देहरादून (उत्तराखंड): गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही 30 अप्रैल से उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2025 की शुरुआत हो जाएगी. गंगोत्री-यमुनोत्री के बाद के दो मई को केदारनाथ और चार मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे. चारधाम यात्रा में वैसे सरकार से लेकर शासन-प्रशासन और पुलिस के सामने कई चुनौतियां आती हैं, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती आम श्रद्धालुओं को केदारनाथ हेली सर्विस के नाम पर होने वाली ठगी से बचाना है. जिसके लिए पुलिस ने एक प्लान भी तैयार किया है.
दरअसल, चारधाम यात्रा में हर साल बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं. इस दौरान सबसे ज्यादा मारामारी केदारनाथ हेली टिकट के लिए होती है, जिसका सबसे ज्यादा फायदा ठग उठाते हैं. ठग ऑनलाइन और अन्य तरीकों से भोले-भाले श्रद्धालुओं को अपने जाल में फंसाते और उन्हें केदारनाथ हेली सेवा का टिकट ब्लैक में देने का लालच देकर मोटी रकम ठग लेते हैं.
केदारनाथ की सबसे कठिन यात्रा: बता दें कि चारधाम में सबसे ज्यादा कठिन यात्रा केदारनाथ धाम की ही मानी जाती है. केदारनाथ धाम तक जाने के लिए श्रद्धालुओं को करीब 20 किमी की कठिन चढ़ाई चढ़नी पड़ती हैं. इस यात्रा को श्रद्धालु पैदल, घोड़ा खच्चर, डंडी-कंडी और हवाई सेवा से करते हैं, जिसमें सबसे आसान और सुविधाजनक यात्रा के रूप में हवाई सेवा को देखा जाता है, लेकिन टिकटों की सीमित संख्या होने के कारण हेली सेवा का लाभ सबको नहीं मिल पाता है. इसी का ठग फायदा उठाते हैं.
फर्जी वेबसाइट से भी ठगी: साइबर ठगों का सबसे आसान तरीका केदारनाथ हेली सेवा के नाम पर तैयार की गई फर्जी वेबसाइट है. श्रद्धालु जब भी केदारनाथ हेली सेवा के नाम से नेट पर सर्च करते है तो वहां पर कुछ फर्जी वेबसाइट आ जाती हैं, जिनके बारे में श्रद्धालु को कुछ ज्यादा पता नहीं होता है. श्रद्धालु वहां से टिकट तो बुक कर लेते हैं, लेकिन बाद में जब वो टिकट लेकर हेली सेवा कंपनी के पास पहुंचते हैं तो पता चलता है कि वो टिकट फर्जी है. ऐसे में सबसे पहले तो ऐसी फर्जी वेबसाइट से सावधान रहना होगा.
दूसरा तरीका: इसके अलावा कुछ लोग सिस्टम को तोड़कर कम दाम में टिकट लेकर उन्हें कई गुना ज्यादा दामों पर भी बेच देते हैं, जिन पर भी पुलिस की टीम नजर रखे हुई है. ताकि सरकार द्वारा तय दामों पर ही श्रद्धालुओं को टिकट मिल सके और केदारनाथ हेली सेवा की टिकट ब्लैक न हो.
पुलिस की साइबर एक्सपर्ट टीम ने बनाया चक्रव्यूह: इस बार चारधाम यात्रा के दौरान पुलिस की साइबर एक्सपर्ट टीम भी हवाई सेवा को लेकर अहम भूमिका में होगी. दरअसल, साइबर एक्सपर्ट टीम ने यात्रा शुरू होने से पहले ही ऐसी तमाम वेबसाइट्स को चिन्हित करते हुए उनकी जांच शुरू कर दी है जो चारधाम यात्रा में हवाई सेवा देने के नाम पर चलाई जा रही हैं.
साइबर एक्सपर्ट न केवल इन वेबसाइट्स की जांच करेंगे, बल्कि यात्रा सीजन के दौरान उनकी गतिविधियों पर भी नजर रखेंगे. यानी साइबर एक्सपर्ट्स डिजिटल माध्यम में अपनी पकड़ को इस कदर मजबूत करेंगे कि कोई भी फर्जी वेबसाइट एक्सपर्ट्स के चक्रव्यूह को नहीं तोड़ पाएगी.
सीएम धामी पहले ही दे चुके निर्देश: चारधाम यात्रा के दौरान हवाई सेवा के नाम पर ठगी या ब्लैक टिकटिंग का मामला कितना गंभीर है, इसको इसी बात से समझा जा सकता है कि खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मामले में पुलिस के अधिकारियों को दिशा निर्देश दे चुके हैं.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए यह स्पष्ट किया है कि हवाई सेवा में ठगी से जुड़े मामलों पर विजिलेंस सीधे तौर से नजर रखें, ताकि ऐसी घटनाओं की संभावना न रहे और ऐसा करने वालों की धरपकड़ के साथ उनके मंसूबों को फेल किया जा सके.
पहले भी किए गए कई प्रयास: चारधाम यात्रा में हेली सेवा के नाम पर ठगी का ये खेल बीते कई सालों से चल रहा है. पुलिस भी इस पर लगाम लगाने के लिए कई प्रयास कर चुकी है, लेकिन हर बार वो नकाफी ही साबित हुए हैं. साइबर ठग किसी न किस तरह आम श्रद्धालुओं को चूना लगाने में कामयाब हो जाते हैं.
IRCTC की वेबसाइट से होगी हेली टिकटों की बुकिंग: सरकार ने पहले गढ़वाल मंडल विकास निगम यानी जीएमपीएन की साइट से हेली टिकटों के बुकिंग की व्यवस्था की थी, लेकिन बाद में सरकार ने इस व्यवस्था को खत्म किया और हेली सेवा की सभी टिकटों की बुकिंग की जिम्मेदारी अब IRCTC (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) को दी गई है.
इस बार साइबर सेल से कड़ी निगरानी रहेगी. केदारनाथ और चारधाम हेली सेवा के नाम पर जो भी फर्जी वेबसाइट चल रही है, उनका पता लगाया जा रहा है. पुराने अनुभव से सबक लिया जा रहा है. सोशल मीडिया से जरिए भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वो इस तरह की धोखाधड़ी से कैसे बच सकते है. उत्तराखंड साइबर पुलिस का नंबर भी जारी किया जाएगा, जहां पर कॉल कर कोई भी व्यक्ति हेली सेवा से जुड़ी कोई भी जानकारी ले सकता है.
-निलेश भरणे, IG लॉ एंड ऑर्डर, उत्तराखंड पुलिस -
10 प्रतिशत यात्री हवाई सेवा का इस्तेमाल करते हैं:
- कुछ आंकड़ों पर गौर करें तो यह कहा जा सकता है कि केदारनाथ धाम आने वाले कुल श्रद्धालुओं में से करीब दस प्रतिशत भक्त हवाई सेवा का इस्तेमाल करते है.
- देखा जाए तो करीब 8 से 10% यात्री ऐसे होते हैं, जो हवाई सेवा के माध्यम से बाबा केदार के धाम तक पहुंचाते हैं.
- साल 2014 में कुल 158,444 यात्रियों ने हवाई सेवा का लाभ लिया था.
- साल 2020 में कोविड के चलते यह संख्या घटकर 40224 हो गई थी.
- साल 2021 में कोविड पीक पर गया तो यात्रियों की संख्या कम होने के साथ हवाई सेवा का लाभ लेने वाली यात्रियों की संख्या भी 35342 पहुंच गई.
- साल 2022 में कुल 141600 यात्रियों ने हवाई सेवा का उपयोग किया था.
यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ बढ़ी कंपनियां:
- राज्य में केदारनाथ यात्रा के दौरान साल 2004 में केवल एक कंपनी से हवाई सेवा देने की शुरुआत हुई थी.
- साल 2006 में इनकी संख्या बढ़ाकर 4 कर दी गई.
- साल 2013 की आपदा के बाद साल 2014 में केदारनाथ पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ी.
- साल 2014 में हेली कंपनियों की संख्या बढ़कर 9 हो गई.
- इस तरह अब केदारनाथ धाम में 9 कंपनियां अपनी सर्विस देंगी.
केदारनाथ में सर्विस देने वाली प्रमुख हेली कंपनियां: मुख्य रूप से केदारनाथ के लिए गुप्तकाशी, फाटा, सिरसी से हवाई सेवा दी जाती है. जिसमें पवन हंस, ग्लोबल विक्ट्रा, हिमालयन हेली, कैस्ट्रॉल एवियशन, थंबी एवियशन, एयरो एयरक्राफ्ट और ट्रांस भारत कंपनी शामिल हैं.
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