की सजा का ऐलान किया. पॉक्सो कोर्ट के लोक अभियोजक सुभाशीष द्विवेदी ने कहा कि इस संबंध में 11 लोगों की गवाही ली गई. वहीं, 14 महत्वपूर्ण दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गए. न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के सवाल-जवाब सुनने के बाद आरोपी को 20 साल सश्रम कारावास की सजा देने का आदेश दिया. चूंकि दोषी व्यक्ति 49 दिनों तक जेल में रहा था, इस वजह से 20 साल की कैद में से 49 दिन निकालने का आदेश दिया गया. झारग्राम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अभियान) गुलाम सरवर ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने पर विचार कर रहे हैं कि गवाह बिना किसी डर के गवाही दे सकें.

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