भद्राचलम: तेलंगाना के भद्राद्रि कोठागुडेम जिले के एक निजी अस्पताल का अमानवीय चेहरा सामने आया हैं. भद्राचलम शहर के एक निजी अस्पताल में बुधवार देर शाम इलाज दौरान बच्चे की मौत हो गई. 30 हजार बिल बकाया होने पर अस्पताल प्रशासन ने बच्चे का शव देने से मना कर दिया.
बताया जा रहा है कि डायरिया की बीमारी से पीड़ित होने के कारण बच्चे को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. जहां बीती रात (16 मई) बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई. बच्चे की मौत के बाद आदिवासी परिजन लाश लेने अस्पताल पहुंचे लेकिन अस्पताल की तरफ से उन्हें शव देने से मना किया गया. और उनसे पैसों की मांग करते हुए करीब 30 हजार रुपए की बिल थमा दी गई.
परिजनों ने अस्पताल को पहले ही रुपए जमा किए थे लेकिन अस्पताल की तरफ से उससे अधिक और पैसों की मांग की जा रही थी. परिजनों ने बताया कि लाश को पिछले कई घंटे से अस्पताल ने बंधक बना कर रखा था, आदिवासी परिवार, 30 हजार की राशि का तो भुगतान नहीं कर सका, लेकिन बाद में अस्पताल की मनमानी के आगे झुककर मध्यस्थों के साथ समझौता कर लिया और 7 रुपये का भुगतान कर बच्चे का शव घर ले आए.
बता दें, आंध्र प्रदेश के एलुरु के कुरुमालतोगु गांव में डायरिया का प्रकोप फैला हुआ है. डायरिया के कारण गांव के एक और व्यक्ति की जान चली गई है. एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान गुरुवार सुबह मदकम देवा (8) की मौत हो गई. इससे पहले गांव के दो अन्य गंभीर दस्त और उल्टी से पीड़ित थे और उन्हें उप्परू में एक आरएमपी में ले जाया गया था. हालत गंभीर होने के कारण उन्हें भद्राचलम के एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है.
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